जम्मू-कश्मीर में नायब तहसीलदार के पदों के लिए उर्दू जरूरी, BJP ने शर्त का किया विरोध; भर्ती पर उठे सवाल
जम्मू-कश्मीर में नायब तहसीलदार के 75 पदों की भर्ती प्रक्रिया शुरू होते ही विवाद उठ गया है। उर्दू की अनिवार्यता और आरक्षण के नियमों पर सवाल उठाए जा रहे ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। प्रदेश के राजस्व विभाग में नायब तहसीलदार के 75 पदों के लिए जम्मू-कश्मीर सेवा भर्ती बोर्ड (जेकेएसएसबी) की चयन प्रक्रिया शुरू होते ही विवाद भी शुरू हो गया है। इसमें उर्दू भाषा की अनिवार्यता और आरक्षण को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
भाजपा विधायक विक्रम रंधावा ने उर्दू को अनिवार्य बनाए जाने पर कहा कि यह जम्मू प्रांत के युवाओं को नायब तहसीलदार के पद से दूर रखने की साजिश है, जिसे कामयाब नहीं होने देंगे। पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन ने कहा कि एक तरफ सरकार ने आरक्षण को युक्तिसंगत बनाने के लिए समिति बनाई है और दूसरी तरफ नायब तहसीलदारों की भर्ती में सामान्य वर्ग के लिए मात्र 40 प्रतिशत पद ही सृजित किए हैं।
74 पदों के लिए जारी हुआ विज्ञापन
जेकेएसएसबी ने सोमवार को राजस्व विभाग में नायब तहसीलदार के 75 पदों की भर्ती का विज्ञापन जारी किया है। इसमें सामान्य के लिए मात्र 30 पद हैं। सेवा चयन बोर्ड के मुताबिक, सिर्फ लिखित परीक्षा की सूचना अलग से जारी की जाएगी और अभ्यर्थियों को लिखित परीक्षा में मेरिट के आधार पर चुना जाएगा।
कोई भी मौखिक परीक्षा या साक्षात्कार नहीं होगा। लेकिन, उर्दू भाषा का व्यावहारिक ज्ञान होना अनिवार्य है। इसकी जांच के लिए परीक्षा होगी। उन्हें उर्दू पढ़ना और लिखना आना चाहिए।
पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन ने कहा कि प्रदेश सरकार को आरक्षण के मुद्दे पर अपनी नीति स्पष्ट करनी चाहिए। यहां सामान्य वर्ग के युवाओं के लिए रोजगार और शिक्षा के अवसर घटते जा रहे हैं।
सामान्य वर्ग के लिए 40 पद
मुख्यमंत्री ने आरक्षण को युक्तिसंगत बनाने के लिए एक समिति बनाई है, जिसकी रिपोर्ट आज तक नहीं आई है और जेकेएसएसबी ने नायब तहसीलदार के 75 पदों का विज्ञापन जारी किया है। इसमें सामान्य वर्ग के लिए मात्र 40 प्रतिशत पद हैं। नायब तहसीलदार के पदों को लेकर विवाद सिर्फ आरक्षण तक ही सीमित नहीं है।
उर्दू को अनिवार्य बनाना भी विवाद को जन्म दे रहा है। क्योंकि, जम्मू संभाग के अधिकांश उम्मीदवार उर्दू भाषा को लिख-पढ़ नहीं सकते। इस विषय पर पहले भी एक बार विवाद पैदा हो चुका है।
भाजपा विधायक विक्रम रंधावा ने कहा कि उमर अब्दुल्ला की सरकार फिर से एक वर्ग विशेष के तुष्टिकरण में जुटी है। राजस्व विभाग में वह एक वर्ग विशेष के वर्चस्व को बनाए रखना चाहती है।
भाजपा नेता एडवोकेट अंकुर शर्मा ने कहा कि जम्मू में जो लैंड जिहाद का मामला है, वह उर्दू भाषा को राजस्व विभाग में अनिवार्य बनाए जाने और एक वर्ग विशेष की उर्दू पर पकड़ का नतीजा है।

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