मोटर वाहन विभाग के पास लाइसेंस जारी करने के लिए कागज तक नहीं
राकेश शर्मा कठुआ जिले में सबसे ज्यादा राजस्व एकत्रित करने वाले मोटर वाहन विभाग के काया

राकेश शर्मा, कठुआ: जिले में सबसे ज्यादा राजस्व एकत्रित करने वाले मोटर वाहन विभाग के कार्यालय के पास धारकों को नए व रिन्यूअल लाइसेंस जारी करने के लिए कागज तक नहीं है। कार्यालय में ऐसी स्थिति होने के कारण हजारों लाइसेंस धारकों के लाइसेंस करीब दो माह से लंबित पड़े हैं। इसके कारण वाहन चालकों को लाइसेंस नहीं मिलने से कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आलम यह है कि अगर कहीं यातायात विभाग या दूसरे जिले या राज्य में स्थानीय लाइसेंस धारक वाहन चालक लेकर जाता है तो उसके पास लाइसेंस न होने से जुर्माना देने को मजबूर होना पड़ रहा है, जबकि वाहन चालकों को कोई गलती नहीं है बल्कि मोटर वाहन विभाग ही जिम्मेदार है।
गौर है कि उपरोक्त विभाग द्वारा बनाया गया नियम है कि वाहन चलाते समय चालक के पास लाइसेंस होना अनिवार्य है। ऐसा न होने पर मोटर वाहन विभाग जुर्माना वसूल करेगा। इसके अलावा यातायात पुलिस और थाना पुलिस भी अपने स्तर पर नाके लगाकर बिना लाइसेंस के वाहन चलाने वाले पर कार्रवाई करती है, लेकिन जब खुद ही लाइसेंस जारी करने वाली अथारिटी जारी नहीं कर रही है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है? साफ है कि अब तो मोटर वाहन विभाग ही जिम्मेदार है, जो लाइसेंस धारकों को न तो रिन्यूअल करके लाइसेंस दे रहा है और न ही जो विभाग के रिकॉर्ड में ट्राइ के बाद लाइसेंस धारक बनने के योग्य है।
बहरहाल, मोटर वाहन विभाग तो अपने कार्यालय में कागज की कमी के चलते लाइसेंस जारी नहीं कर रहा है, लेकिन किसी कारण से लाइसेंस धारक की कहीं दुर्घटना हो जाती है तो उस समय वाहन चालक के लिए सबसे बड़ा जोखिम रहता है। दुर्घटना के दौरान सबसे पहले लाइसेंस की औपचारिकता कानूनी पूरी होनी चाहिए अन्यथा बिना लाइसेंस के वाहन चलाते हुई दुर्घटना में उसे ही कानूनी जिम्मेदार माना जाता है। इसके लिए उसे दंड स्वरूप सजा भी मिल सकती है, लेकिन इसमें सबसे बड़ी गलती और जिम्मेदारी मोटर वाहन विभाग की है, जो लाइसेंस धारक को समय पर लाइसेंस जारी नहीं कर रहा है। कानूनी औपचारिकता में दुर्घटना के बाद लाइसेंस बिना कागज के जारी नहीं हुआ है, को कारण नहीं माना जाता है।ऐसे में मोटर वाहन विभाग लाइसेंस धारकों के साथ उनकी जिदंगी से भी खिलवाड़ कर रहा है। कोट्स--
पारदर्शिता, सुशासन, सिंगल विडो की सुविधा देने के दावे करने वाली सरकार के मोटर वाहन विभाग के पास लाइसेंस जारी करने के लिए अगर कागज यानि प्रिटिग मैटेरियल दो माह से नहीं है तो सबसे बड़ी लापरवाही है। विभाग के पास करोड़ों रुपये राजस्व की उगाही हर माह होती है। इस समय आरटीओ कार्यालय कठुआ के पास ढाई हजार लाइसेंस पेंडिग है। प्रदीप केसर, जिला उपाध्यक्ष, नेशनल कांफ्रेंस,कठुआ कोट्स---
आज के दौर में ड्राइविग लाइसेंस कितना जरूरी है, यह बताने की जरूरत नहीं है। लाइसेंस के बिना वाहन चलाना मोटर वाहन विभाग के नियम में सबसे बड़ा अपराध माना जाता है। बिना लाइसेंस के पकड़े जाने पर मोटर वाहन विभाग ही नहीं, बल्कि यातायात पुलिस के अलावा थाना पुलिस और सिविल अधिकारी भी दंड स्वरूप बड़ा जुर्माना या चालान करते हैं, लेकिन यहां विभाग ही दोषी है।
-अंग्रेज सिंह कोट्स---
एक तरफ मोटर वाहन विभाग सारा काम डिजिटल करने का दावा करता है, दूसरी तरफ आज भी लाइसेंस बनाने के लिए कागज का इंतजार कर रहा है। यह सिर्फ इस बार ही नहीं, बल्कि कुछ सालों से ऐसी स्थिति हर साल हो रही है। विभाग को अपनी कमी के चलते लाइसेंस धारकों को डिजिटल लाइसेंस सॉफ्ट कापी के रूप में भी मोबाइल पर जारी करने चाहिए ताकि उन्हें इसके लिए जुर्माना न भरना पड़े।
हेम राज। कोट्स---
कार्यालय में प्रिटिग मैटेरियल की कमी के कारण करीब डेढ़ हजार लाइसेंस अप्रैल माह से पेंडिग पड़े हैं। प्रिटिग मैटेरियल पूरे प्रदेश स्तर पर सभी कार्यालयों में विभाग के आयुक्त द्वारा किए जाने वाले टेंडर प्रक्रिया से जारी होता है। ऐसे में ये समस्या सिर्फ कठुआ जिला ही नहीं, बल्कि अन्य जिलों में भी बनी है, ऐसे में जैसे ही टेंडर प्रक्रिया पूरी होगी, प्रिटिग मैटेरियल मिलते ही लाइसेंस जारी किए जाएंगे।
-सुनील कुमार, आरटीओ, मोटर वाहन विभाग, कठुआ
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