लक्ष्य हासिल करने के लिए भेजा जा रहा अधिक बिल
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जागरण संवाद केंद्र, कठुआ : शशी बाला और तारा चंद का बिजली बिल 180 रुपये प्रतिमाह आ रहा था। लेकिन पिछले दो महीने से उन्हें 280 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं। ऐसा नहीं है कि वो अधिक उपभोग करने लगे हैं। बल्कि यह तरीका राजस्व वूसली के लक्ष्य को हासिल करने के लिए बिजली विभाग ने अपनाया है। लोगों को अधिक बिल भेजा जा रहा है। उपभोक्ता परेशान हैं। अधिकारी टालमटोल में जुटे हैं।
वित्त वर्ष 2013-14 समाप्त होने में अब तीन ही महीने शेष हैं। ऐसे में पिछले दो महीने से राजस्व वसूली के लक्ष्य को पूरा करने के लिए विभाग पूरा जोर लगा रहा है। तरह-तरह के हथकंडे अपना रहा है। नाम न छापने के शर्त पर बिजली विभाग के कुछ कर्मचारियों ने बताया कि उच्च अधिकारी निचले स्तर के कर्मियों पर अपने-अपने क्षेत्र से अधिक राजस्व एकत्रित करने का दबाव बना रहे हैं। हर उपभोक्ता से कम से कम 300 यूनिट के हिसाब से किराया वसूलने को कहा जा रहा है। इस वजह से बिजली का किराया बिना बढ़ाए और लोड समीक्षा किए बिना ही लोगों को अधिक बिल भेजा जा रहा है। इससे निचले स्तर के कर्मी भी परेशान है। लक्ष्य पूरा नहीं करने पर हीरानगर में पांच कर्मियों पर कार्रवाई भी हो चुकी है। हालांकि अधिकारिक तौर पर अधिक बिल वसूली से इन्कार किया जा रहा है।
उधर, उपभोक्ता परेशान हैं। वह यह नहीं समझ पा रहे हैं कि 12 से 16 घंटे तक कटौती के बीच अचानक बिल कैसे बढ़ गया। विभाग के अधिकारी उन्हें लोड अधिक बढ़ जाने की बात कहते हैं। उपभोक्ताओं का कहना है कि जब विभाग ने बिजली के किरायों में बढ़ोतरी नहीं की है तो बिल में वृद्धि कैसे हो गई। यदि मीटर लगाए गए हैं तो उस हिसाब से किराया लिया जाए।
वहीं, कार्यकारी अभियंता कर्मचंद का कहना है कि किरायों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है, जिनके घरों का अधिक लोड इस सीजन में बढ़ा है, उनसे ही अधिक किराया लिया जा रहा है।
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