सरोगा प्राइमरी स्कूल की इमारत का निर्माण अधर में
सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लगाने के लिए शिक्षा विभाग लाखों रुपये खर्च कर रहा है लेकिन समय पर फंड उपलब्ध नहीं होने के कारण उसका लाभ स्कूली बच्चों को नहीं मिल पाता है। इसका उदहरण सरोग प्राइमरी स्कूल की इमारत है। कई वर्षो पहले इस स्कूल की इमारत का निर्माण कार्य शुरू हुआ था लेकिन फंड के अभाव में अधर में लटका हुआ है।

संवाद सहयोगी, बसोहली : सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लगाने के लिए शिक्षा विभाग लाखों रुपये खर्च कर रहा है, लेकिन समय पर फंड उपलब्ध नहीं होने के कारण उसका लाभ स्कूली बच्चों को नहीं मिल पाता है। इसका उदहरण सरोग प्राइमरी स्कूल की इमारत है। कई वर्षो पहले इस स्कूल की इमारत का निर्माण कार्य शुरू हुआ था, लेकिन फंड के अभाव में अधर में लटका हुआ है। इमारत की दीवार तो खड़ी हो गई, लेकिन उस पर छत डालने के लिए फंड नहीं है। ऐसे में इस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। लेकिन दस साल बीत जाने के बाद भी न तो शिक्षा विभाग और न ही सरकार स्कूल की इमारत के निर्माण को लेकर गंभीर है।
स्थानीय निवासियों गरमेल सिंह, योगेद्र सिंह, स्वर्ण सिंह, पवन कुमार, संजय कुमार का कहना है कि सरोगा में स्थित प्राइमरी स्कूल कई सालों से घर के अंदर चलाया जा रहा है। उनका कहना है कि दस साल पहले स्कूल की इमारत की सिर्फ दीवार बनाई गई थी, लेकिन उसके बाद कोई काम नहीं हुआ। मौजूदा समय में निर्माणाधीन स्कूल की इमारत के अंदर भेड़ बकरियों को बांधा जाता है।
ग्रामीणों ने कहा कि कई बार प्रशासन ,विभाग एवं नेताओं को भी अगवत करवाया गया, लेकिन कहीं पर भी सुनवाई नहीं हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि दूर दराज के पिछड़े गांवों में कोई भी विभाग पूरी दिलचस्पी से काम नहीं करता है। यही वजह है कि देश के भविष्य बच्चों को पढ़ाई करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने शिक्षा विभाग से अधर में लटके काम को पूरा करने की गुहार लगाई है। काम क्यों लटका, इसकी जानकारी ली जाएगी। इस स्कूल की इमारत के लिए फंड उपलब्ध करवाने को लेकर उच्च अधिकारियों से बात की जाएगी।
राम दास, जेडईओ बसोहली
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।