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    260 बच्चों को पढ़ाने के लिए मात्र चार शिक्षक

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 28 May 2022 07:21 AM (IST)

    शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार प्रयासरत है लेकिन पहाड़ी क्षेत्रों के दूरदराज इलाकों के सरकारी स्कूलों में अव्यवस्था है। कहीं पर शिक्षकों की कमी है तो कहीं पर स्कूल की इमारत नहीं है। कुछ ऐसा ही हाल गोडल हाई स्कूल का है।

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    260 बच्चों को पढ़ाने के लिए मात्र चार शिक्षक

    संवाद सहयोगी, बसोहली : शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और राज्य सरकार प्रयासरत है, लेकिन पहाड़ी क्षेत्रों के दूरदराज इलाकों के सरकारी स्कूलों में अव्यवस्था है। कहीं पर शिक्षकों की कमी है तो कहीं पर स्कूल की इमारत नहीं है। कुछ ऐसा ही हाल गोडल हाई स्कूल का है। इस स्कूल में 230 विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए 18 शिक्षकों के पद मंजूर है, लेकिन मौजूदा समय में दो रहबर- ए तालीम शिक्षक और दो स्थायी मास्टर ग्रेड शिक्षक ही तैनात हैं। चार शिक्षक दस कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाएंगे तो चार कक्षाओं में पढ़ाई हो रही होगी तो छह कक्षाओं के छात्रों का शिक्षकों के इंतजार में ही समय खत्म हो जाता होगा।

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    गाव के सरपंच राजेंद्र सिंह ने बताया कि मार्च से अगले सत्र की कक्षाएं शुरू हो गई हैं, लेकिन शिक्षकों की नियुक्ति के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। इसके कारण गोडल हाई स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है ऐसा। उन्होंने बताया कि क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधियों ने इस संबंध में शिक्षा विभाग के अधिकारियों व जनता दरबार में उजागर किया, लेकिन बच्चों के भविष्य को लेकर कोई भी गंभीर नहीं है। उन्होंने बताया कि गोडन मीडिल स्कूल को हाई स्कूल दर्जा बढ़ने से उम्मीद जगी थी कि अब उनके गांवों के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिलेगी और शिक्षा का स्तर भी सुधरेगा, लेकिन ऐस कुछ भी नहीं हुआ। अब तो गांव के लोगों का सरकारी व्यवस्था से विश्वास ही उठ गया है। गाव में जब से स्कूल अपग्रेड हुआ तब से पूरे शिक्षक कभी भी देखने को नहीं मिले हैं।

    उन्होंने शिक्षा विभाग पर आरोप लगाया कि जहां पर सड़क सुविधा होती है वहा पर पूरे शिक्षक होते हैं। जिस स्कूल में सिर्फ गरीब लोगों के बच्चे पढ़ाई करते हैं। वहा पर शिक्षकों को तैनात ही नहीं किया जाता है। यहा पर ना तो कोई निजी स्कूल है और न ही लोग इतने अमीर कि बसोहली में रहकर अपने बच्चों को पढ़ा सकें। उन्होंने शिक्षा विभाग को चेतावनी दी कि छुट्टियों के समाप्त होते ही उनके हाई स्कूल में शिक्षकों के पदों को भरा जाएं।

    नवजोत हाई स्कूल की इमारत का निर्माण अधर में लटका : पहाड़ी ब्लाक डुग्गेनी ब्लाक की पंचायत नजोत के राजकीय हाई स्कूल की नई इमारत का निर्माण 2016 में शुरू हुआ था, लेकिन वह आज तक पूरा नहीं हो सका। इमारत में न दरवाजे हैं और न ही खिड़कियां हैं। ऐसे में बच्चों को अपनी जान जोखिम में डालकर खस्ताहाल पुरानी इमारत में पढ़ना पड़ रहा है। हाई स्कूल नजोत के हेड मास्टर का कहना है कि पुरानी इमारत की हालत काफी दयनीय है। इतना ही नहीं, बच्चों के बैठने वाला फर्श में भी गड्ढे बन गए थे। उन्होंने प्रयास कर फर्श डलवाया, जिससे विद्यार्थियों को अब बैठने में परेशानी नहीं हो रही है, लेकिन इमारत को गिरने का हर समय खतरा बना रहता है।

    नजोत हाई स्कूल का दौरा करने के बाद जिला विकास परिषद के माडली हल्का की सदस्य नीरू राजपूत ने बिलावर के डिप्टी सीईओ चमन लाल चाढ़क से निर्माण कार्य जल्द पूरा कर बच्चों के बैठने की व्यवस्था करने के लिए कहा। उन्होंने मुख्य शिक्षा अधिकारी कठुआ से फोन पर बात कर हाई स्कूल की इमारत का निर्माण कार्य पूरा करने की बात कही है। मुख्य शिक्षा अधिकारी कठुआ ने डीडीसी सदस्य को विश्वास दिलाया कि जल्द ही ठेकेदार से स्कूल की इमारत के निर्माण के बारे में जानकारी हासिल की जाएगी। नजोत पंचायत के वरिष्ठ नागरिक लियाकत अली खान ने बताया कि इस स्कूल में हमेशा से स्टाफ की कमी है। कुछ लोगों ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि हम लोग नहीं चाहते कि जैसी पढ़ाई हमने की है, हमारे बच्चे भी वैसी ही पढ़ाई करें। मौके पर गए डिप्टी सीईओ ने खुद स्कूल का जायजा लिया। नई इमारत भी देखी और पुरानी इमारत की खस्ताहाल हालत को भी देखा। उन्होंने कहा कि अभी तो गर्मियों की छुट्टिया हो गई हैं। उसके बाद यहा पर 2 और शिक्षकों की नियुक्ति की की जाएगी । ताकि बच्चों की पढ़ाई उचित तरीके से चल सके।

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