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    कठुआ मुठभेड़ में बलिदान पुलिसकर्मियों के परिजनों को मिलेगी सरकारी नौकरी, जितेंद्र सिंह ने की 70-70 लाख देने की घोषणा

    Updated: Sun, 30 Mar 2025 10:25 PM (IST)

    केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कठुआ मुठभेड़ में शहीद हुए दो पुलिसकर्मियों के परिवारों के लिए बड़ी घोषणा की है। उन्होंने प्रत्येक परिवार को एक-एक सरकारी नौकरी देने और अपने सांसद निधि कोष से 70-70 लाख रुपये देने की घोषणा की है। साथ ही शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए सरकारी स्कूलों का नाम उनके नाम पर रखने का प्रस्ताव भी रखा है।

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    कठुआ मुठभेड़ में बलिदान पुलिसकर्मियों के परिजनों से मिले जितेंद्र सिंह।

    राज्य ब्यूरो, जम्मू। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कठुआ मुठभेड़ में बलिदान हुए दो पुलिसकर्मियों के परिवार में एक-एक को सरकारी नौकरी देने और अपने सांसद निधि कोष से 70-70 लाख रुपये देने की घोषणा की। उन्होंने यह भी कहा कि बलिदानियों को श्रद्धांजलि देने के लिए सरकारी स्कूलों का नाम बदलकर उनके नाम पर रखने का प्रस्ताव पेश किया जाएगा।

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    बलिदान हुए दो पुलिसकर्मियों जसवंत सिंह और बलविंदर सिंह के परिवारों से रविवार को लौंडी और कन्ना चक में मुलाकात कर उन्होंने यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि एक स्मारक द्वार भी बनाया जाएगा। मंत्री ने कहा कि पुलिसकर्मियों की पत्नियों को एसआरओ प्रावधानों के तहत सरकारी नौकरी मिलेगी।

    बलिदानियों के परिवारों से केंद्रीय मंत्री ने की मुलाकात

    जिस समय मुठभेड़ हुई उस समय केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ओडिशा में थे। रविवार को उन्होंने उधमपुर जिले के मजालता जाने से पहले बलिदानियों के परिवारों से मुलाकात की।

    मजालता में उन्होंने नए पुल की आधारशिला रखी। उन्होंने कहा कि इस परियोजना का उद्देश्य क्षेत्र में कनेक्टिविटी बढ़ाना और बुनियादी ढांचे में सुधार करना है जो विकास और जन कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

    दोनों शहीदों का बनेगा स्मारक

    केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश अपने सुरक्षाबलों के प्रति कृतज्ञ है और उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि कठुआ जिले के दो बेटे शहीद हुए, मैं उनके परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करने आया हूं। ये वे परिवार हैं जिन्होंने न केवल पीढ़ियों से मातृभूमि की रक्षा की है, बल्कि महान बलिदान भी दिए हैं।

    उन्होंने कहा कि ब्रिटिश काल में ऐसे ही एक परिवार को बहादुरी के लिए विक्टोरिया क्रॉस भी मिला था। जसवंत की पत्नी एमए बीएड हैं और बलविंदर की पत्नी ने 12वीं कक्षा पूरी की है। तदनुसार उपयुक्त नौकरियां प्रदान की जाएंगी। उन्होंने कहा कि एक सांसद के रूप में मैं दोनों शहीदों के लिए स्मारक बनाने की घोषणा करता हूं।

    इसके अतिरिक्त जैसा कि पहले किया गया है उनके सम्मान में कुछ स्कूलों का नाम रखा जाएगा। हम इसका प्रस्ताव रखेंगे।

    बता दें कि कठुआ मुठभेड़ में तीन जवान बलिदान हो गए थे। साथ ही तीन आतंकी ढेर हो गए थे। तलाशी अभियान के दौरान आतंकियों ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी थी। 

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