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    घास मारने की दवा के छिड़काव में जुटे किसान

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 15 Jul 2017 01:00 AM (IST)

    संवाद सहयोगी, कठुआ : अब तक हुई बारिश फसलों के बिलकुल अनुकूल है। बारिश के साथ ही कई निचले इलाकों म

    घास मारने की दवा के छिड़काव में जुटे किसान

    संवाद सहयोगी, कठुआ :

    अब तक हुई बारिश फसलों के बिलकुल अनुकूल है। बारिश के साथ ही कई निचले इलाकों में धान की रोपाई के काम ने जोर पकड़ लिया है, जबकि ऊपरी इलाकों में यहां पानी पहुंचता है, उन इलाकों में अब किसान दवा का छिड़काव कर रहे हैं, ताकि उनकी फसल को किसी भी तरह का नुकसान न हो। साथ ही खाद डालने संबंधी काम को भी किसानों ने तेज कर दिया है।

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    जिले भर में करीब पैंतीस हजार हेक्टेयर भूमि पर किसान धान की फसल लगाते हैं। जबकि गेहूं की फसल की कटाई के बाद जिन इलाकों में सिंचाई का प्रबंध है वहां तो काम शुरू हो जाता है, लेकिन जिन इलाकों में सिंचाई के लिए पानी कम पहुंचता है, उनमें बारिश एक तरह से सौगात लेकर आती है।

    जिले में बासमती की 370, 1121 वेरायटी की फसल लगाई जाती है, जबकि मोटा धान में सीआर 113, डीआरएच 834, ईएचबी 71 और नेहा वेरायटी की फसल लगती है। कठुआ और हीरानगर में सबसे ज्यादा धान की फसल लगती है, जबकि पहाड़ी इलाकों में इन मैदानी इलाकों के मुकाबले फसल काफी कम लगती है।

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    20 दिन बाद करें दवा का छिड़काव

    धान की रोपाई के 20 दिन बाद किसान घास मारने की दवा का छिड़काव कर सकते हैं। नामनी गोल्ड नाम दवा घास मारने के लिए सबसे उपयुक्त है। स्प्रे करने से पहले खेत सुखा लिया जाए और यह भी ध्यान में रखा जाए कि दवा के छिड़काव के बाद कम से कम आठ घंटे तक पानी न लगे।

    -डॉ. अमरीश वैद्य, कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख एवं वैज्ञानिक।