वैष्णो देवी मेडिकल कॉलेज में MBBS सीट आवंटन का मुद्दा घर-घर पहुंचा; संघर्ष समिति का आंदोलन शुरू, कोर कमेटी गठित
वैष्णो देवी मेडिकल कॉलेज में MBBS सीट आवंटन को लेकर विवाद गहरा गया है। संघर्ष समिति ने आंदोलन शुरू कर दिया है और एक कोर कमेटी का गठन किया है। यह आंदोलन सीट आवंटन में कथित अनियमितताओं के खिलाफ है और समिति सभी पात्र छात्रों के लिए न्याय की मांग कर रही है। MBBS सीट आवंटन का मुद्दा अब घर-घर तक पहुंच गया है।

संघर्ष समिति ने मांग की कि इस कालेज को हिंदुओं के लिए रखा जाना चाहिए।
जागरण संवाददाता, जम्मू। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के अधीन आने वाले श्री मामा वैष्णो देवी इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल एक्सीलेंस के पहले बैच के एमबीबीएस प्रवेश में 50 में से 42 सीटें मुस्लिम छात्रों को आवंटित किए जाने पर उठा विवाद अब घर-घर पहुंचने लगा है।
मंगलवार को 60 के करीब संगठनों के सहयोग से बनी माता वैष्णाे देवी संघर्ष समिति ने निर्णय लिया कि आंदोलन चरणबद्ध और अनुशासित तरीके से आगे बढ़ेगा। सबसे पहले संघर्ष समिति से जुडे़ सभी संगठनों द्वारा हस्तारित ज्ञापन देश के राष्ट्रपति, जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल और स्वास्थ्य मंत्री को भेजा जाएगा।
वहीं संघर्ष समिति की कोर कमेटी के सदस्यों ने पत्रकारों को बताया कि सभी जिलों, तहसीलों में संघर्ष समिति की कमेटियों का गठन कर दिया गया है। अभी ब्लाक स्तर और दूसरी कई कमेटियों का गठन कर आंदोलन शुरू कर दिया गया है।सभी जिलों की कमेटियों को जिला, तहसील स्तर पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने के लिए कहा गया है। सबसे पहले मुद्दे को जन-जन तक पहुुंचाया जाएगा।
उसके बाद बडे़ स्तर पर प्रदर्शनों और बंद आदि का सिलसिला शुरू होगा।प्रशासन को चेतावनी देते हुए साफ तौर पर कह दिया गया है कि हिंदुओं के चढ़ावे से चलने वाले श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड का पैसा हिंदुओं पर ही खर्च होगा चाहिए। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के बयान पर श्री माता वैष्णो देवी संघर्ष समिति के संयोजक सेवानिवृत्त कर्नल सुखवीर सिंह मनकोटिया ने कहा कि उमर हिंदुत्तव या सनातन को तो नहीं समझते।
उन्हें इस्लाम की भी समझ नहीं है। इस्लाम में मूर्ति पूजा निषेद है और माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड तो मर्ति पूजा से आता है। एक तरह से मुस्लिम समुदाय के छात्रों की भावनाएं भी आहत हो सकती हैं। ऐसे में जल्द से मुस्लिम छात्रों को इस कालेज से दूसरे स्थान पर शिफ्ट किया जाना चाहिए और इस कालेज को हिंदुओं के लिए रखा जाना चाहिए।
यह सरकार के लिए भी मुश्किल नहीं है। पहले कदम से ही किसी की भावनाओं को आह्त होने से रोक दिया जाए तो बेहतर होगा। पत्रकार वार्ता में मौजूद विभिन्न संगठनों के लोगों ने साफ कहा कि अगर सरकार ने जल्द अपना फैसला नहीं बदला और हिंदुओं के हित्तों की रक्षा नहीं हुई तो यह आंदोलन भी श्री अमरनाथ भूमि आंदोलन की तरह चलेगा।

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