Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कठुआ में किरायेदार सत्यापन में लापरवाही सुरक्षा को खतरा, पुलिस के पास सिर्फ 400 सत्यापन, हजारों की जानकारी नहीं

    By Ajay Kumar Edited By: Rahul Sharma
    Updated: Thu, 27 Nov 2025 05:51 PM (IST)

    कठुआ में किरायेदार सत्यापन में लापरवाही बरती जा रही है, जिससे सुरक्षा को खतरा हो सकता है। पुलिस के पास केवल 400 किरायेदारों का सत्यापन है, जबकि बाहरी राज्यों से काम करने वाले हजारों लोग बिना सत्यापन के रह रहे हैं। औद्योगिक क्षेत्र में वृद्धि के कारण बाहरी लोगों की संख्या बढ़ी है, लेकिन सत्यापन की प्रक्रिया धीमी है, जिससे आपराधिक तत्वों के सक्रिय होने का खतरा है।

    Hero Image

    कठुआ में सत्यापन के लिए कोई फिक्स टाइमिंग नही है।

    जागरण संवाददाता, कठुआ। किरायेदारों का सत्यापन कराने में लोग खासी गंभीरता नहीं दिखा रहे। समय समय पर डीसी द्वारा इसे लेकर निर्देश पारित किए गए हैं। बावजूद इस आदेश पर प्रभावी ढंग से अमल नहीं हो पा रहा। सूत्रों की मानें तो प्रमुख रूप से कठुआ शहर और जिले के बाकी क्षेत्रों में किरायेदारों, बाहरी राज्यों के काम करने वालों की संख्या हजारों में हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पुलिस के पास मात्र 400 किरायेदारों ने ही सत्यापन कराया है। जबकि स्पष्ट रूप से अनिवार्य है कि मकान मालिक और किरायेदार दोनों को अपने आधार कार्ड, फोटो समेत जानकारी संबंधित पुलिस स्टेशन में एक आवेदन के जरिए जमा करानी है। बावजूद इसके अमल नहीं हो रहा।

    जानकारी के अनुसार जिले के औद्योगिक क्षेत्र के विस्तार की वजह से बाहरी राज्यों के लोगों की कठुआ में अलग अलग जगहों पर रहने की संख्या बीते एक वर्ष में बड़े स्तर पर बड़ी है। जिनका सत्यापन न के बराबर हो रहा है। एक तरफ जहां जम्मू और किश्तवाड़ समेत कई जिलों की तरफ से सत्यापन को लेकर सख्ती की जा रही है।

    वहीं जिले में इसे लेकर कोई खास गंभीरता नहीं दिखाई जा रही। जो सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है। इसी के आढ़ में नशा तस्कर और आतंकवाद से जुड़े शरारती तत्व सक्रिय हो रहे हैं।

    एसपी मोहिता शर्मा का कहना है कि ये एक निरंतर जारी रहने वाली प्रक्रिया है। लोग आते हैं और हम सत्यापन कर रहे हैं। किरायेदारों की संख्या कितनी है, इसका पता तभी लगेगा जबकि सत्यापन की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। फिलहाल सत्यापन के लिए कोई फिक्स टाइमिंग नही है।

    बड़े स्तर पर सक्रिय बाहरी

    बता दें कि कठुआ के घाटी में जहां औद्योगिक क्षेत्र में काम करने वालों की संख्या हजारों में है। वहीं कठुआ औद्योगिक क्षेत्र में भी इनकी संख्या काफी है। इसके अलावा कठुआ, हीरानगर, बिलावर, लखनपुर जैसे क्षेत्रों में फल सब्जी बेचने से लेकर अन्य सामान बेचने वालों की भरमार है। जिनका सत्यापन बहुत ही कम स्तर पर हुआ है। ये लोग खाली प्लाटों में गनी झुग्गियों, किराये के मकानों या फिर दुकानाें में रह रहे हैं।