BSF की महिला अधिकारी नेहा भंडारी, जिन्होंने दुश्मनों को चुन-चुन कर बनाया निशाना
जम्मू में सीमा सुरक्षा बल की महिला अधिकारी नेहा भंडारी ने अखनूर सेक्टर में पाकिस्तानी चौकियों को तबाह कर दिया। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उन्होंने और अन्य महिला प्रहरियों ने दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दिया। नेहा जो अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी की अधिकारी हैं ने कहा कि उन्हें देश के लिए लड़ने पर गर्व है। बीएसएफ ने 76 पाकिस्तानी चौकियां नष्ट कीं।

राज्य ब्यूरो, जम्मू। भारतीय सशस्त्र बलों के ऑपरेशन सिंदूर की कामयाबी से बौखलाए पाकिस्तान ने जब भारी गोलाबारी की तो सीमा सुरक्षा बल की इकलौती महिला अधिकारी नेहा भंडारी ने दुश्मन पर कहर बरपा दिया। सहायक कमांडेंट नेहा ने अखनूर के परगवाल में जीरो लाइन से अपने साथियों के साथ सटीक गोलाबारी करते हुए दुश्मन की तीन चौकियां तबाह कर दी।
सहायक कमांडेंट नेहा भंडारी के साथ सीमा पर दुश्मन को चुन चुन कर निशाना बनाने में छह अन्य महिला सीमा प्रहरियों ने भी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सांबा, आरएसपुरा व अखनूर सेक्टरों में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने बंदूकों के साथ लगातार दुश्मन पर सटीक प्रहार कर यह साबित किया कि बात जब सीमा की सुरक्षा की हो तो देश की बेटियां भी मोर्चे पर आकर लड़ेंगी।
परिवार की तीसरी पीढ़ी की अधिकारी हैं नेहा
सहायक कमांडेंट नेहा भंडारी अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी की अधिकारी हैं। उन्हें ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जम्मू जिले के अखनूर सेक्टर के परगवाल में सीमा से सटी चौकी की कमान संभालने का गौरव प्राप्त हुआ। उनका कहना है कि मैं सीमा प्रहरियों के साथ एक चौकी की कमान संभालते हुए गर्व महसूस करती हूं। यह चौकी अखनूर के परगवाल क्षेत्र में पाकिस्तानी चौकी से लगभग 150 मीटर की दूरी पर है।
उन्होंने बताया कि अपनी चौकी से उपलब्ध सभी हथियारों से दुश्मन की चौकियों पर मुंहतोड़ जवाब देना मेरे लिए सम्मान की बात थी। उन्होंने बताया कि मेरे क्षेत्र के सामने दुश्मन की तीन चौकियां थी। हमने सटीक प्रहारों से तीन चौकियों को घेर लिया था।
चौकियों को तबाह होते देख दुश्मन के सैनिक जान बचाने के लिए भागते दिखे। उन्हें आघात देने के लिए तीनों चौकियों को नष्ट कर दिया गया। इस सटीक कार्रवाई के लिए मुझे अपने साथियों पर गर्व है। देश के लिए दुश्मन पर करारा आघात करने के लिए उनका जोश बहुज उंचा था।
नेहा ने बताया कि उनके दादा सेना में थे। वहीं माता-पिता केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल। वह अपने परिवार में तीसरी पीढ़ी की अधिकारी हैं। उनका कहना है कि अब देश की महिलाएं भी पीछे नही हैं। तीन दिनों तक चली झड़पों के दौरान पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए महिला सीमा प्रहरियों ने अपने पुरुष समकक्षों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर दुश्मन पर वार किया।
उन्होंने बताया कि मेरे साथ 18 से 19 महिला सीमा रक्षक थीं। सटीक रूप से कहें तो छह महिलाएं निगरानी चौकियों पर सीधी गोलीबारी में शामिल थीं। हमें उन पर गर्व है। उन्होंने बताया कि वह ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जम्मू सीमा पर अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एक अग्रिम चौकी की कमान संभालने वाली एकमात्र बीएसएफ महिला अधिकारी थीं।
BSF के आई शशांक आनंद ने क्या कहा?
सीमा सुरक्षा बल जम्मू फ्रंटियर के आईजी शशांक आनंद का कहना है कि चौकियों पर लड़ाई में महिलाओं की भूमिका सराहनीय रही। महिला सीमा प्रहरियों के पास बटालियन मुख्यालय में जाने का विकल्प था। लेकिन उन्होंने यह चुना कि वे अपने पुरुष समकक्षों के साथ अग्रिम चौकियों पर रहकर पाकिस्तान को जोरदार जवाब देंगी। सहायक कमांडेंट नेहा भंडारी सहित बीएसएफ की महिला कर्मियों ने अग्रिम चौकियों पर तैनात रहकर और अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास दुश्मन के ठिकानों पर हमला करके अनुकरणीय साहस दिखाया है।
वहीं अग्रिम चौकी पर तैनात रही कांस्टेबल शंकरी दास का कहना है कि अपने कर्तव्य का पालन करते हुए बंदूक से दुश्मन का सामना करने का चुनाव किया। हमारे सीनियर कमांडरों ने हमें स्थिति के बारे में जानकारी दी कि गोलीबारी हो सकती है।
हमें गोलीबारी का जवाब गोलीबारी से देने का निर्देश दिया गया था। इसलिए, जैसे ही गोलीबारी शुरू हुई, हमने जवाबी गोलीबारी की। शंकरी दास की तरह कांस्टेबल स्वप्ना रथ, अनीता, सुमी, मलकीत कौर व मंजीत कौर अपने पुरुष समकक्षों की तरह विभिन्न चौकियों पर बंदूक उठाकर पाकिस्तानी सैनिकों को मुंहतोड़ जवाब दिया। मंजीत कौर ने कहा, हमें बंदूकों के साथ तैनात होने व जवाबी कार्रवाई करने पर गर्व है। दुश्मन का सामना करना हमारे लिए सम्मान की बात है।
ऑपरेशन सिंदूर में 76 पाकिस्तानी चौकियां तबाह
ऑपरेशन सिंदूर के तहत जम्मू सीमा पर अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तानी रेंजर्स की गोलाबारी का मुंहतोड़ जवाब देते हुए बीएसएफ ने 76 पाकिस्तानी सीमा चौकियों व 42 अग्रिम रक्षा स्थानों (एफडीएल) को तबाह किया था। इनमें तीन आतंकवादी लान्च पैड को नष्ट कर दिया।
पाकिस्तान ने 60 भारतीय चौकियों व 49 अग्रिम ठिकानों पर भारी गोलाबारी करने के साथ 40-50 आतंकवादियों द्वारा घुसपैठ करवाने का प्रयास किया था। इसके जवाब में बड़ा आघात करते हुए सीमा सुरक्षा बल ने दुश्मन को मिट्टी में मिला दिया था।
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