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    ऊधमपुर दुष्कर्म मामला: 12 वर्षीय किशोरी के साथ दुष्कर्म के आरोपी को 20 साल कठोर कारावास की सजा

    By Surinder Raina Edited By: Rahul Sharma
    Updated: Tue, 21 Oct 2025 02:31 PM (IST)

    ऊधमपुर में एक बारह वर्षीय किशोरी के साथ दुष्कर्म के मामले में अदालत ने मोहम्मद अरशद नामक व्यक्ति को 20 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है। पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी पाए जाने पर उस पर जुर्माना भी लगाया गया है, जिसका उपयोग पीड़िता के पुनर्वास के लिए किया जाएगा। 

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    पीड़िता की मां ने 2020 में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की और आरोपी को दोषी पाया।

    जेएनएफ, जागरण, जम्मू। बारह वर्षीय किशोरी के साथ दुष्कर्म के आरोपित को प्रमुख सत्र न्यायाधीश ऊधमपुर विरेंद्र सिंह भाऊ ने बीस वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।

    41 वर्षीय आरोपित माेहम्मद अरशद उर्फ निक्का निवासी बाईं, जो मौजूदा समय मोटर शेड चनेनी, ऊधमपुर में रह रहा है, को न्यायालय ने पाकसो एक्ट में यह सजा सुनाई है। न्यायालय ने आरोपित को पचास हजार रुपये जुर्माने की सजा भी सुनाई है और यह राशि पीड़िता के पुनर्वास पर खर्च की जाएगी।

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    आरोपित कके खिलाफ रामनगर पुलिस स्टेशन में 28 जुलाई, 2020 को पीड़िता की मां ने शिकायत दर्ज करवाते हुए बताया था कि उनकी बेटी खेत से नाशपती तोड़ने गई थी, जहां आरोपित ने उसके साथ दुष्कर्म किया।पुलिस ने इस मामले में दुष्कर्म का मामला दर्ज कर जांच शुरू की और गवाहों के बयान, जिनमें पीड़िता की मां भी शामिल थी और किशोरी की मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर आरोपों को सही पाया।

    वहीं पीड़िता ने भी न्यायालय में दर्ज अपने बयान में बताया कि आराेपित ने जबरदस्ती उसकी झोली से नाशपती से छीन लीं और उसके साथ दुष्कर्म किया।उधर मेडिकल रिपोर्ट में किशोरी की आयु 11 वर्ष होने की पुष्टि भी हुई। हालांकि मेडिकल रिपोर्ट में किशोरी के साथ पूर्ण दुष्कर्म के संकेत नहीं मिले, लेकिन तत्कालीन परिस्थितियों व गवाहों के बयानों ने आरोप साबित कर दिए।

    उधर इस मामले में प्रतिवादी पक्ष ने आरोपित के खिलाफ अधिकतम सजा की मांग की लेकिन न्यायालय ने दोषी की आयु, उसकी पारवारिक जिम्मेदारियों व उसकी पुरानी साफ सुथरी पृष्ठभूमि को देखते हुए नरमी बरतने की दलील दी। न्यायाधीश ने सजा सुनाते हुए कहा कि यह कृत्य जघन्य था और इससे बच्ची को गंभीर आघात पहुंचा है।

    उन्होंने निवारण और सुधार पर जोर देते हुए कहा कि न्यायालय ने पाक्सो अधिनियम की धारा 6 के तहत न्यूनतम 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।

    न्यायालय ने स्टेट लीगत सर्विस अथारिटी को भी पीड़िता को मुआवजा योजना से मुआवजा देने के निर्देश दिए हैं। सुजा सुनाए जाने के बाद आरोपित को ऊधमपुर जिला जेल भेज दिया गया और उसे उच्च न्यायालय में अपील करने का अधिकार भी दिया।