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    हीरानगर में तेज बारिश और आंधी से किसानों की फसलें बर्बाद, उठने लगी सरकार से मुआवजे की मांग

    Updated: Fri, 03 Oct 2025 04:03 PM (IST)

    हीरानगर में बारिश और आंधी ने किसानों की मेहनत बर्बाद कर दी। बासमती की फसल को भारी नुकसान हुआ खेत में फसलें गिर गईं और कटी हुई फसलें भीग गईं। किसानों ने नुकसान का आकलन कर केसीसी ऋण माफ करने की मांग की है। बिजली लाइनों को भी नुकसान पहुंचा जिससे यातायात बाधित हुआ। किसानों को मौसम की मार से भारी नुकसान हो रहा है।

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    कृषि विभाग ने नुकसान की रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

    संवाद सहयोगी, जागरण, हीरानगर। हीरानगर के सीमावर्ती क्षेत्र में रात को हुई तेज बारिश और आंधी ने किसानों की साल भर की मेहनत पर पानी फेर दिया है। बारिश के साथ चली आंधी से खेतों में खड़ी बासमती की फसल बुरी तरह से प्रभावित हुई है। खेतों में फसल जमींदोज हो गई है, जिन किसानों ने मोटे धान की कटाई कर रखी थी, वो भी पानी जमा होने से गिली हो गई है।

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    फसलों को हुए नुकसान की भरपाई की मांग

    किसानों ने कृषि विभाग से नुकसान की रिपोर्ट तैयार कर सरकार से केसीसी पर लिए ऋण माफ करवाने की मांग की है। किसानों का कहना है कि पहले बाढ़ से फसलों को नुकसान पहुंचा था, रही सही कसर आंधी, बारिश ने पूरी कर दी। सरकार को किसानों की चिंताओं पर गौर करना चाहिए।

    बिजली की लाइनें भी प्रभावित

    बारिश और आंधी की मार सिर्फ खेतों तक सीमित नहीं रही, सीमावर्ती क्षेत्र के मनियारी लच्छी पुर क्षेत्र बिजली की 11 हजार केवी लाइन के खंभे सड़क पर गिर जाने से वाहनों की आवाजाही भी बंद हो गई और दोपहर तक बिजली गुल रही। वहीं कई टीन शेड भी आंधी से उड़ गए और दर्जनों वृक्ष जड़ों से उखड गए।

    क्या कहते हैं किसान

    पहले बरसात में नालों में आई बाढ से सीमावर्ती क्षेत्र में धान की फसल को भारी नुक्सान पहुंचा था।जो फसल बची थी,अब बह भी जमींदोज हो गई है और जो मोटे धान की कटाई हो रही थी, बारिश से कटी हुई फसल भी पानी जमा होने से गिली हो गई है। किसानों को मौसम में आए बदलाव से नुक्सान उठाना पड़ रहा है। भगवान दास स्थानीय किसान।

    बासमती की फसल कभी कच्ची थी, बारिश और तेज आंधी से फसल जमींदोज हो गई है, लगातार बारिश आंधी ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। पिछले कुछ सालों से लगातार बासमती की फसल खराब हो रही है। कृषि विभाग को सर्वे करवा कर नुक्सान की रिपोर्ट सरकार को भेजनी चाहिए और केसीसी पर लिया श्रण माफ करना चाहिए गणेश दास स्थानीय किसान।

    रसायनिक खाद डीएपी, युरिया की किल्लत से किसान अभी तक रबी सीजन की तोरी,चना,मसुर जैसी फसलों की अभी तक बुआई नहीं कर पाए थे। अब अचानक मौसम की मार ने उन की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बासमती की फसल हमारी साल भर की मेहनत थी। बारिश और तेज हवाओं ने इसे चोट कर दिया है, अगर दोबारा बारिश हुई तो किसानों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है। रोशन लाल स्थानीय किसान।

    सीमावर्ती गांवों में बिजली की लाइनों की हालत जर्जर बनी हुई है,जब भी बारिश होती है और तेज हवाएं चलती हैं, खंभे तारें टूट जाती हैं। जिस से केई दिनों तक बिजली नहीं आती, पुराने बिजली ढांचे को बदलने की क्षेत्र के लोग केई सालों से मांग करते आ रहे हैं। अभी तक बिजली समस्या का स्थाई समाधान नहीं हुआ। पुरानी तारों, खंभों को जल्द बदलना चाहिए। मनोहर लाल स्थानीय निवासी।

    कया कहते हैं अधिकारी

    बारिश और तेज आंधी चलने से बासमती की फसल को नुक्सान पहुंचा है, कुछ गांवों में फसल जमींदोज हुई है, क्षेत्रीय कर्मचारियों को अपने गांवों की रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा गया है। अगले कुछ दिनों में भी बारिश होने की संभावना बनी हुई है। अश्विनी शर्मा, एसडीओ, कृषि विभाग उप मंडल हीरानगर।