Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Amarnath Yatra: दो सप्ताह के अंदर शुरू होगा अमरनाथ यात्रा, आतंकी हमलों से सुरक्षा बनी चुनौती, इन घटनाओं से लोगों में दहशत

    अमरनाथ यात्रा को शुरू होने में अब करीब दो सप्ताह का समय रह गया है ऐसे में कठुआ जिला में लगातार संदिग्ध दिखना और अब ताजा दो आतंकी घटना प्रशासन के लिए सुरक्षा के मामले में बड़ी चुनौती रहेगी। हाईवे से लेकर भारत-पाक सीमा तक जुड़े सभी मार्गों के अलावा घुसपैठियों के पारंपरिक रूटों पर सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए सुरक्षा नाके बढ़ाने होंगे।

    By Jagran News Edited By: Sushil Kumar Updated: Thu, 13 Jun 2024 04:57 PM (IST)
    Hero Image
    Amar Nath Yatra: अमरनाथ यात्रा बनी चुनौती।

    राकेश शर्मा, कठुआ। करीब एक माह से जिस तरह से सीमा से लेकर पहाड़ों तक संदिग्ध गतिविधियों के साथ आतंकी घटनाएं घटित हो रही हैं, उससे आगामी श्री अमरनाथ यात्रा के दौरान प्रदेश के मुख्य द्वार कठुआ में यात्रियों की सुरक्षा एक कड़ी चुनौती बन गई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अभी कुछ घंटे पहले जिला मुख्यालय पर श्री अमरनाथ यात्रा शुरू होने से पहले प्रबंधों की तैयारियों को लेकर पहली बैठक में चर्चा हुई, लेकिन दूसरी ओर आतंकियों ने हीरानगर के सैडा सोहाल में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए घर में पीने के लिए पानी न मिलने पर बौखलाहट में अंधाधुंध फायरिंग कर पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल बना दिया।

    जघन्य कांडों को दिया अंजाम

    उससे एक दिन पहले उपरोक्त घटना वाले रूट में कुछ किलोमीटर की दूरी पर मेला गांव में स्थानीय दवा विक्रेता की गला रेत कर हत्या की गई, जिसका शक भी अब कुछ लोगों का इसी आतंकी ग्रुप द्वारा जघन्य कांड करने पर जाने लगा है। 

    हालांकि, स्थानीय ग्रामीणों ने हत्या के दिन इसमें गोवंश तस्करों के हाथ होने का आरोप लगाया, लेकिन जिस बेरहमी से हत्या को अंजाम दिया गया है, वह इस्लामिक संगठनों के आतंकियों का हाथ होने से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है। अभी यह जांच का विषय है। जांच में खुलासा होने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

    पांच जवान घायल

    अगर जिले के पहाड़ी क्षेत्र बनी की बात की जाए तो गत माह आतंकियों का ढग्गर में एक दल देखा गया था, जो छह दिन तक सेना और पुलिस द्वारा बड़े पैमाने पर सर्च अभियान चलाने के बाद भी नहीं मिले थे, अब उसी क्षेत्र में जिला के बनी के छत्रगलां से सटे डोडा जिला में बीती मंगलवार को आतंकियों द्वारा किए गए हमले में सेना के पांच जवान घायल हुए हैं। 

    ऐसे में संभवत: गत माह देखे गए बनी में आतंकी दल वहां ही ठहरा हो, क्योंकि बनी में आतंकी गतिविधियों को पीछे से चलाने में डोडा में सक्रिय आतंकियों का हाथ रहा है।

    क्या बोले जितेंद्र सिंह

    ऐसे में हमले के बाद पूरे बनी क्षेत्र में गत दिवस की घटना से फिर लोगों में डर बन गया है। केंद्र में प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भी कहा कि आतंकी मंसूबे सफल नहीं होंगे। पिछले कई दशकों से ऐसी धार्मिक यात्राओं में खलल डालने के प्रयास में रहते हैं, लेकिन सुरक्षा बल ऐसे प्रयासों को नाकाम बनाने में सक्षम हैं। दूसरा केंद्र में मजबूत मोदी सरकार के रहते सुरक्षा बलों को ऐसी नापाक हरकतों से निपटने में अब खुली छूट रहती है।

    उधर अमरनाथ यात्रा को शुरू होने में अब करीब दो सप्ताह का समय रह गया है, ऐसे में कठुआ जिला में लगातार संदिग्ध दिखना और अब ताजा दो आतंकी घटना प्रशासन के लिए सुरक्षा के मामले में बड़ी चुनौती रहेगी। हाईवे से लेकर भारत-पाक सीमा तक जुड़े सभी मार्गों के अलावा घुसपैठियों के पारंपरिक रूटों पर सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए सुरक्षा नाके बढ़ाने होंगे।

    इस बार एक्प्रेस-वे के जारी निर्माण से जगह-जगह उबड़ खाबड़ सड़क के कारण पुलिस के लगे नाकों पर भी पहले जैसी दूर से दृष्टयता नहीं होने से बाधा बनेगी। इसके अलावा लंगर स्थलों के सामने भी सड़क उबड़ खाबड़ होने से वहां पर ठहरने वाले यात्रियों की सुरक्षा भी चुनौती बनेगी।

    अमरनाथ यात्रा पर सुरक्षाबल की चिंता बढ़ी

    आतंकी हमलों के बाद जम्मू के यात्री निवास की भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इस बार यात्री शिविर में 250 के करीब सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे है और उन पर निगरानी के लिए कंट्रोल रूम स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा यात्री निवास में श्रद्धालुओं को भी पूरी जांच से गुजरना होगा। इसके अलावा मेटल डिटेक्टर भी लगाए जा रहे है।

    रेलवे पुलिस ने हथियार चलाने का दिया प्रशिक्षण

    संभाग में बढ़ती आतंकी वारदातों और अमरनाथ यात्रा से पूर्व सुरक्षा संबंधी तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए रेलवे पुलिस लाइन में हथियार प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इसमें रेलवे पुलिस के कर्मियों को हथियार चलाने का प्रशिक्षण दिया गया ताकि जवान किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहें।