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    इस बार कोरोना मुक्त माहौल में होगा नवरात्र उत्सव, मंदिर कमेटियों व श्रद्धालुओं में उत्साह

    By JagranEdited By:
    Updated: Fri, 01 Apr 2022 01:53 AM (IST)

    जागरण संवाददाता कठुआ इस बार कोरोना मुक्त माहौल में नवरात्र उत्सव मनाया जाएगा। इसके कारण ...और पढ़ें

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    इस बार कोरोना मुक्त माहौल में होगा नवरात्र उत्सव, मंदिर कमेटियों व श्रद्धालुओं में उत्साह

    जागरण संवाददाता, कठुआ: इस बार कोरोना मुक्त माहौल में नवरात्र उत्सव मनाया जाएगा। इसके कारण मंदिर कमेटियों व श्रद्धालुओं में भारी उत्साह है।

    गौर हो कि दो अप्रैल से चैत्र नवरात्र आरंभ हो रहे हैं और मां नवदुर्गा साख के रूप नौ दिन तक लोगों के घरों में वास करेंगी। लोग घरों में मां के नौ स्वरूपों का ध्यान कर पूजा, अर्चना और उपवास करेंगे। कुछ लोग अष्टमी तो कुछ नवमी के दिन साख विसर्जन कर नवरात्र संपन्न करेंगे। चैत्र नवरात्र को लेकर विभिन्न देवी मंदिर दुल्हन की तरह सज गए हैं। शनिवार से श्रद्धालु मंदिरों में मां देवी के दर्शन करने के लिए पहुंचने शुरू हो जाएंगे। नौ दिन तक मंदिरों में नवरात्र उत्सव के चलते हजारों की संख्या में रोजाना श्रद्धालु दर्शन करेंगे। मंदिरों में श्रद्धालुओं की सेवा करने के लिए विभिन्न लंगर कमेटियां भी रवाना होनी शुरू हो गई हैं।

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    इस बीच कठुआ मुख्यालय से प्रत्येक नवरात्र पर एक दिन पहले शिवसेना डोगरा फ्रंट द्वारा मां वैष्णो देवी के दरबार तक निकाले जाने वाली पवित्र छड़ी यात्रा का शुभारंभ शुक्रवार सुबह होगा, जिसमें ढोल धमाके के साथ शिवसेना कार्यकर्ता मां के जयकारे लगाते हुए मां वैष्णो देवी दरबार में दर्शन के लिए रवाना होंगे। शनिवार को सुबह कलश स्थापना के साख बीजी जाएगी। उसके बाद मंदिर के द्वार श्रद्धालुओं के लिए दर्शन के लिए खोल दिए जाएंगे। जिले के प्रमुख देवी मंदिरों में इस बार नवरात्र उत्सव कोरोना मुक्त माहौल में आयोजित होने से श्रद्धालुओं सहित मंदिर कमेटियों में भारी उत्साह है। मंदिरों में इस बार मेले और लंगर का भी आयोजन होगा, जहां श्रद्धालुओं के लिए हर सुविधाएं मंदिर कमेटियों द्वारा उपलब्ध कराई गई हैं।

    प्रदेश के मुख्य प्रवेश द्वार लखनपुर में किले वाली माता के मंदिर में विशेष सजावट की गई है। मंदिर के द्वार को पूरी तरह से रंग बिरंगी चुनरियां और फूलों से सजाया गया है। मंदिर के महंत द्वारा नवरात्र उत्सव की तैयारियों के चलते वीरवार को स्थानीय सदस्यों के साथ बैठक की गई, जिसमें इस बार नवरात्र पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा पर चर्चा हुई। इस बीच मुख्य बाजार स्थित माता आशापूर्णी मंदिर में भी इस बार नवरात्र को लेकर श्रद्धालुओं को हर सुविधा के लिए मंदिर कमेटी द्वारा प्रबंध किए गए हैं। मंदिर की मूर्ति को एक नया रूप दिया गया है। उधर, राजबाग के जसरोटा स्थित प्रमुख मंदिर में मां काली के दरबार को भी आकर्षक ढंग से सजाया गया है। मुख्य द्वार से लेकर भवन तक रंग-बिरंगे लाइटों और पेंट से मंदिर को नई लुक दी गई है। मंदिर कमेटी द्वारा मां काली के दरबार में इस बार भक्तों को भक्तों आने वाले भक्तों में भारी उत्साह देखा जा रहा है। उधर, बिलावर के सुकराला देवी, सुंदरी कोट स्थित बाला सुंदरी मंदिर और नगरी के माता बाला सुंदरी मंदिर में नवरात्र के लिए मंदिर कमेटी द्वारा पूरी तैयारियां की गई है। पुलिस प्रशासन ने भी सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए हैं। जिला प्रशासन ने भी दस दिन पहले विशेष बैठक कर विभिन्न विभागों के अधिकारियों को मंदिरों में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सुविधाओं को अंजाम देने के निर्देश दिए थे।

    बहरहाल, नवरात्र पूजन के लिए प्रतिपदा के लिए शुभ मुहूर्त में साख लगाई जाती है, जिसे खेती बीजना भी कहा जाता है। इस बार खेती बीजने का शुभ समय सूर्योदय से लेकन सुबह 8.30 बजे तक है। ज्योतिष वाचस्पति के मुताबिक दो अप्रैल को चैत्र नवरात्र आरंभ हो रहे हैं। इस दिन सूर्योदय से लेकर सुबह 8.30 बजे तक साख लगाने का शुभ समय है। इसके बाद वैद्यृति योग लग जाएगा। जिसमें कोई भी शुभ कार्य करना ज्योतिष शास्त्रों में वर्जित बताया गया है।