Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    पुलिस व क्राइम ब्रांच की जांच सवालों के घेरे में

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 15 Apr 2018 02:42 AM (IST)

    अवधेश चौहान, रसाना (कठुआ) कठुआ के रसाना गांव में बच्ची से दुष्कर्म व हत्या के मामले में

    पुलिस व क्राइम ब्रांच की जांच सवालों के घेरे में

    अवधेश चौहान, रसाना (कठुआ)

    कठुआ के रसाना गांव में बच्ची से दुष्कर्म व हत्या के मामले में राज्य पुलिस और क्राइम ब्रांच की परस्पर विरोधी बयानों से मामले की जांच सवालों के घेरे में है। बेशक क्राइम ब्रांच ने मामले का सप्लीमेंटरी आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। लेकिन अभी तक दुष्कर्म और हत्या की गुत्थी पहेली बनी हुई है। आरोपित परिवार यह मानने को तैयार नहीं है कि गुज्जर बक्करवाल समुदाय की लड़की का दुष्कर्म देव स्थान में हुआ। मुख्य आरोपित सांझी राम की छोटी बेटी मोनिका का कहना है कि देव स्थान में सुबह-शाम जोत जलती है और रविवार और मंगलवार को कई जगह से देवस्थान पर भंडारा लगता है। श्रद्धालु माथा टेकते हैं। ऐसे में लड़की को सात दिन तक बंदी बनाकर एक कमरे में कैसे रखा जा सकता है? वह भी ऐसे कमरे में जिसके दोनों और दो-दो खिड़कियां हों। अगर देव स्थान में लड़की से कोई गलत काम हुआ भी तो इसकी भनक किसी को क्यों नहीं लगी? क्योंकि पुलिस लड़की की सात दिन से तलाश करती रही। लड़की का शव भी देव स्थान को जाने वाले रास्ते में मिला जो गांव की तरफ जाता है। अगर लड़की को मार कर फेंकना ही होता तो उसे हत्यारे आबादी वाले इलाके में नही फेंकते बल्कि देव स्थान के पीछे जंगलों में फेंक सकते थे या उसे दफना देते। आरोपित सांझाी राम के भाई नरेश कुमार का कहना है कि शव को जानबूझ कर उनके भाई के घर के पास फेंका गया ताकि हत्या का शक उनके परिवार पर हो। क्राइम ब्रांच की जांच को लेकर ऐसे कई पहलू हैं, जिसे लेकर सांझी राम की बेटी मोनिका और जम्मू पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित कूटा में अनशन को बैठी सांझी राम की बड़ी बेटी मधु का कहना है कि उनके पिता, भाई विशाल और ममेरे भाई को सोची समझी साजिश के तहत फंसाया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके पिता सांझी राम की किसी से कोई दुश्मनी नहीं है। न ही जमीन को लेकर कोई झगड़ा है और न ही गुज्जर बक्करवालों से कोई पुरानी रंजिश। गांववासियों का कहना है कि क्राइम ब्रांच और राज्य पुलिस की जांच में काफी अंतर है। दोनों की जांच आपस में मेल नहीं खाती। शुरुआत में पुलिस ने जांच में यह कहा था कि लड़की को आरोपितों ने सांझाी राम के घर के सामने बने मवेशियों के बाड़े में रखा। लेकिन क्राइम ब्रांच ने अपनी जांच में कहा है कि बच्ची को सांझाी राम के घर से दो सौ मीटर दूरी पर बने देवस्थान के अंदर दस जनवरी से लेकर 17 जनवरी तक बंदी बनाकर रखा और वहां उससे सांझी राम के भांजे ने विशाल को भी मेरठ से दुष्कर्म करने के लिए बुलाया। यह संदेहास्पद है। मोनिका का कहना है कि उनका भाई छह जनवरी को मेरठ चला गया था। उसका 9, 11,12, 15, 17, 19, 22, 24, 29 और 30 जनवरी को मेरठ में पेपर दिया। क्राइम बांच कह रही है कि विशाल वारदात के समय रसाना में ही था। उसके बदले में पेपर और कोई दे रहा था। क्राइम ब्रांच ने आरोप पत्र में कहा है कि विशाल की अटैंडेस शीट में जो साइन है वह विशाल के नही हैं। उसकी बहन का कहना है कि अगर अटैंडेंस शीट में उनके साइन नहीं है तो विशाल की उत्तर पुस्तिकाओं से उसके हैंड राइ¨टग की एफएसएल से जांच करवा लें। परिवार को क्राइम ब्रांच की जांच से भरोसा उठ गया है। परिवार के सदस्य मामले की जांच सीबीआइ से करवाने की मांग कर रहे हैं। क्राइम ब्रांच ने मामले में आठ आरोपी बताए हैं। इसमें राज्य पुलिस में विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) दीपक खजूरिया, परवेश कुमार, सुरेद्र कुमार व हेड कांस्टेबल तिलक शामिल हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें