4 साल बाद फिर जम्मू से चलेगी सरकार, श्रीनगर में ऑफिस बंद कर रवाना होने लगे कर्मचारी; 3 नवंबर से शुरू होगा कामकाज
जम्मू-कश्मीर में दरबार मूव की परंपरा फिर से शुरू हो रही है, जिसे चार साल पहले बंद कर दिया गया था। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिससे कर्मचारियों में खुशी है। यह परंपरा 1872 में शुरू हुई थी, जिसमें सर्दियों में दरबार जम्मू और गर्मियों में श्रीनगर स्थानांतरित होता था। दरबार मूव बंद होने से स्थानीय कारोबारियों को नुकसान हुआ था।

जम्मू-कश्मीर में दरबार मूव की परंपरा शुरू, सीएम ने किया एलान।
डिजिटल डेस्क, जम्मू। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में दरबार मूव की परंपरा फिर से शुरू होने जा रही है। यह परंपरा चार साल बाद फिर से शुरू हो रही है। कैबिनेट के प्रस्ताव पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी मंजूरी प्रदान कर दी है।
सीएम उमर अब्दुल्ला ने भी इस संबंध में अपनी सहमति दे दी है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने अपनी सरकार के एक साल पूरे होने पर यह घोषणा की थी। अब सामान के साथ कर्मचारी श्रीनगर से जम्मू के लिए रवाना हो रहे हैं। 3 नवंबर से 6 महीने तक जम्मू में उमर सरकार काम करेगी। गर्मी शुरू होते ही कार्यालय श्रीनगर शिफ्ट हो जाएंगे।
सरकारी खजाने पर पड़ेगा अतिरिक्त बोझ
एक अनुमान के आधार पर सरकारी खजाने पर दो सौ करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। दरबार मूव की परम्परा की बहाली का वादा नेशनल कान्फ्रेंस ने अपने चुनाव घोषणापत्र में किया था।
दरबार मूव बंद होने से कारोबारियों को नुकसान
दरबार मूव की परंपरा बंद होने से जम्मू शहर और उसके साथ सटे इलाकों में कारोबारी गतिविधियां प्रभावित हुईं। स्थानीय होटल उद्योग, परिवहन क्षेत्र से जुड़े लोग ही नहीं अन्य कारोबारी भी प्रभावित हुए। दरबार मूव के कारण कश्मीर से हर साल लगभग तीन हजार कर्मचारी जम्मू आते थे। जम्मू प्रवास के दौरान खूब खरीदारी करते थे।

क्या है दरबार मूव?
दरबार मूव की परंपरा को 1872 में तात्कालीन डोगरा शासक महाराजा गुलाब सिंह ने शुरू किया था। सर्दियों के छह माह नंवबर के पहले सप्ताह से अप्रैल के अंतिम सप्ताह तक वह अपने पूरे दरबार के साथ कश्मीर से जम्मू आ जाते थे।
गर्मियों के दौरान मई के पहले सप्ताह में वह कश्मीर में अपना दरबार लगाते थे और अक्टूबर के अंत तक वहीं से पूरे राज्य का राजकाज चलाते थे। उन्होंने यह परंपरा कश्मीर की भीषण ठंड और जम्मू की भीषण गर्मी से बचने के लिए शुरू की थी।
कब बंद हुई यह परंपरा?
जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के तहत 31 अक्टूबर 2019 को जम्मू-कश्मीर राज्य दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के रूप में पुनर्गठित हो गया। इसके बाद जून 2021 में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने दरबार मूव की परंपरा को समाप्त करने का आदेश जारी कर दिया।
पुलिस महानिरीक्षक वीके बिरदी ने की सुरक्षा समीक्षा
पुलिस महानिरीक्षक वीके बिरदी ने दरबार मूव के सुचारु संचालन के लिए सुरक्षा और यातायात व्यवस्था की समीक्षा की है। बिरदी ने अधिकारियों को गश्त, नाके बढ़ाने, रात्रिकालीन जांच बढ़ाने और सभी संवेदनशील क्षेत्रों, विशेष रूप से काजीगुंड, बनिहाल, रामबन और उधमपुर सेक्टरों में त्वरित प्रतिक्रिया टीमों की संख्या बढ़ाने के भी निर्देश दिए।

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