जम्मू-कश्मीर के अंतिम महाराजा हरि सिंह के पोते विक्रमादित्य सिंह ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा
कांग्रेस में शामिल होने से पूर्व विक्रमादित्य सिंह पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी में सक्रिय रहे हैं। वह पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के टिकट पर ही जम्मू-कश्मीर विधानपरिषद के सदस्य भी बने थे। उनके छोटे भाई अजातशत्रु सिंह प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में गिने जाते हैं।
जम्मू, जागरण ब्यूरो। जम्मू-कश्मीर के अंतिम डोगरा शासक महाराजा हरि सिंह के पौत्र विक्रमादित्य सिंह ने आज यानि मंगलवार को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को लेकर मेरा पक्ष बहुत स्पष्ट और सीधा है जो पूरी तरह राष्ट्रहित में है। जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर कईं जगह मेरी और कांग्रेस पार्टी की विचारधारा मेल नहीं खाती। कांग्रेस को जमीनी सच्चाई का पता नहीं है, यह जनता और जमीन से कटी हुई है।
कांग्रेस में शामिल होने से पूर्व विक्रमादित्य सिंह पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी में सक्रिय रहे हैं। वह पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के टिकट पर ही जम्मू-कश्मीर विधानपरिषद के सदस्य भी बने थे। उनके छोटे भाई अजातशत्रु सिंह प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में गिने जाते हैं। वह भाजपा में शामिल होने से पूर्व नेशनल कांफ्रेंस में थे और वर्ष 1996 में उन्होंने नगरोटा विधानसभा सीट का चुनाव नेशनल कांफ्रेंस के टिकट पर जीता था।
इसी बीच जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीए मीर ने कहा कि- मुझे भी इंटरनेट मीडिया पर ही उनके इस्तीफे का पता चला है। अगर उन्हें इस्तीफा देना है तो यह इस्तीफा मुझे देना चाहिए।
विक्रमादित्य सिंह का परिचय
विक्रमादित्य सिंह का जन्म 5 अगस्त 1964 को हुआ। उनके पिता कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व सांसद व पूर्व सदर-ए-रियातस डा कर्ण सिंह हैं। उनकी माता यशो राज्य लक्ष्मी नेपाल के अंतिम प्रधानमंत्री महाराजा मोहन शमशेर जंग बहादुर राणा की पोती हैं। विक्रमादित्य जम्मू-कश्मीर धर्मार्थ ट्रस्ट के ट्रस्टी भी हैं। इसका गठन महाराजा गुलाब सिंह ने किया था। वर्ष 2017 में विक्रमादित्य सिंह की बेटी मृगंका का विवाह कैप्टन अमरेन्द्र सिंह जो पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री रहे चुके हैं के पोते निर्वाण सिंह के साथ हुआ है।
राजनीतिक सफर
विक्रमादित्य सिंह वर्ष 2015 में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी में शामिल हुए। अक्टूबर 2017 को उन्होंने अपने दादा महाराजा हरि सिंह की जयंती पर छुट्टी घोषित नहीं किए जाने के मुद्दे को लेकर पीडीपी के एमएलसी पद से त्यागपत्र दे दिया था। इसके उपरांत उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा और वर्ष 2019 में ऊधमपुर-डोडा संसदीय सीट से चुनाव लड़ा लेकिन इसमें उन्हें भाजपा प्रत्याशी डा जितेन्द्र सिंह से हार का सामना करना पड़ा था।