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    जम्मू-कश्मीर: हीरानगर में तरनाह नाले के पास अतिक्रमण हटाने गई टीम पर लोगों ने बरसाए पत्थर, पुलिस ने संभाला मोर्चा

    Updated: Tue, 04 Nov 2025 08:52 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर के हीरानगर में तरनाह नाले के पास अतिक्रमण हटाने गई राजस्व विभाग और पुलिस की टीम पर कुछ लोगों ने पथराव किया। सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे को हटाने की कार्रवाई का विरोध किया गया। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में किया और अतिक्रमण हटाने का अभियान जारी रहा। स्थानीय लोगों ने नशीले पदार्थों की तस्करी और सुरक्षा संबंधी चिंताओं पर प्रकाश डाला।

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    तरनाह नाले के पास अवैध कब्जा हटाने गई पुलिस टीम पर पथराव (प्रतीकात्मक फोटो)

    संवाद सहयोगी, हीरानगर। छपाकी स्थित तरनाह नाले के पास मंगलवार दोपहर राजस्व विभाग द्वारा अतिक्रमण हटाए जाने की कारवाही किए जाने पर स्थिति तनावपूर्ण हो गए।

    तहसीलदार के नेतृत्व में राजस्व विभाग और पुलिस की टीम जब छपाकी तरनाह नाले में सरकारी भूमि पर किए गए अवैध कब्जा हटाने के लिए पहुंची तो एक विशेष समुदाय के कुछ लोगों ने विरोध करते हुए पथराव शुरू कर दिया।

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    इस सप्ताह में राजबाग पुलिस टीम पर दूसरी बार पथराव किया गया। मौके पर एसएचओ राजबाग, अन्य पुलिस चौकियों से आई टीम और एसओजी के जवान भी मौके पर मौजूद थे। हालांकि, उन्होंने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए स्थिति को तत्काल नियंत्रित कर लिया।

    इसके बाद राजस्व विभाग द्वारा सरकारी भूमि से कब्जे हटाने के लिए कारवाही चलती रही। पथराव से कुछ समय के लिए अफरा तफरी मच गई और कुछ वाहनों को नुकसान पहुंचा, कुछ पुलिसकर्मियों को भी चोटें आई, लेकिन पुलिस बल ने स्थिति को संभालते हुए हालात को सामान्य कर दिया।

    लदवाल पंचायत के पूर्व सरपंच मदन गोपाल का कहना है कि छपाकी के पास तरनाह नाले के साथ लगती सरकारी व घास चराई की भूमि पर एक विशेष समुदाय के लोग पिछले चार- पांच साल से अवैध कब्जे करते आ रहे हैं।

    इस क्षेत्र में में पिछले कुछ वर्षों से नशीले पदार्थों और पशुओं की तस्करी के मामले भी बढ़ रहे हैं ओर स्थानीय लोग डर के मारे उस क्षेत्र में नहीं जाते। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों से अवैध कब्जे हटाने की मांग हम पहले भी करते रहे हैं और कुछ माह पहले भी प्रशासन ने कारवाही की भी थी, लेकिन अब दोबारा लोग अवैध कब्जे कर रहे थे।

    प्रशासन को अवैध कब्जे करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। वहीं समाजसेवी राजेश्वर गरोच का कहना है कि तरनाह समेत अन्य नालों के किनारों और घास चराई भूमि पर गुज्जर समुदाय के लोग पिछले कई वर्षों से अवैध कब्जे करते आ रहे हैं।

    बहरहाल, एक माह पूर्व भी स्थानीय लोगों ने प्रशासन से नालों के किनारों पर हो रहे अवैध कब्जे हटाने की मांग की थी और अब राजस्व विभाग ने अभियान शुरू कर दिया है।

    हीरानगर के एसडीएम फुलैल सिंह ने कहा कि अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया कानून के अनुसार की जा रही थी। छपाकी तरनाह नाले में कुछ लोगों ने 32 कनाल सरकारी भूमि पर कब्जा कर रखा था। इससे पहले भी कार्रवाही कर अतिक्रमण हटाया गया था। कुछ लोगों ने लगभग 15 कनाल भूमि पर दोबारा कब्जा कर लिया था।

    तहसीलदार अनुप कुमार ने कहा कि राजस्व विभाग की टीम ने दस-बारह अवैध कुल्लों को हटवाया है। किसी को भी कानून हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

    राजबाग के एसएचओ अजय चिब ने कहा कि  छपाकी तरनाह नाले के पास अवैध कब्जे हटाने की कार्यवाही की गई थी। इस दौरान कुछ लोगों ने पथराव किया था, लेकिन पुलिस ने नियंत्रण कर लिया। इस दौरान कोई पुलिस कर्मी घायल नहीं हुआ है।

    गौर हो कि हीरानगर सेक्टर घुसपैठियों का रूट रहा है। अगर तरनाह समेत अन्य नालो पर संदिग्ध लोग बस जाएंगे तो सुरक्षा को लेकर भी खतरा बना रहता है। नालों पर अवैध कब्जे करने वालों की जांच के साथ-साथ उन्हें भूमि से बेदखल करने की लगातार मांग की जाती रही है। स्थानीय लोग प्रशासन से पहले भी कार्रवाई करने की मांग करते रहे हैं।