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    दिलों की धड़कन बन रही आयुष्मान, इतने मरीज उठा चुके PM योजना का लाभ; World Heart Day पर जानें कुछ विशेष बातें

    By rohit jandiyalEdited By: Himani Sharma
    Updated: Thu, 28 Sep 2023 03:34 PM (IST)

    World Heart Day 2023 पीएम की जन आरोग्‍य योजना हृदय रोगियों के लिए वरदान साबित हो रही है। अब तक 23 से अधिक मरीज आयुष्‍मान योजना का लाभ उठा चुके हैं। पह ...और पढ़ें

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    अब तक 23 हजार से अधिक हृदय रोगी उठा चुके हैं आयुष्मान योजना का लाभ

    जम्मू, रोहित जंडियाल: कभी रुपयों की कमी के कारण बिना इलाज के ही दम तोड़ने वाले मरीजों के लिए अब आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और सेहत योजना वरदान साबित हो रही है। विशेष तौर पर हजारों हृदय रोगियों की दिलों की धड़कन इन्हीं योजनाओं के सहारे धड़क रही है।

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    हृदय रोग का इलाज काफी महंगा माना जाता था। पहले ब्लॉकेज होने पर कई मरीज स्टंट की कीमत को देख इलाज ही नहीं करवाते थे। स्टंट डालने का अस्पतालों में एक लाख से अधिक रुपये खर्च आता था। ऐसी ही स्थिति पेसमेकर को लेकर है। पेसमेकर डालने का निजी अस्पतालों में दो से तीन लाख रुपये लिए जाते हैं।

    गोल्डन कार्ड बनने से इलाज की समस्या का हुआ समाधान

    कई में तो इससे भी अधिक रुपये लिए जाते हैं लेकिन अब जम्मू-कश्मीर में सभी लोगों के आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना सेहत के तहत गोल्डन कार्ड बनने से इलाज की समस्या का समाधान हो गया है।

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    अब स्टंट और पेसमेकर दोनों ही यहां के मरीजों के निशुल्क डाले जा रहे हैं। सरकारी अस्पतालों के अतिरिक्त पंजीकृत निजी अस्पतालों में भी हृदय रोगियों का इलाज हो रहा है। अधिकांश मरीज अब स्वस्थ हो रहे हैं। हालांकि अभी भी एंजियोग्राफी सहित कई टेस्ट योजनाके बाहर हैं लेकिन अधिकतम खर्च इस योजना के तहत हो रहा है।

    सरकारी आंकड़ों की बात करें तो जम्मू-कश्मीर में सेहत आयुष्मान भारत योजना शुरू होने के बाद अभी तक 23991 हृदय रोगी अपना इलाज करवा चुके हैं। सबसे अधिक जम्मू जिले में 4307 और श्रीनगर जिले में 3384 मरीजों का इलाज हुआ है। इन पर 154 करोड़ रुपयों से अधिक का खर्च आया है।

    आयुष्‍मान योजना का मरीजों को हुआ काफी लाभ

    सुपर स्पेशलिटी अस्पताल जम्मू में कार्डियालोजी विभाग के एचओडी डा. सुशील शर्मा का कहना है कि आयुष्मान योजना का मरीजों को बहुत लाभ हुआ है। प्रयास रहता है कि अस्पताल में आने वाले मरीजों का खर्च न हो और उनका इसी योजना से लाभ हो। अब हर कोई मरीज इलाज के लिए अस्पताल में आ रहा है।

    वहीं निजी अस्पताल में काम करने वाले वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डा. नीरज शर्मा का कहना है कि पहले पेसमेकर कुछ मरीज ही डलवाते थे लेकिन अब इस योजना से मरीजों को निश्चित रूप से लाभ हुआ है। आंकड़े भी बताते हैं कि जम्मू-कश्मीर में कैंसर के बाद हृदय रोगी ही इस योजना के तहत अपना इलाज सबसे अधिक करवा रहे हैं।

    युवाओं में बढ़ रहा हृदय रोग

    ग्लोबल हेल्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट के एक अध्ययन के अनुसार जम्मू-कश्मीर में हृदय संबंधी बीमारियों के कारण 29.6 प्रतिशत मौतें दर्ज की गई हैं। 25 प्रतिशत मौतें 25-69 वर्ष के आयु वर्ग में होती हैं। इनमें से 32.8 प्रतिशत मौतें शहरी इलाकों में और 22.9 प्रतिशत मौतें ग्रामीण इलाकों में होती हैं।

    गर्मियों की अपेक्षा सर्दियों में ये प्रतिशत बढ़ जाता है। हृदय रोग विशेषज्ञ डा. सुशील शर्मा का कहना है कि हर किसी को पारंपरिक जीवनशैली अपनाने की जरूरत है। लोगों ने अपने रहन-सहन में बहुत बदलाव लाया है। फास्ट फूड का सेवन, व्यायाम न करना लोगों की सेहत पर भारी पड़ रहा है।

    हृदय रोग के कई कारण

    हृदय रोग विशेषज्ञ डा. नीरज शर्मा का कहना है कि जीवनशैली में बदलाव के कारण युवाओं के लिए मोटापा नई समस्या है। उच्च रक्तचाप और मधुमेह भी हृदय रोग का कारण हैं। गतिहीन जीवनशैली, धूम्रपान, मिठाई, वसायुक्त खाद्य पदार्थों का सेवन, तनावपूर्ण जीवन भी बीमारी का प्रमुख कारण है।

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    उनका कहना है कि दिल के दौरे के कारणों की गंभीरता के बारे में जागरूकता की कमी एक बड़ी चुनौती है। लोग उच्च रक्तचाप, मधुमेह और मोटापे के खतरों के बारे में नहीं जानते हैं। लोगों को यह अहसास नहीं है कि धूम्रपान उनके लिए कितना खतरनाक हो सकता है।

    किस जिले में कितने हृदय रोगियों ने करवाया इलाज

    जिला                                              कुल मामले

    अनतंनाग                                           1200

    बडगाम                                             1133

    बांडीपोरा                                             477

    बारामुला                                            1733

    डोडा                                                   964

    गांदरबल                                              338

    जम्मू                                                  4307

    कठुआ                                                 994

    किश्तवाड़                                             465

    कुलगाम                                               512

    कुपवाड़ा                                               957

    लद्दाख                                                    35

    पुंछ                                                     1064

    पुलवामा                                               1960

    राजौरी                                                 1281

    रामबन                                                  367

    रियासी                                                  573

    सांबा                                                     654

    शोपियां                                                  591

    श्रीनगर                                                 3384

    उधमपुर                                               1002

    कुल                                                   23991