Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Vaishno Devi Landslide: बेटा-बेटी और बहन मदद के लिए चिल्लाते रहे लेकिन...', परिजनों ने बताया अपनों को खोने का दर्द

    जम्मू में श्री माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर अर्धकुंवारी मार्ग पर भूस्खलन से बड़ा हादसा हुआ। इस घटना में कई श्रद्धालुओं की जान चली गई जिससे उनके परिवारों में मातम छा गया। मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए जीएमसी अस्पताल लाया गया जहाँ परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था। प्रशासन शवों को उनके पैतृक स्थानों पर भेजने की व्यवस्था कर रहा है।

    By Jagran News Edited By: Prince Sharma Updated: Thu, 28 Aug 2025 12:15 AM (IST)
    Hero Image
    Vaishno Devi Landslide: बेटा-बेटी और बहन मदद के लिए चिल्लाते रहे लेकिन (जागरण फोटो)

    जागरण संवाददाता, जम्मू। श्री माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग के अर्धकुंवारी मार्ग पर मंगलवार को भूस्खलन ने कई परिवारों की खुशियां छीन लीं।

    हादसे में जान गंवाने वाले श्रद्धालुओं के शवों को उनके पैतृक घर भेजने से पहले जम्मू के जीएमसी अस्पताल के शवगृह में लाया गया। इस दौरान शवों के साथ आए स्वजनों को देख कर माहौल बेहद गमगीन बन गया।

    बिहार के समस्तीपुर निवासी पवन देवी की स्थिति बेहद हृदयविदारक थी। वह 14 स्वजनों के साथ माता के दरबार के दर्शन के लिए आई थीं। यात्रा उत्साह और भक्ति के साथ जारी थी, लेकिन भूस्खलन ने सब कुछ बदल दिया। उन्होंने बताया, जैसे ही सब अर्धकुंवारी मार्ग पर पहुंचे तो अचानक जोरदार धमाके के साथ पहाड़ का एक हिस्सा धंसकर गिर पड़ा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'चार परिजनों का कुछ पता नहीं'

    आंखों के सामने बेटी, बहन और उसका बेटा मलबे में दब गए। उन्हें बचाने के लिए चीखती-चिल्लाती रहीं, लेकिन कुछ ही पल में सब खत्म हो गया। हादसे में जहां उनके तीन अपनों की मौत हो गई, वहीं साथ आए चार स्वजनों का कोई पता नहीं चल पाया है।

    पवन देवी के साथ उनके पति मोहन राय भी अस्पताल में मौजूद रहे, जो पत्नी को संभालने की कोशिश करते दिखे, लेकिन उनकी आंखों से छलकते आंसू भी उनके गहरे दर्द को बयां कर रहे थे।

    इस पूरे घटनाक्रम में अन्य मृतकों के स्वजनों की स्थिति भी बेहद खराब रही। किसी ने भाई खोया तो किसी ने बेटा और बहू। हर व्यक्ति के चेहरे पर गम और सदमे की लकीरें साफ नजर आ रही थीं।

    सुरक्षा के हों ठोस इंतजाम

    स्थानीय प्रशासन ने शवों की पहचान और औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद उन्हें उनके पैतृक स्थानों की ओर रवाना करने की तैयारी शुरू कर दी। यह हादसा पूरे क्षेत्र को झकझोर गया है। श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों का कहना है कि अर्धकुंवारी मार्ग पर सुरक्षा के ठोस इंतजाम किए जाने चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी को रोका जा सके।