कठुआ में भूस्खलन से बिजली का टावर धराशायी, आपूर्ति बाधित होने से लोग परेशान
बसोहली में लगातार बारिश से सरकारी और गैर सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है। भूस्खलन से 400 केवी लाइन का एक टावर गिर गया जिससे जम्मू-कश्मीर में बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई है। दो वर्ष पूर्व भी यह टावर क्षतिग्रस्त हुआ था। बारिश से नदी-नालों का जलस्तर बढ़ गया है जिससे लोगों में चिंता है। प्रशासन ने सतर्क रहने की सलाह दी है।

संवाद सहयोगी, बसोहली। पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश ने सरकारी और गैर सरकारी संपत्तियों को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। भारी बारिश के चलते बसोहली के बरमार गला झेंखर सड़क के निकट बिजली की 400 केवी लाइन का एक टावर देर रात भूस्खलन की चपेट में आकर धराशायी हो गया।
इस घटना के कारण हिमाचल प्रदेश के चमेरा प्रोजेक्ट से जम्मू-कश्मीर के किशनपुर मनवाल ग्रिड में बिजली की आपूर्ति में कमी आएगी। टावर के गिरने की सूचना मिलते ही हिमाचल और ग्रिड की टीमें मौके पर पहुंच गई हैं और विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने में जुटी हैं।
उल्लेखनीय है कि दो वर्ष पूर्व भी इसी टावर को क्षति पहुंची थी, लेकिन इस बार की जोरदार बारिश के कारण पहाड़ से मलबा गिरने से यह पूरी तरह से धराशायी हो गया है। बसोहली उप जिला में दोपहर के समय दो बार तेज बारिश हुई, जिससे भूस्खलन की आशंका से प्रभावित मकान मालिक और उनके परिवार सुरक्षित स्थानों की ओर भाग गए।
बारिश के कारण नदी-नालों का जलस्तर भी बढ़ गया है। पुडकल, चीरल और आदी नालों में जलस्तर पहले से अधिक देखने को मिला है। वर्तमान में रणजीत सागर झील का जलस्तर लगभग 526 मीटर के आसपास है। क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से लोगों में चिंता बढ़ गई है, क्योंकि इससे और भी नुकसान की आशंका है। स्थानीय प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
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