अब पता चलेगा, किस जाति के कितने लोग

जागरण संवाददाता, कठुआ : लोगों को अब आंकड़ों सहित यह भी पता चल सकेगा कि उनके जिले में ब्राह्मण, राजपूत, मुस्लिम, सिख, इसाई, दलित, पिछड़ा वर्ग या अन्य जातियों के लोगों की संख्या क्या है। राज्य के अन्य जिलों की तरह कठुआ जिले में भी सामान्य जनगणना 2011 के तहत आर्थिक सामाजिक जनगणना का काम पूरा हो गया है। जनगणना का कार्य पूरा होने के बाद अब उसका प्रकाशन भी कर दिया है। ड्राफ्ट प्रकाशन के लिए अब जिले की सभी पंचायतों में ग्राम सेवकों के माध्यम से डिस्पले किया जाएगा, ताकि लोगों और पंचायतों से आपत्तियां दर्ज की जा सकें। आजादी के बाद पहली बार हुई जातीय जनगणना का कार्य सामान्य जनगणना 2011 के बाद जिले में भी 2012 में शुरू हुआ था। उसे अब पूरा कर लिया गया है। जनगणना के ड्राफ्ट प्रकाशन के लिए सभी पंचायतों के अलावा शहर में भी उसे नगर परिषद के सहयोग से डिस्पले किया जाएगा। आपत्तियां दर्ज कराने के लिए पंचायतों में 29 जून तक समय दिया गया है। पंचायतों में आपत्तियां सेवकों के माध्यम से बीडीओ तक पहुंचेगी। इसी तरह नगर परिषद में कार्यकारी अधिकारी के माध्यम से दर्ज की जाएंगी।
बता दें कि जिले में देश के अन्य जिलों की तरह 2011 में सामान्य जनगणना का कार्य पूरा हो चुका है और उसके बाद अब सामाजिक आर्थिक जनगणना का काम पूरा हो गया है। उसकी सूचियां तैयार की जा रही हैं। इससे पहले जनगणना में जिले में कुल परिवारों की संख्या की जनगणना हो चुकी है। कठुआ जिले में कुल परिवारों की संख्या एक लाख 18 हजार 932 है, जिनमें ग्रामीण क्षेत्र के परिवारों की संख्या एक लाख एक हजार 140 है। शहरी परिवारों की संख्या 17 हजार 772 है। कठुआ नगर परिषद के दायरे में कुल परिवारों की संख्या 12 हजार 227 है। ग्रामीण परिवारों की संख्या 26 हजार 901 है।
असली गरीब को हक दिलाना उद्देश्य
देश में गरीबों के कल्याण के लिए सरकार की ओर से बनाई जाने वाली लाभार्थी योजना का हर गरीब को उसका पूरा लाभ मिले, इसी उद्देश्य से अब सरकार ने पहली बार देश में आर्थिक सामाजिक जनगणना कराई है। सरकार का भी माना है कि गरीब किसी विशेष जाति से नहीं, किसी भी जाति का हो सकता है। अब तक जितनी भी योजनाएं बनी हैं, उनमें विशेष वर्ग को ही लाभ दिया जाता है। अब हर वर्ग की आर्थिक स्थिति देखकर उसकी पहले जनगणना होगी और फिर उसे बीपीएल कार्ड जारी होगा। सबसे अहम बात यह रहेगी कि अब कार्ड भी ग्रामीण विकास विभाग जारी करेगा। इससे पहले उपभोक्ता मामले एवं जन वितरण विभाग भी कार्ड जारी करता था। उससे दोनों विभागों के कार्ड में गरीब यानी बीपीएल का सर्वे अलग रहता था और कई गरीब चाहे वे किसी भी जाति के हों, उन्हें लाभ नहीं मिल पाता है। इसी को लेकर पहली बार देश आर्थिक सामाजिक जनगणना हुई है। अब इसी के आधार पर गरीबों के कल्याण के लिए अगली योजनाएं बनेंगी।
-चांद किशोर शर्मा, जिला नोडल अधिकारी, आर्थिक सामाजिक जनगणना

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