'पहलगाम के जवाब में बहुत कुछ कर सकते थे', राजनाथ सिंह बोले- ऑपरेशन सिंदूर में सेना ने पराक्रम और धैर्य दिखाया
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत पहलगाम की घटना पर और भी प्रभावी प्रतिक्रिया दे सकता था। उन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारतीय सेना द्वारा प ...और पढ़ें
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राजनाथ सिंह बोले- ऑपरेशन सिंदूर में सेना ने पराक्रम और धैर्य दिखाया। फोटो जागरण
राज्य ब्यूरो, जागरण जम्मू
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने अातंक को शह देने वाले पाकिस्तान को बाज आने के स्पष्ट संकेत देते हुए कहा है कि हम चाहते तो पहलगाम हमले के जवाब में बहुत कुछ कर सकते थे। आपरेशन सिंदूर में सेना ने पराक्रम, धैर्य का परिचय दिया।
रक्षामंत्री ने कहा कि आपरेशन सिंदूर को एतिहासिक बनाने में मजबूत कनेक्टिविटी ने मुख्य भूमिका निभाई। पहलगाम हमले के बाद जवाबी कार्रवाई में हमारी सेना ने उतना ही किया जितना जरूरी था। रक्षामंत्री ने कहा कि इतना बड़ा आपरेशन इसी लिए संभव हो पाया क्योंकि हमारी कनेक्टिवटी मजबूत है। हमारी सेनाओं ने आपरेशन सिंदूर के दौरान कार्रवाई करने को सही समय पर अपनी साजो सामान पहुंचाया।
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के करीब श्योक में रविवार को देश के 7 राज्यों व दो केंद्र शासित प्रदेशों में पांच हजार करोड़ रूपये की लागत से बने 125 विकास प्रोजेक्टों का इ उद्घाटन करने के बाद रक्षामंत्री ने कहा कि सेनाअों ने अापरेशन सिंदूर को प्रभावी तरीके से अंजाम दिया। दुनिया जानती है कि हमने आतंकवादियों का क्या हाल किया। सेनाओं को सहयोग देने के लिए लोगों को आभार जताते हुए रक्षामंत्री ने कहा कि यह जुड़ाव ही हमे विश्व में एक अलग पहचान दिलाता है।
सीमा पर बुनियादी ढांचे के विकास को मोदी सरकार की प्राथमिकता करार देते हुए कहा रक्षामंत्री ने कहा कि कहा है कि अच्छी सड़कों, रियल टाइम संचार, सेटेलाइट स्पोर्ट, सर्वेलांस नेटवर्क व लाजिस्टिक स्पोर्ट से देश के सीमाओं पर आज हमारे सैनिक मजबूती के साथ खड़े हैं। सेना के बलिदानियों को श्रद्घांजलि देते हुए रक्षामंत्री ने कहा कि ये प्रोजेक्ट उन बलिदानियों को श्रद्धांजलि है जिन्होंने देशसेवा करते हुए अपनी जान दे दी। उन्होंनें कहा कि यह पहली बार है कि जब सीमा सड़क संगठन ने एक साथ 125 प्रोजेक्ट देश को समर्पित किए हैं।
रक्षामंत्री ने कहा है सीमा पर जवान के जीवन का एक एक मिनट, एक एक सैकेंड महत्वूपर्ण है। इस लिए संपर्क को सिर्फ नेटवर्क, आप्टिकल फाइबर, ड्रोन व रडार तक सीमित र रखते हुए इस सुरक्षा की रीढ़ के रूप में देखा जाना चाहिए।
सेना के आधुनिकीकरण का हवाला देते हुए रक्षामंत्री ने कहा कि स्मार्ट फैसिंग, एकिकृत कमान सिस्टम, सर्वेलांस सिस्टम की मजबूती साबित करती है कि कनेक्टिवी व सुरक्षा अब एक दूसरे से अलग नही रह गए हैं। सीमांत क्षेत्रों का बहु उद्देशीय विकास सबको प्रभावित करता है। रक्षामंत्री ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में रणनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण श्योक टनल समेत लोकार्पित की गई 125 सामरिक दृष्टि से अहम परियोजनाएं सेनाओं की गतिशीलता को बढ़ाएंगे व जरूरत पड़ने पर अग्रिम इलाकों तक पहुंचान आसान होगा। देश को लोकर्पित की गई विकास की परियोजनाओं में 28 सड़कें व 93 पुल शामिल हैं। रक्षामंंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं से सीमावर्ती क्षेत्रों में कनेक्टिविटी मजबूत होने के साथ सशस्त्र सेनाओं की सामरिक क्षमता में भी अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। श्योक टनल शुरू होने से लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर साल भर निर्बाध आवाजाही संभव होने से सेना की तैनाती व लाजिस्टिक स्पोर्ट को बल मिला है।
रक्षा मंत्री ने इस अवसर पर सीमा सड़क संगठन के के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि सीमांत ई क्षेत्रों में सड़क, पुल और सुरंगों का तेज़ी से निर्माण राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं, इनसे सीमांत क्षेत्रों में विकास को भी बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं न केवल सैन्य आवश्यकताओं को पूरा करेंगी अपितु स्थानीय आबादी को बेहतर परिवहन सुविधाएं, पर्यटन बढ़ोतरी व आर्थिक विकास का अवसर भी देंगी।
श्योक से 125 महत्वपूर्ण प्रोजेक्टों के उद्घाटन समारोह में लद्दाख के उपराज्यपाल कविंद्र गुप्ता, आर्मी चीफ जनरल उपेंद्र द्विवेदी, सेना की उत्तरी कमान के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा व सेना की फायर एंड फ्यूरी कोर के जीओसी समेत अन्य कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। वहीं देश के कई राज्यों के मुख्यमंत्री, उपराज्यपाल व केंद्रीय मंत्री डा जितेन्द्र सिंह वीडियाे कांफ्रेंसिंग के माध्यम से इस कार्यक्रम से जुड़े।
उन्होंने कहा कि मजबूत संचार नेटवर्क, देश भर के सैनिकों से नियमित रूप से बातचीत करने में भी सक्षम बनाता है। न्होंने लद्दाख सहित सीमावर्ती क्षेत्रों के साथ जुड़ाव को गहरा करने की सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए कहा, संचार को केवल बुनियादी ढांचे के संदर्भ में नहीं देखा जाना चाहिए। यह एक बहुत व्यापक शब्द है। शांति, सद्भाव व समाज की समझ के लिए संचार आवश्यक है। उन्होंने कहा कि बेहतर कनेक्टिविटी राष्ट्रीय सुरक्षा क्षमताओं के साथ क्षेत्रीय आर्थिक विकास को भी मजबूती दे रही है। वहीं जारी वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में दर्ज की गई 8.2 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि का हवाला देते हुए, सिंह ने कहा कि सरकारी सुधारों द्वारा समर्थित बेहतर संचार नेटवर्क ने इस आर्थिक गति में योगदान दिया है।
राजनाथ सिंह ने श्योक दौरे के दौरान पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा के सुरक्षा हालात की की समीक्षा भी की। उन्होंने सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ क्षेत्र के ज़मीनी हालात, सुरक्षा चुनौतियां व उनका सामना करने के लिए की गई तैयारियों के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने सर्दियों की चुनौतियों के बीच दुश्मन के हर मंसूबे को नाकाम बनाने के लिए मोर्चा संभाल रहे भारतीय सेना के जवानों का मनोबल भी बढ़ाया। रविवार सुबह लेह पहुंचने पर उनका स्वागत लद्दाख के उपराज्यपाल कविंद्र गुप्ता ने किया।
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