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    कठुआ: तरनाह नाले की बाढ़ ने मचाया प्रलय, सैकड़ों कनाल खेत तबाह

    Updated: Wed, 03 Sep 2025 05:55 PM (IST)

    हीरानगर में लगातार बारिश से तरनाह नाले में बाढ़ आ गई है जिससे आसपास के गांवों में भारी तबाही हुई है। गुज्जर बस्ती में मकान और पशुओं के तबेले बह गए और उपजाऊ भूमि का कटाव हो गया है। स्थानीय लोगों ने सरकार से भूमि कटाव रोकने के लिए पक्के बांध बनवाने और प्रभावितों को मुआवजा देने की मांग की है।

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    तरनाह नाले में आई बाढ से बह गई गांवों की सैकड़ों कनाल उपजाऊ भूमि (फोटो: जागरण)

    संवाद सहयोगी, हीरानगर। पिछले दस दिनों से हो रही लगातार बारिश की वजह से उप मंडल में डिंगा अंब से बोबिया के बीच बहने वाले तरनाह नाले में बाढ़ की वजह से इस बार भी साथ लगते सल्लन, चक बुलंदा, मंगलूर प्रांजलि, पथवाल आदि गांवों में की सैकड़ों कनाल उपजाऊ भूमि बाढ़ की भेंट चढ़ चुकी है।

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    इतना ही नहीं रख सरकार पलाई गुज्जर बस्ती में दो पक्के मकान और पशुओं के तबेले बह चुके हैं और अन्य मकानों को भी बाढ़ का खतरा बना हुआ है।

    स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कुछ सालों में हजारों कनाल भूमि पहले ही बाढ़ से बह चुकी है। और लगातार वर्षा से न केवल तरनाह नाला बल्कि अन्य छोटे बड़े नालों में भी कटाव जारी है।

    बारिश से गुज्जर चक,सैडा,सूंखल, परंगोली लौखली,,भाग नाले में मादा, पहाड़ पुर और छबबाआदि गांवों में भी कटाव जारी है।

    क्षेत्र के लोगों का कहना है कि हर साल बरसात में नालों में बाढ़ की वजह उपजाऊ भूमि बह जाती है और संबंधित विभाग बांध बनाने के लिए प्रपोजल भी भेजता है।

    लेकिन आज तक भूमि कटाव को रोकने के लिए कोई पुख्ता प्रबंध नहीं किए गए। जबकि किसानों की भूमि लगातार कम होती जा रही है। सरकार को नदी नालों के किनारों पर पक्के बांध बनवाने चाहिए।

    तरनाह नाले में आने वाली बाढ़ से कूंथल में हर साल उपजाऊ भूमि बह जाती है। इस बार भी गांव के दो देवस्थानों के साथ लगातार कटाव हो रहा है और परिसर की दीवारें ढह चुकी हैं।

    बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों से भी पानी के बहाव को मोड़ने की मांग की थी, अभी तक कोई प्रबंध नहीं किए गए।सोनू शर्मा निवासी कुंथल।

    तरनाह नाले में आई बाढ से रखसरकार पलाई गुज्जर बस्ती में बाढ़ का खतरा बना हुआ है। मुख्य सड़क और तीन पक्के, मकान कुल्ले बह चुके हैं, अन्य घरों को भी खतरा बना हुआ है।

    प्रशासनिक अधिकारी, विधायक भी मौके पर आए थे। लेकिन अभी तक बाढ़ की रोकथाम नहीं हुई।मखन दीन निवासी रख सरकार।

    तरनाह नाले में आई बाढ ने इस बार भारी तबाही मचाई है। कंडी क्षेत्र से सीमावर्ती गांवों तक न केवल उपजाऊ भूमि का कटाव हुआ है, बल्कि धान, मक्की,माश की फसलों को भी नुक्सान पहुंचा है।

    सरकार को फसलों के नुकसान का उचित मुआवजा देने के साथ भूमि कटाव को रोकने के पक्के बांध बनवाने चाहिए। गणेश दत्त निवासी कुंथल।

    हीरानगर के SDM फुलैल सिंह ने कहा कि तरनाह नाले में बाढ़ से हो रहे कटाव को रोकने के लिए बाढ़ नियंत्रण विभाग को बांध बनवाने के लिए प्रपोजल बनाने के लिए कहा गया है। बरसात थमने के बाद कुछ स्थानों पर करेट भी डलवाए जाएंगे।

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