याद रखें! 'हम कभी पाकिस्तानी नहीं थे, न हैं और न ही होंगे'; फारूक अब्दुल्ला को ऐसा क्यों बोलना पड़ा
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू में एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार किसी से भेदभाव नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि जम्मू के लोगों ने चुनाव में उनका साथ नहीं दिया क्योंकि उन्हें गुमराह किया गया था। उन्होंने कहा कि सिख समुदाय का देश की आजादी में अहम योगदान रहा है और हमें प्रेम के रास्ते पर चलना चाहिए।

राज्य ब्यूरो, जम्मू। नेकां के प्रधान व पूर्व मुख्यमंत्री डा. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू कश्मीर में हमारी सरकार किसी से भेदभाव नहीं करेगी। यह हिंदू, मुसलामन, बौद्ध, इसाई किसी से भी फर्क नहीं करेगी। जम्मू के लोगों ने चुनाव में हमारा साथ नहीं दिया।
यह फैलाया गया कि मुसलमान आने वाले है, यह तुम्हें खा जाएंगे। ये पाकिस्तानी है। हम कभी पाकिस्तानी नहीं थे, न हैं और न ही होंगे, यह याद रखें। मुझे हर धर्म से प्रेम है मैंने कभी फर्क नहीं किया। जो फर्क कर रहे हैं, उनको जागना चाहएि। जम्मू को बताया कि उनको हक मिलेगा।
फारूक ने श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाशोत्सव पर गुरुद्वारा डिग्यिाना आश्रम में समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि हम सब को देश के लिए एकजुट होकर काम करना चाहिए। देश की आजादी में सबसे अहम योगदान सिख समुदाय का रहा है। हमें प्रेम के रास्ते पर आगे चलना चाहिए।
इंजीनियरिंग कालेज के लिए हमने काम किया। मुरली मनोहर जोशी के समक्ष मुद्दे को उठाया। जब आनाकानी हुई तो मैंने इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया। भगवान के अलावा किसी से डरना नहीं चाहिए।
मेडिकल व नर्सिंग कॉलेज भी बनाएं'
मैंने कहा कि सिख युवा ड्राइवर या क्लीनर नहीं बनने चाहिए। सिख युवा भी इंजीनियर डाक्टर बनने चाहिए। वह हमेशा ही सिख समुदाय की बेहतरी के लिए कार्य करते रहेंगे। सिख अहम पदों पर काम कर रहे हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि मेडिकल व नर्सिंग कालेज भी बनाएं।
मैं उम्मीद करता हूं कि दिल में वायदों करो कि हमें वतन के लिए काम करना है। वतन मजबूत होगा तो हम सशक्त होंगे। नफरत चल नहीं सकती है। जिस तरह से नफरत पैदा की जा रही है। हिंदुओं व मुसलमानों मेंं, धीरे धीरे सिख में भी होगी।
नौकरियों को दस साल भरा नहीं गया
इससे देश कमजोर होगा, अपने धर्म को समझें। गुरु गोबिंद सिंह जी ने जुल्म के खिलाफ तलवार उठाई। हम सब मिलकर भारत को मजबूत बनाएं। तरक्की करें। देश में एक समस्या महंगाई व बेरोजगारी है। हमने एकजुट बैठ कर मसलों का समाधान करना है। राज्य का दर्जा चाहिए। इस हक को लेना है।
संसद में वायदा किया गया है। सर्वोच्च न्यायालय में कहा गया है। इसके बगैर काम नहीं चलेगा। नौकरियों को दस साल भरा नहीं गया। आज डाकटरों, पैरामेडिकल, अध्यापकों के पदों को भरने की जरूरत है। जरूरी है कि राज्य का दर्जा आए, यह पद भरे जाएं।
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