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    अटारी बॉर्डर से वापस लौटीं राधा रानी, नहीं मिले पाकिस्तानी होने के सबूत; परिजन हुए खुश

    Updated: Wed, 30 Apr 2025 07:41 PM (IST)

    बसोहली की राधा रानी को अटारी बॉर्डर पर रोका गया क्योंकि उनके पास पाकिस्तान का पासपोर्ट नहीं था। अधिकारियों ने उनके भारतीय दस्तावेजों की जांच की लेकिन पाकिस्तान भेजने की अनुमति नहीं दी। अब वह अपने परिवार के साथ बसोहली लौट रही हैं जिससे क्षेत्र में खुशी की लहर है। बता दें कि पहलगाम हमले के बाद सरकार पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेज रही है।

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    बसोहली कस्बे की रहने वाली हैं राधा रानी

    संवाद सहयोगी, बसोहली। यहां कुछ दिनों से परिजनों की धड़कनें रुकी हुई थी अटारी बॉर्डर पर ना जाने पाकिस्तान की ओर से और भारत की ओर से राधा रानी को क्या संदेश मिलेगा? वह पाकिस्तान जाएंगी या फिर वापिस खुशी-खुशी अपने घर में लौटेंगी।

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    मगर बुधवार को भारत के इमीग्रेशन सेंटर के अधिकारियों को बाद दोपहर को सारे कागजात जिन में आधार कार्ड, डोमिसाइल प्रमाणपत्र, पैन कार्ड, राशन कार्ड, वोटर कार्ड पैंशन बुक दिखाने के बाद भारतीय अधिकारियों की और से उसे पाकिस्तान भेजने की हरी झंडी नहीं मिली।

    राधा रानी के पास नहीं था पाकिस्तान का पासपोर्ट

    इसमें सबसे अहम बात यह थी कि राधा रानी के पास पाकिस्तान का पासपोर्ट का ना होना। यह समय उनके परिजनों के लिये सबसे ज्यादा सुखदायक था। सब खुश थे और वापस कठुआ के पुलिस लाइन पहुंचे। यहां पर राधा रानी को बेटा और रिश्तेदार के सुपुर्द किया और अब बसोहली अपने बेटे सुमित यगोत्रा एवं रिश्तेदार चंडीदास के साथ आने की कार्रवाई शुरू कर दी है। इस सारी कार्रवाई में राज्य पुलिस की टीम उन के साथ में रही।

    तीन दिन पहले भेजा गया था नोटिस

    बता दें कि बसोहली कस्बे के वार्ड नंबर 9 की एक महिला को पाकिस्तान भेजने के लिये पुलिस द्वारा नोटिस तीन दिन पूर्व भेजा गया था। जिसको लेकर महिला पहले कठुआ में गई और वहां पर जांच की गई मगर इसके बाद उनको अटारी बॉर्डर पर अगली कार्रवाई के लिये भेजा गया है। गृह मंत्रालय के आदेश पर हो रही कार्रवाई को लेकर अधिकारी एवं अन्य सब कार्रवाई में लगे हुए थे।

    12 साल की उम्र से भारत में रह रही हैं राधा रानी

    बसोहली कस्बे की महिला राधा रानी की पूर्व पुलिसकर्मी स्वर्गीय जयपाल के साथ शादी हुई थी। राधा रानी का जन्म पाकिस्तान में हुआ था मगर वहां का कोई भी कागज उन के पास नहीं है। ना तो उन की जमीन है और ना ही उन का कोई अपना वहां पर रहता है।

    वह जब भारत आई तो उस की उम्र 12 साल की थी। उनका घर हीरानगर के पथवाल गांव में है और ननिहाल बिलावर में हैं। राधा रानी के वापस घर पहुंचने की खुशी के पल का परिजन, मुहल्लेवासी और बसोहली वासी सब बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

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