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    वैष्णो देवी से बिना दर्शन के लौटने लगे श्रद्धालु, आपदा में अब तक 34 लोगों की मौत; जम्मू डिवीजन में 58 ट्रेनें रद

    जम्मू में माता वैष्णो देवी मंदिर के यात्रा मार्ग पर भूस्खलन से 34 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 22 घायल हो गए। यात्रा स्थगित कर दी गई है पर 4000 श्रद्धालु कटड़ा में इंतजार कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश से झेलम नदी खतरे के निशान पर है जिससे श्रीनगर में पानी भर गया है।

    By Jagran News Edited By: Prince Sharma Updated: Thu, 28 Aug 2025 06:50 AM (IST)
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    वैष्णो देवी भवन रास्ते पर भूस्खलन से 34 मौत (जागरण फोटो)

    राज्य ब्यूरो, जम्मू। माता वैष्णो देवी मंदिर के यात्रा मार्ग पर अर्धकुंवारी के पास पहाड़ खिसकने से दबे श्रद्धालुओं को निकालने का अभियान बुधवार दोपहर तक पूरा कर लिया गया। ट्रैक और मां वैष्णो देवी भवन को खाली करा लिया गया है। आपदा में कुल 34 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है और करीब 22 श्रद्धालु घायल हैं।

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    घायलों का कटड़ा के नारायणा अस्पताल में उपचार जारी है। इस घटना के बाद से मां वैष्णो देवी की यात्रा स्थगित है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के बिना ही लौटने ही घरों को लौटने लगे हैं। हालांकि चार हजार से अधिक श्रद्धालु कटड़ा में ही यात्रा शुरू होने के लिए इंतजार कर रहे हैं।

    20 हजार यात्री ठहरे

    मंगलवार तक कटड़ा और जम्मू के होटलों और गेस्ट हाउस में करीब 20 हजार यात्री ठहरे हुए थे।मंगलवार दोपहर बाद अर्धकुंवारी के पास भूस्खलन से पहाड़ से भारी मात्रा में मलबा गिरा था और इससे 200 फीट हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। यात्रा ट्रैक की मरम्मत में अभी समय लग सकता है।

    वहीं, मंगलवार सुबह साढ़े आठ से बुधवार सुबह साढ़े आठ बजे तक उधमपुर में 629.4 मिलीमीटर और जम्मू में 296 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। यह पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में एक दिन में वर्षा का रिकॉर्ड है। पिछले दो दिन में प्रदेश में भारी वर्षा, बाढ़ व भूस्खलन से कुल 42 लोगों की मौत हो चुकी है।

    खतरे के निशान पर पहुंची झेलम

    बुधवार दोपहर बाद जम्मू में मौसम में सुधार तो आया, लेकिन कश्मीर में लगातार वर्षा से झेलम समेत कई नदी-नालों का जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंच गया। इससे श्रीनगर के राजबाग में पानी भर गया। पुलिस ने वहां से लोगों को बाहर निकाला। अनंतनाग के अच्छाबल में भी कई जगह नदी का पानी लोगों के घरों में दाखिल हो गया। इस दौरान दो लोगों की करंट लगने से मौत हो गई।

    इधर, जम्मू की अखनूर तहसील के परगवाल में चिनाब नदी के पास एक सीमांत चौकी में फंसे बीएसएफ के सात जवानों को मंगलवार रात को ग्रामीणों ने बचा लिया गया, जबकि एक बीएसएफ जवान का बुधवार सुबह शव बरामद हुआ। जम्मू संभाग के किश्तवाड़ के वाढवन में भी मंगलवार रात बादल फटने से आई बाढ़ में 10 मकान बह गए।

    दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिला में लिद्दर नदी में फंसे 22 लोगों को एसडीआरएफ के जवानों ने बचाया। शेषनाग नाले में आई बाढ़ ने पहलगाम में चार इमारती ढांचों को नुकसान पहुंचाया। कुलगाम, पुलवामा, शोपियां और श्रीनगर के अलावा बड़गाम और गांदरबल में भी वर्षा हुई है।

    मृतकों के परिजनों को मुआवजे का एलान

    उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर भूस्खलन में मारे गए प्रत्येक श्रद्धालु के परिवार को नौ लाख रुपये मुआवजा देने का एलान किया है।

    वहीं जम्मू में बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लेने पहुंचे मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हर मृतक के परिवार को छह लाख रुपये देने की घोषणा की है। उन्होंने यह भी कहा कि आपदा की चेतावनी के बावजूद तीर्थयात्रियों को क्यों नहीं रोका। इसकी जांच होनी चाहिए।

    25,000 लोगों को सुरक्षित निकाला, आज बंद रहेंगे स्कूल

    बीते 24 घंटों के दौरान जम्मू और उसके साथ सटे इलाकों में 5000 से ज्यादा लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है। मौसम को देखते हुए प्रशासन ने गुरुवार को पूरे प्रदेश में शिक्षण संस्थानों को बंद रखने का निर्देश दिया है।

    जम्मू के मंडलायुक्त रमेश कुमार ने कहा कि बाढ़ के कारण बंद रास्तों को बुधवार को खोल दिया गया। सिर्फ कुछ जगहों पर जहां भूस्खलन के कारण मलबा पड़ा है या सड़क बह गई है, वहां वाहनों की आवाजाही बंद है।..