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    जम्मू में ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों पर कड़ी कार्रवाई, कश्मीर में व्यवस्था निष्क्रिय, आखिर क्या है वजह?

    By Dinesh Mahajan Edited By: Rahul Sharma
    Updated: Thu, 27 Nov 2025 06:31 PM (IST)

    जम्मू में ट्रैफिक पुलिस यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है, जिसका उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं को कम करना है। वहीं, कश्मीर में यातायात व्यवस्था अपेक्षाकृत निष्क्रिय है, जहाँ नियमों के उल्लंघन पर उतनी सख्ती नहीं बरती जा रही। दोनों क्षेत्रों में यातायात व्यवस्था में इस अंतर के कई कारण हैं, जिनमें सरकार का समर्थन और राजनीतिक अस्थिरता शामिल हैं।

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    जम्मू में सख्ती मजबूत, कश्मीर में नियंत्रण नाकाफी रहा।

    दिनेश महाजन, जम्मू। जम्मू–कश्मीर में इलेक्ट्रानिक ट्रैफिक एनफोर्समेंट सिस्टम की समीक्षा में चौंकाने वाला अंतर सामने आया है। जम्मू में स्थापित कैमरों के जरिये ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों पर कड़ी कार्रवाई जारी है, जबकि कश्मीर में यह व्यवस्था काफी हद तक निष्क्रिय हो चुकी है।

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    आंकड़ों के अनुसार बीते करीब एक वर्ष में जम्मू में लगे कैमरों ने अब तक 4,16,703 चालान काटकर 41.46 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है, जबकि दूसरी तरफ श्रीनगर में दिसंबर 2024 से चालू सिस्टम केवल 1.66 करोड़ रुपये के 15,295 चालान ही दर्ज कर पाया है।

    दोनों शहरों में कुल 1,380 कैमरे लगाए गए हैं, जिनमें से एक बड़ी संख्या श्रीनगर में काम नहीं कर रही। लाइसेंस नवीनीकरण न होने से 648 कैमरे पूरी तरह बंद पड़े हैं, जबकि जम्मू में कैमरे लगभग पूरी तरह से काम कर रहे है।

    इंटेलिजेंट ट्रैफिक लाइट सिस्टम जम्मू की बात करे तो 64 में से 21 साइटें रोड वाइडनिंग के चलते बंद हैं, जबकि श्रीनगर में 66 में से 57 साइटें अभी भी काम कर रही हैं। इसके बावजूद चालानी संख्या में अंतर बताता है कि जम्मू में सख्ती मजबूत, कश्मीर में नियंत्रण नाकाफी रहा।

    जम्मू का आइटीएमएस सक्रिय, श्रीनगर का नेटवर्क बाधित

    ट्रैफिक पुलिस के आईजीपी मोहम्मद सुलेमान चौधरी ने जानकारी दी कि जम्मू का इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आइटीएमएस) पूरी क्षमता के साथ काम कर रहा है, वहीं श्रीनगर में लाइसेंस एक्सपायर होने के बाद कैमरे सक्रिय नहीं हो पा रहे। इससे चालान की कार्रवाई और यातायात नियंत्रण प्रभावित हुआ है। इलेक्ट्रानिक निगरानी की स्थिति में जम्मू में नियम तोड़ने वालों पर कार्रवाई लगातार बढ़ रही है, जबकि कश्मीर में ढिलाई बरकरार दिख रही है। आंकड़े साफ कहते हैं नियम तोड़ने वालों पर जम्मू में शिकंजा कसा है, पर श्रीनगर में व्यवस्था कमजोर होने से राहत ही राहत।

    दिसंबर 2025 तक सभी कैमरे और सिग्नल फिर से चालू

    हाउसिंग व अर्बन डेवलपमेंट की कमिश्नर सचिव मंदीप कौर ने बताया कि 1.88 करोड़ रुपये की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार हो चुकी है, जिसके तहत सभी आइटीएमएस जंक्शन व सिग्नल सिस्टम को पूरी तरह अपग्रेड कर दिसंबर 2025 तक पूरी तरह से फंक्शनल बनाया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में आइटीएमएस को अनंतनाग, बारामूला, कठुआ, उधमपुर, सांबा आदि जिलों तक विस्तार देने की भी तैयारी है।