Kathua Encounter: खट-खट-खट... बिलावर में फिर आतंकियों की दस्तक, गांववालों की जान को खतरा! परिवार ने सुनाई आपबीती
धनु परोल में एक ही घर में दोबारा आतंकियों के घुसने से इलाके में दहशत का माहौल है। यह एक हिंदू परिवार का घर है। लेकिन इस बार परिवार ने दरवाजा नहीं खोला। पिछली बार आतंकी यहां से खाना बनवाकर ले गए थे। आशंका जताई जा रही है कि आतंकी आसपास ही सुरक्षित ठिकाना बना रहे हैं। सुरक्षा एजेंसी के अधिकारी ने बताया कि पीड़ित परिवार ने सुरक्षा मांगी है।

राकेश शर्मा, कठुआ। बिलावर के धनु परोल में बुधवार रात को एक परिवार में घुसकर बंदूक की नोक पर आतंकी खाना, मोबाइल और बैग व कच्चा राशन आदि ले जाने के बाद दूसरे ही दिन गुरुवार को फिर से आतंकियों ने उसी घर पर दस्तक दी। लेकिन परिवार के सदस्यों ने न तो दरवाजा खोला और न ही अंदर से कोई आवाज लगाई। परिवार के सदस्यों ने अंदर से ही चुपके से उनको देखकर पहचान लिया। आतंकी भी करीब 15 मिनट तक दरवाजा खटखटाते रहे, लेकिन कोई आवाज नहीं लगाई।
यह पहली घटना है कि किसी एक घर में लगातार दूसरे दिन आतंकी आ धमके हों। इस घटना से आशंका जताई जा रही है कि धनु परोल के आसपास आतंकी सुरक्षित ठिकाना बना रहे हैं। साथ ही आतंकी अभी जहां हैं, वह उनके लिए सुरक्षित है। वहीं दूसरी ओर उस घबराए परिवार ने घर के आसपास सुरक्षा मांगी है। जिस घर में आतंकियों ने दोबारा दस्तक दी, वह परिवार वहां एकलौता हिंदू परिवार है। सुरक्षा एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया कि पीड़ित परिवार ने सुरक्षा मांगी है।
आतंकियों की हरकत साफ बयां करती है कि आसपास ही आतंकियों का अड्डा है, जहां वह पहले दिन दस किलो कच्चा राशन, कपड़े, ट्रैक सूट, जैकेट, मोबाइल फोन और अन्य सामान हिंदू परिवार से छीन ले गए थे। इसलिए स्थानीय लोगों का कहना है कि सुरक्षा बलों से इस एंगल से भी जांच और तलाशी अभियान चलाना चाहिए। हालांकि सुफैन से भाग आतंकी अब ऐसी जगह पहुंच गए हैं, जहां उनका ट्रांजिट कैंप है और उनके लिए सुरक्षा बलों से बचने के लिए कई ठिकानें हैं।
धनु परोल की कुछ दूरी पर इशू नाला और बदनोता पड़ता है, जो मल्हार क्षेत्र का हिस्सा है। दोनों क्षेत्र एक साल से आतंकी गतिविधियों की दृष्टि से काफी संवदेनशील बन गए हैं। बदनोता में गत जुलाई को आतंकियों ने पहाड़ी से घात लगाकर नीचे सड़क पर जा रहे सैन्य वाहन पर ताबड़तोड़ फायरिंग करके पांच सैनिकों का बलिदान कर दिया था। अभी तक उस घटना में वांछित आतंकी आज तक हाथ नहीं लगे हैं।
इसी तरह इशू नाला है, जहां पर गत माह तीन बारातियों के संदिग्ध हालात में शव मिले थे, जो एक ही परिवार के सदस्य थे। उनको लेकर सड़कों पर जगह-जगह भाजपा कार्यकर्ताओं ने हाईवे और शहर में जगह-जगह प्रदर्शन कर घटना पर कड़ा रोष जताया था। इस घटना के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार बताकर उनका पुतला भी जलाया था।
उस समय को मेडिकल रिपोर्ट में तीनों के गिरने से मौत होने का दावा किया गया था, जबकि भाजपा समर्थक कार्यकर्ताओं के अलावा केंद्रीय मंत्री डा. जितेंद्र सिंह ने भी अपने एक्स पर तीनों की मौत को आतंकी घटना बताया था, जिसके बाद भाजपा ने कठुआ जिला में जगह-जगह पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन किया था। उक्त परिवार ने चार दिन पहले संदिग्ध मौत की जांच जल्द कराने की मांग की थी। उधर, धनु परोल से पहले पंचतीर्थी, उससे पहले रूई, सुफैन और सन्याल में आतंकी दिखे थे। उनमें से दो आतंकी मारे जाने की सूचना है, जबकि तीन वहां से भागकर धनु परोल पहुंच गए हैं।
पंजाब की तरफ भी रावी दरिया किनारे दिखे थे आतंकी
इसी बीच उधर कठुआ जिला के साथ लगते रावी दरिया में पंजाब के किनारे भी गत दिवस तीन आतंकी दिखे थे, लेकिन वहां भी तलाशी अभियान चलाने पर कुछ नहीं मिला। 23 मार्च से आतंकी लोगों को दिख रहे हैं, लेकिन सुरक्षा बलों के हत्थे नहीं चढ़ रहे हैं। इससे पूरे जिले के लोगों में दहशत है। जुथाना के लाड़ी पंचायत के लोग क्षेत्र में पुलिस थाना बनाने की मांग एसएसपी से लिखित में उनके कठुआ कार्यालय में आकर कर चुके हैं। उधर धनु परोल में जिस हिंदू परिवार के घर दोबारा आतंकी आ धमके, उस परिवार ने घर के आसपास सुरक्षा की मांग की है।
सुफैन आतंकी घटना के बाद तीन दिन से बंद स्कूल खोले गए
जिला शिक्षा विभाग ने सुफैन मुठभेड़ के बाद वहां से भागे आतंकियों के कारण सुरक्षा की दृष्टि से कुछ सरकारी स्कूल तीन दिन तक अहतियातन बंद रखे गए। शुक्रवार को स्कूलों को दोबारा खोल दिया गया। जिला के मुख्य शिक्षा अधिकारी मंगत राम शर्मा ने बताया कि जिन स्कूलों को तीन दिन बंद कराया था, उनमें प्राइमरी स्कूल रैहन, प्राइमरी स्कूल बोराल, अपर प्राइमरी स्कूल नाड़ा, प्राइमरी स्कूल गाड़ाह सलैड़ और अपर प्राइमरी स्कूल डरलेय शामिल थे।
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