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Water Crisis in Jammu: कई इलाकों में नहीं आ रहा है पीने लायक पानी, शिकायत के बावजूद जल शक्ति विभाग नहीं कर रहा समाधान

जम्मू के कई इलाकों में लोगों के घरों में पीने लायक पानी नहीं आ रहा है। इस समय पुराने शहर के कई इलाकों में नाले-नालियों व गलियों का निर्माण चल रहा है। नालियों व नालों को तोड़ते समय काफी जगह पानी की पाइपें भी क्षतिग्रस्त हुई हैं जहां से लगातार गंदे पानी का रिसाव हो रहा है। इस वजह से 40 फीसदी पानी नालियों में बह जाता है।

By rahul sharma Edited By: Rajiv Mishra Sun, 09 Jun 2024 11:38 AM (IST)
Water Crisis in Jammu: कई इलाकों में नहीं आ रहा है पीने लायक पानी, शिकायत के बावजूद जल शक्ति विभाग नहीं कर रहा समाधान
पानी की पाइप लाइन टूटने से नालियों में बह जाता है पानी (फाइल फोटो)

जागरण संवाददाता, जम्मू। बिजली की घोषित-अघोषित कटौती से पहले ही शहर में पानी की विकराल समस्या पैदा हो गई है। कुछ इलाकों में लोगों के घरों में हफ्ते में एक ही दिन पीने के पानी की सप्लाई हो रही है और वह भी पीने लायक नहीं है।

जलशक्ति विभाग में कई बार शिकायत दर्ज करने के बाद भी समस्या के स्थायी समाधान नहीं किया गया है। तंग गलियों में रहने वाले ये लोग चाहकर भी निजी पेयजल टैंकर मंगवा पाने में भी असमर्थ हैं। नल के पानी को जहां वे घरों के अन्य कामों में इस्तेमाल में ला रहे हैं, जबकि पीने के लिए वे बोतल बंद पानी पीने को मजबूर हैं।

इस समस्या को गंभीरता से नहीं ले रहा है जल शक्ति विभाग

शहर में पानी की निकासी को बेहतर बनाने के लिए इस समय पुराने शहर के जैन बाजार, जुलाका मुहल्ला, मस्त गढ़, लिंक रोड, राज तिलक रोड, रेजीडेंसी रोड व उसके साथ लगते कई इलाकों में नाले-नालियों व गलियों का निर्माण चल रहा है।

नालियों व नालों को तोड़ते समय काफी जगह पानी की पाइपें भी क्षतिग्रस्त हुई हैं, जहां से लगातार गंदे पानी का रिसाव हो रहा है। जल शक्ति विभाग की ओर से इन पाइपों की मरम्मत के लिए अभी तक कोई कदम नहीं उठाए गए हैं।

उक्त मुहल्लों में रहने वाले लोगों का कहना है कि उन्होंने कई बार विभाग को अवगत कराया परंतु उनकी समस्या को किसी ने भी गंभीरता से नहीं लिया।

पाइप टूटने की वजह से नालियों में बह जाता है 40% पानी

पहले ही बिजली की घोषित-अघोषित की वजह से पुराने शहर में पानी की सप्लाई प्रभावित है। जहां पहले उन्हें एक दिन छोड़ पानी मिलता था अब हफ्ते में एक दिन ही पानी दिया जा रहा है। वह भी आधे-पौने घंटे के लिए। अफसोस इस बात का है कि एक दिन दिये जाने वाला पानी भी उनकी प्यास बुझा पाने में असमर्थ है।

दूषित पानी होने की वजह से वह पीने के इस्तेमाल में नहीं लाया जा सकता। वह इस पानी का इस्तेमाल घर के अन्य कामों में कर रहे हैं। क्षेत्र के अधिकतर लोग या तो पीने का पानी दूसरे मुहल्लों, क्षेत्रों से ला रहे हैं या फिर बोतल बंद पानी का इस्तेमाल कर रहे हैं।

सर्वे में भी यह बात स्पष्ट हो गई है कि शहर में पाइप टूटी होने से 40 प्रतिशत पानी नालियों में व्यर्थ बह जाता है। इन पाइपों को बदलने के लिए विभाग ने अमरूट के तहत प्रोजेक्ट तैयार किया है। इसके लिए पुराने शहर में सर्वे भी करवा लिया गया है।

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