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    J&K: लोक अदालत में कुल 459 मामले, सुलझाए गए 335; मोटर दुर्घटना मुआवजा-बैंक रिकवरी केस में लगभग 98 लाख की वसूली

    By Jagran NewsEdited By: Monu Kumar Jha
    Updated: Sat, 07 Oct 2023 07:34 PM (IST)

    Jammu Kahmir राष्ट्रीय लोक अदालत में कई ऐसे मामले भी सुलझाये जा रहे हैं जो कई सालों से कोर्ट में चक्कर लगा रहे थे और फिर भी मामला सुलझ नहीं रहा था। लोक अदालत में कुल 459 मामले आए जिनमें से 335 को सुलझा लिया गया। मोटर दुर्घटना मुआवजा व बैंक रिकवरी के मामले को निपटाने में समझौता राशि के रूप में 98 लाख रुपये की वसूली की गई।

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    राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 459 मामले आए, जिनमें से 335 निपटाए गए। फाइल फोटो

     जागरण संवाददाता,कठुआ। जिला स्तर पर आयोजित की जा रही राष्ट्रीय लोक अदालत में कई ऐसे मामले भी सुलझाये जा रहे हैं,जो कई सालों से कोर्ट में चक्कर लगा रहे थे और फिर भी मामला सुलझ नहीं रहा था, लेकिन राष्ट्रीय लोग अदालत में ऐसे मामलों को सुलझाने के लिए कई सालों से चक्कर लगा लगा कर थक गए। कई लोगों को निशुल्क और सस्ता न्याय मिल रहा है।

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    ऐसी ही आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में शनिवार कठुआ न्यायालय परिसर (Kathua Court Complex) में तीन वैवाहिक संबंधी मामले सुलझाने के लिए रखे गए। जिसमें दोनों पक्ष तलाक की मांग के लिए कोर्ट में याचिका दायर किए थे,जिनका लीगल सर्विसेस अथारिटी (Legal Services Authority) के अध्यक्ष एवं प्रधान,जिला सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार शवन की अध्यक्षता में लगी अदालत में मामला सुलझाया गया।

    तीन मामले का हुआ निपटारा

    न्यायपीठों द्वारा बेहतरीन प्रयास करते हुए वैवाहिक प्रकरणों का निस्तारण करते हुए 3 प्रकरणों का निस्तारण किया गया। जहां एक पक्ष द्वारा दायर मामला तलाक की मांग के लिए था, पीठ के प्रयासों से उन्होंने अपने वैवाहिक संबंध को फिर से शुरू करके मामले को सुलझा लिया।

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    इससे उनका घर और आगे का वैवाहिक जीवन बच गया। लोक अदालत में कुल 459 मामले सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए उठाए गए,जिनमें से 335 मामलों का निपटारा किया गया।

    समझौता राशि के रूप में लगभग 98 लाख रुपये की हुई वसूली

    इसमें कुछ मोटर दुर्घटना (motor accident case) मुआवजा और बैंक रिकवरी के मामले भी शामिल रहे। जिनमें से कुछ का निपटारा किया गया और समझौता राशि के रूप में 97,92,244 रुपये की वसूली की गई।सभी मामलों के निपटारे के लिए सात न्यायपीठों का गठन किया गया था

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