बसोहली अटल सेतु की सुंदरता को लगी चोट, पुलिस के पहरे के बावजूद पुल पर लगी रंगीन लाइटें हुई चोरी, पर्यटक निराश
जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में बसोहली अटल सेतु पर पुलिस सुरक्षा के बावजूद रंगीन लाइटें चोरी हो गईं, जिससे पर्यटकों में निराशा है। पुल अपनी सुंदरता के लिए जाना जाता है, लेकिन चोरी की घटनाओं ने इसकी छवि को नुकसान पहुंचाया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

लोगों को उम्मीद है कि पुल पर जल्द ही नई लाइटें लगाई जाएंगी।
संवाद सहयोगी, जागरण, बसोहली। बसोहली में अटल सेतु पर लगाई गई रंगीन रोशनी वाली लाइटें जवाब दे जाने से पर्यटकों को निराशा हाथ लग रही है। कुछ माह चलने के उपरांत इन लाइटों को चलाने वाली मुख्य केबल आग की भेंट चढ़ गई और उस की रिपयेर किये जाने के बाद दोबारा केबल जल गई।
अब तो आलम यह है कि कई जगहों से रंगीन लाइटों से अटल सेतु को रोशन करने वाली लाइटें चोरी भी हो गई हैं। यहां एक और पंजाब पुलिस का पहरा रहता है और दूसरी और जम्मू कश्मीर पुलिस कर इस के बावजूद भी लाइटें गायब हो गई। इन दिनों जोभी पर्यटक शाम के समय अटल सेतु के नजारे को देखने के लिये आता हैउस के हाथ निराशा लगती है।
भले ही अटल सेतु पर अंधेरा नहीं होता है इस की स्ट्रीट लाइट रोजाना जलती है मगर रंगीन लेजर लाइट का नजारा हर किसी को इस और आकर्षित करता रहा है। बसोहली उत्सव के दौरान लोगों को लगा कि इन लाइटों को जलाने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है मगर इतने बड़े उत्सव में भी रंगीन लाइटों की अनदेखी हुई।
स्थानीय निवासियों सुनील सोनी, राकेश चांग, नरेंद्र शर्मा, अनु बसोत्रा आदी का कहना है कि उतर भारत का पहला केबल स्टेयड पुल और भारत का चौथा और इस की अनदेखी शुरू से ही हुई है। पहले बनाने में प्रोजेक्अ को पास नहीं किया जा रहा था इस के बाद पुल बना तो इस पर चार साल के करीब स्ट्रीट लाइट ही नहीं जली और केंद्रीय मंत्री डा जितेंद्र सिंह और जिला प्रशासन के प्रयास से इस पर रंगीन लाइटों को शुरू किया गया।
मगर वह भी पूरा एक साल क्या 6 माह भी जल नहीं पाई। पंजाब हिमाचल की सीमा पर भारतीय इंजीनियरिंग के बेमिसाल नमूने को देखने के लिये शनिवार और रविवार को यहां पर खूब पर्यटकों की भीड़ दिन रात देखने को मिलती है।
अगर रंगीन लाइटें एक बार फिर से जलें तो लोगों को भी काम मिलेगा वहीं दिन रात बसोहली में पर्यटक आएंगे। उन्होंने जिला प्रशासन से इन बंद पड़ी लाइटों को जलाने की मांग की है ताकि जो शेष हैं उन्हें भी चोरी होने से बचाया जा सके।
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