Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कठुआ की बेटी अनेखा ने रचा इतिहास, टी-20 ब्लाइंड क्रिकेट वर्ल्ड कप में चयन; जानें उनका गर्वमयी सफर

    Updated: Tue, 30 Sep 2025 05:49 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले की 20 वर्षीय अनेखा देवी भारतीय ब्लाइंड क्रिकेट टीम में चुनी गई हैं। बी2 श्रेणी में वह टी-20 वर्ल्ड कप में खेलेंगी। अनेखा एक ऑलराउंडर हैं और ओपनिंग बल्लेबाजी करती हैं। इससे पहले वे जूडो में पांच बार राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने अपने चाचा के सहयोग से प्रशिक्षण लिया और शानदार प्रदर्शन किया।

    Hero Image
    दृष्टिबाधित अनेखा देवी अपने परिवार के साथ (फोटो: जागरण)

    करुण शर्मा, बिलावर\कठुआ। मंजिल कठिन हो सकती है, लेकिन हिम्मत और मेहनत से सब कुछ संभव है। यह कहानी है हिम्मत, संघर्ष और सपनों को सच करने की। जम्मू-कश्मीर की पैरा तीरंदाज शीतल देवी की तरह ही एक और नारी शक्ति अनेखा देवी आज पूरे देश की बेटियों के लिए मिसाल बनकर उभरी हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिला के दूरदराज पहाड़ी गांव मशेड़ी की 20 साल की अनेखा देवी भारत की ब्लाइंड क्रिकेट टीम में खेलती नजर आएंगी। उनका चयन हाल में 16 सदस्यीय भारतीय टीम में बी2 श्रेणी के टी-20 वर्ल्ड कप के लिए हुआ है। आलराउंडर अनोखा देवी अपनी टीम में ओपनर बल्लेबाज हैं। यही नहीं, पहले वह जूडो की खिलाड़ी रह चुकी हैं और पांच बार राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक अपने नाम कर चुकी हैं।

    अनेखा देवी और उनके परिवार की कहानी संघर्ष से भरी है। बचपन से बी2 श्रेणी की दृष्टिबाधित अनेखा देवी के पिता विचित्र सिंह बिजली विभाग में डेलीवेजर (दिहाड़ीदार) और मां गृहिणी हैं। अनेखा के घर की आर्थिक स्थिति भी ज्यादा अच्छी नहीं है।

    अनेखा के दृष्टिबाधित होने के कारण परिवार ने छोड़ दी थी आस

    उनके घर तक पहुंचने के लिए करीब पांच किलोमीटर पैदल पहाड़ी चढ़कर ही पहुंचा जा सकता है। दृष्टिबाधित होने के कारण परिवार को अनेखा का जीवन अंधकारमय लग रहा था। अनेखा चार भाई-बहनों में सबसे बड़ी है।

    वह तीन बहनें और एक भाई है। हालांकि अनेखा को बचपन से ही खेल में रुचि थी और इसमें उनका साथ दिया उनके चाचा अजय कुमार ने। अजय भी दृष्टिबाधित हैं। जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन फार ब्लाइंड के महासचिव होने के साथ-साथ प्रदेश की ब्लाइंड क्रिकेट टीम के खिलाड़ी भी हैं।

    पहले अनेखा देवी को जूडो में रुचि थी और उन्होंने उसी में हाथ आजमाए और सफलता मिलती गई। अनेखा देवी ने अंडर-19 आयु वर्ग में हरियाणा की करिश्मा को राष्ट्रीय स्तरीय ब्लाइंड जूडो कराटे प्रतियोगिता में मात देकर पहला स्थान हासिल किया था। बाद में उनकी रुचि क्रिकेट में बढ़ने लगी।

    महिला टीम न होने से पुरुष टीम के साथ लिया प्रशिक्षण 

    अनेखा देवी के चाचा ने उन्हें स्थानीय स्कूल से निकालकर जम्मू में दृष्टिहीन बच्चों के लिए विशेष स्कूल में दाखिला दिलाया। जम्मू-कश्मीर में महिलाओं की ब्लाइंड क्रिकेट टीम न होने के कारण अजय ने अपनी भतीजी को पुरुष टीम के साथ प्रशिक्षण दिलवाया। इसके बाद उन्होंने अनेखा को समर्थनम ट्रस्ट फार दा डिसएबल के सहयोग से दिल्ली में कोचिंग दिलाना शुरू की।

    अनेखा ने 18 वर्ष की आयु में प्रशिक्षण लेना शुरू किया और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। अनेखा ने दिल्ली ब्लाइंड विमेन टीम में खेलते हुए राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन किया। उनकी मेहनत और जुनून उन्हें अब टीम इंडिया तक लेकर आई है। उनका चयन टी-20 वर्ल्ड कप के लिए भारत की 16 सदस्य टीम के लिए हुआ है।

    पिता बोले-हम चाहते हैं अनेखा देश का नाम रोशन करे 

    बी2 श्रेणी का टी-20 वर्ल्ड कप नवंबर 11 से 25 के बीच नई दिल्ली और बेंगलुरु में खेला जाना है। भारतीय टीम में चयन होने पर पूरे परिवार व गांव में खुशी की लहर है। अनेखा के पिता विचित्र सिंह ने कहा कि हम भगवान से प्रार्थना करेंगे कि वह प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन कर अपने गांव, जम्मू-कश्मीर और देश का नाम रोशन करे। क्षेत्र की लड़कियों के लिए भी वह प्रेरणा बने।

    भारतीय ब्लाइंड क्रिकेट टीम की सदस्य अनोखी देवी कहती हैं महिलाएं और दृष्टिबाधित लड़कियां बड़े सपने देखें और उन्हें पूरा करें। मेहनत और लगन से किसी भी मुकाम को हासिल किया जा सकता है। जब आप मेहनत करती हैं तो ईश्वर भी किसी न किसी रूप में आपका साथ देता है।