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    J&K Election: कांग्रेस और नेकां के गठबंधन से टेंशन में संभावित उम्मीदवार, टिकट कटने का सता रहा डर

    कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच गठबंधन की खबर से कठुआ जिले के संभावित उम्मीदवारों की धड़कनें तेज हो गई हैं। सीटों के बंटवारे को लेकर कई उम्मीदवारों के टिकट कटने या चुनावी क्षेत्र बदलने की आशंका है। वहीं भाजपा ने अपने प्रवासी प्रभारियों को जिला कार्यालय भेजा है जो पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ चुनावी रणनीति पर चर्चा कर रहे हैं।

    By rakesh sharma Edited By: Rajiv Mishra Updated: Sat, 24 Aug 2024 03:46 PM (IST)
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    कठुआ जिले में कारगर नहीं हो सका है नेकां-कांग्रेस गठबंधन (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, कठुआ। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस का गठजोड़ एक बार फिर सामने आ गया। ऐसे में कठुआ जिले के सभी छह विधानसभा क्षेत्रों में कुछ दिन पहले तक कांग्रेस के संभावित उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने के नाम सामने आ रहे थे।

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    अब उनके नाम गठजोड़ होने में सीटों के बंटवारे की वजह से कट भी सकते हैं या आगे पीछे दूसरे विधानसभा क्षेत्रों में बदल सकते हैं। इसकी वजह से संभावित उम्मीदवारों की धड़कनें तेज होने लगी है।

    कठुआ जिले में नहीं है नेकां का आधार

    गठजोड़ के दौरान सीटों का बंटवारा में जिला कठुआ के विधानसभा क्षेत्रों में असर पड़ना लगभग तय है। हालांकि, कठुआ जिला में नेकां का आधार नहीं है, ऐसे में कोई सीट समझौता के तहत कांग्रेस पार्टी नेकां के लिए छोड़ेगी, यह संभव नहीं है। कठुआ जिला में भाजपा से खासकर लोकसभा चुनावों में कांग्रेस से सीधे टक्कर होती रही है।

    कुछ सीटों पर नेकां उतार सकती है उम्मीदवार

    अगर पिछले विधानसभा चुनाव की बात करें तो कई विधानसभा क्षेत्रों में निर्दलीय भी दौड़ में रहते हैं, ऐसे में जिला में एक- आध विस क्षेत्र में नेकां भी कांग्रेस से सहयोग लेकर अपना उम्मीदवार उतार सकती है।

    अगर ऐसा होता है तो अभी तक कांग्रेस के जिन संभावित उम्मीदवारों के नाम कठुआ के छह विस क्षेत्रों में सामने आ रहे थे, उनमें से कुछ के टिकट कट सकते हैं या उनका चुनावी क्षेत्र बदला जा सकता है। इससे चुनावी तैयारी में लगे कांग्रेस के उम्मीदवारों में निराशा होना तय है।

    कठुआ में सफल नहीं होता दोनों दलों का गठबंधन

    कांग्रेस और नेकां का गठजोड़ कठुआ जिला में इतना कारगार साबित नहीं होता, फिर भी कांग्रेस इसे लोकसभा चुनावों की तरह यहां फायदे वाला मानेगी। अब जब समझौता हुआ है तो किसी सीट पर सहयोगी पार्टी के लिए भी छोड़ भी सकती है। नेकां कांग्रेस के साथ समझौता श्रीनगर के आधार पर करना चाहती है। फिलहाल, सीटों के बंटवारा होने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।

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    भाजपा के प्रवासी प्रभारी पहुंचे पार्टी कार्यालय कठुआ

    चुनाव घोषित होने के बाद ही भाजपा के प्रवासी प्रभारियों का आगमन शुरू हो गया है। शुक्रवार को जिला भाजपा कार्यालय में कई राज्यों से प्रवासी प्रभारियों ने पार्टी कार्यकर्ताओं से चुनावी रणनीति पर चर्चा की और अपने चुनावों के अनुभवों को साझा किया।

    इसमें जिला प्रवासी प्रभारी और पंजाब भाजपा के अध्यक्ष रहे चुके अश्वनी कुमार भी पहुंचे हैं, उनके साथ सभी विस क्षेत्रों में सह प्रभारी भी पहुंचे हैं। गौर हो कि जिला कठुआ के सभी छह विस क्षेत्रों में मुख्य रूप से भाजपा के सभी छह विस क्षेत्रों से पैनल में नाम जा चुके हैं।

    उनमें मुख्य रूप से पहले तीन नामों से एक पर ही सहमति बनने की संभावना है, जिसे लेकर भाजपा के संभावित उम्मीदवारों की धड़कनें तेज होने लगी हैं। बताया जा रहा है कि पैनल में पहले तीन नामों में से सबसे पहले नाम पर मुहर लगने की पूरी संभावना है। घोषणा किए जाने से पूर्व कुछ पर अंतिम समय में बदलाव भी हो सकता है।

    इसकी वजह से पैनल में शामिल उम्मीदवारों की धड़कनें तेज होनी शुरू हो गई है। सूत्र बताते हैं कि भाजपा द्वारा सप्ताहभर में कठुआ जिला के उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दी जाएगी।

    इसकी वजह से संभावित उम्मीदवार अभी से शक्ति प्रदर्शन करने के अलावा पार्टी हाईकमान के बड़े नेताओं से भी संपर्क बनाए हुए है। नाम घोषित होने में सबसे ज्यादा बेसब्री भाजपा के नेताओं में ही है, क्योंकि वर्ष 2014 से पार्टी का जिला कठुआ के सभी विस क्षेत्रों में मतदाताओं में अच्छा प्रभाव रहा।

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