'जम्मू-कश्मीर में जल्द से जल्द चुनाव कराने के लिए हम प्रतिबद्ध', CEC राजीव कुमार बोले- 9 पार्टियों से कर चुके हैं मुलाकात
Jammu Kashmir News मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि हम किसी भी ताकतों को चुनाव को पटरियों से उतारने नहीं देंगे। हम जम्मू-कश्मीर में जल्द से जल्द चुनाव कराने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। हम सुकून के साथ चुनाव संपन्न कराना चाहते हैं। सभी राजनीतिक दल जम्मू-कश्मीर में चुनाव को लेकर तैयार है। हम भी पूरी तरह से तैयार हैं।
जागरण संवाददाता, जम्मू। समय सही है, लेकिन अभी तय नहीं है कि चुनाव कब होगा। यह लब्बोलुआब है जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने आए केंद्रीय चुनाव आयोग के दो दिवसीय दौरे का। शुक्रवार को दिल्ली रवाना होने से पहले मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि जम्मू कश्मीर में चुनाव के लिए आयोग और स्थानीय प्रशासन पूरी तरह तैयार है।
किसी को चुनाव में बाधा नहीं डालने दी जाएगी और न सुरक्षा परिस्थियों की आड़ मे चुनाव टाला जाएगा। बस, दिल्ली में हम यहां के सुरक्षा परिदृश्य और सुरक्षाबलों की तैनाती का आकलन करेंगे, उसके बाद बताएंगे कि चुनाव कब होंगे।
केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर में पहली बार होंगे विधानसभा चुनाव
उल्लेखनीय है कि सर्वाोच्च न्यायालय ने जम्मू कश्मीर में 30 सितंबर 2024 से पूर्व विधानसभा के गठन का निर्देश दिया है। जम्मू कश्मीर में अंतिम बार विधानसभा चुनाव 2014 में हुआ था। उस समय जम्मू-कश्मीर एक पूर्ण राज्य था।
वर्ष 2018 में तत्कालीन राज्य सरकार गिर गई थी और जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लागू करना पड़ा था। उसके बाद पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर राज्य दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू कश्मीर व लद्दाख में पुनर्गठित हो गया। केंद्र शासित जम्मू कश्मीर में पहली बार विधानसभा चुनाव होंगे।
विधान सभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू
जम्मू कश्मीर में विस चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में भारतीय चुनाव आयोग का एक प्रतिनिधिमंडल गत गुरुवार को प्रदेश के दौरे पर आया था। आज शाम को ही आयोग का प्रतिनिधिमंडल दिल्ली लौटा है।
संबधित अधिकारियों और सुरक्षा एवं प्रवर्तन एजेंसियों के अधिकारियों के साथ चुनाव संबंधी तैयारियों का जायजा लेने बाद पत्रकारों से बातचीत में राजीव कुमार ने कहा कि जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के तहत विभिन्न संवैधानिक प्रविधान दिसंबर 2023 में ही पूरी तरह जम्मू कश्मीर मे लागू हुए हैं और उसके बाद ही यहां सही मायनों में विस चुनाव की प्रक्रिया को शुरू किया गया है।
लोकतंत्र की नींव पर मजबूत इमारत बनाने की जरूरत
उन्होंने लोकसभा चुनाव में जम्मू-कश्मीर में हुए रिकॉर्ड मतदान पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि आपने अमन की जो नयी दास्तां सुनाई है, लोकतंत्र को मजबूत बनाया है। उसे देखते हुए अब आपको चुनी हुई सरकार देकर लोकतंत्र को और मजबूत बनाने, यहां शांति-खुशहाली की कहानी को आगे बढ़ाने अवसर है।
इसलिए हम यहां हैं। आपने लोकतंत्र और सद्भावना को चुना है। आपने संसदीय चुनाव में मतदान की प्रक्रिया के दौरान जो मापदंड बनाए हैं, उनसे आगे जाना है। आपने जो लोकतंत्र की नींव तैयार की है, उस पर अब एक मजबूत इमारत बनाने की जरूरत है। यह चुनाव कराने का सही समय है।
20 अगस्त को मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन
विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठकों का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि सभी जल्द विधानसभा चुनाव चाहते हैं। कइयों ने सभी मतदान केंद्रों की वेबकास्टिंग और सीसीटीवी निगरानी केा सुनिश्चित करने, सभी के लिए समानता के आधार पर राजनीतिक गतिविधियां चलाने के अधिकार और सभी के लिए समुचित सुरक्षा कवच का मुद्दा उठाया है।
इन सभी का संज्ञान लिया गया है। संबधित प्रशासन को निर्देश दिया गया कि चुनावी रैलियों की अनुमति ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर हो। दी गई अनुमति को मौखिक रूप से रद न किया जाए। सभी नेताओं की सुरक्षा की समीक्षा कर, उसे सुनिश्चित बनाया जाए।
अगर कोई अधिकारी पक्षपातपूर्ण निर्णय लेता है तो नपा जाएगा। उन्होंने बताया कि 19 अगस्त को श्री अमरनाथ की तीर्थयात्रा संपन्न हो जाएगी और 20 अगस्त को मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन होगा। प्रदेश में नौ हजार स्थानों पर 11838 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे
सुरक्षाबल किसी भी चुनौती से निपटने में तैयार
उन्होंने बढ़ती आतंकी गतिविधियों और आतंकी खतरे के आधार पर चुनाव प्रक्रिया को स्थगित किए जाने की आशंकाओं संबंधी सवाल के जवाब में कहा कि जम्मू कश्मीर में यथाशीघ्र चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है, और किसी को भी चुनाव प्रक्रिया में बाधा नहीं डालने दी जाएगी।
स्थानीय प्रशासन और सभी सुरक्षा एजेंसियां चुनाव के लिए तैयार हैं। आतंकी घटनाओं को लेकर चुनाव टाले जाने की आशंका पर उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में स्थानीय लोगों की रिकॉर्ड भागीदारी के बाद यहां सुरक्षा परिदृश्य में कुछ बदलाव आया है, लेकिन हमारे सुरक्षाबल किसी भी चुनौती से निपटने में पूरी तरह समर्थ हैं।
अगर चुनाव टाला जाएगा तो यह उन ताकतों की कामयाबी होगी। वह तो हमेशा यही प्रयास करते रहेंगे।
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