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    Jammu: मानसर-सुरिंसर संरक्षित क्षेत्र में पर्यटक ले सकेंगे जंगल सफारी का मजा

    By guldev rajEdited By: Vikas Abrol
    Updated: Sun, 02 Oct 2022 08:37 AM (IST)

    मानसर-सुरिंसर वन्यजीव क्षेत्र को सरकार ने 1990 में वन्यजीवों के लिए संरक्षित क्षेत्र घोषित किया था। 97.82 वर्ग किलोमीटर में फैला यह क्षेत्र वन्यजीवों के लिए बेहतरीन जगह है। इस संरक्षित क्षेत्र में 122 प्रजाति के पक्षियों के साथ 17 प्रजाति के रेप्टाइल प्रजाति के जीव रहते हैं।

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    विलुप्त प्राय श्रेणी में सिनेरेसस वल्चर, स्टेपी ईगल भी यहां पल रहे हैं।

    जम्मू, जागरण संवाददाता : वन्यजीवों के लिए संरक्षित मानसर-सुरिंसर क्षेत्र में वन्यजीवों को बेहतर वातावरण मुहैया करवाने के लिए वन्यजीव संरक्षण विभाग दस वर्षीय योजना पर काम करेगा। जल्द इसी प्लान के मुताबिक यहां काम शुरू हो जाएगा। इस प्लान में अहम यह भी है कि पूरे इलाके की तारबंदी के साथ जंगल में जगह-जगह आधुनिक कैमरे लगाए जाएंगे। इससे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी। यह वन्यजीव क्षेत्र जम्मू से करीब 60 किलोमीटर दूर है। वाया बजालता यहां की दूरी 44 किलोमीटर है।

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    मानसर-सुरिंसर वन्यजीव क्षेत्र को सरकार ने 1990 में वन्यजीवों के लिए संरक्षित क्षेत्र घोषित किया था। 97.82 वर्ग किलोमीटर में फैला यह क्षेत्र वन्यजीवों के लिए बेहतरीन जगह है। इस संरक्षित क्षेत्र में 122 प्रजाति के पक्षियों के साथ 17 प्रजाति के रेप्टाइल प्रजाति के जीव रहते हैं। इसके अलावा इस जंगल में कैट, स्विट कैट, नील गाए, तेंदुआ, लेपर्ड कैट, बार्किंग डीयर, सांभर भी पाए जाते हैं। विलुप्त प्राय श्रेणी में सिनेरेसस वल्चर, स्टेपी ईगल भी यहां पल रहे हैं। अब नए मैनेजमेंट प्लान के मुताबिक इस संरक्षित क्षेत्र में बेहतरीन वातावरण दिया जाएगा।

    जंगल में आग बुझाने के लिए बनेगा फायर स्टेशन

    वन्यजीव विभाग अपनी योजना के तहत मानसर-सुङ्क्षरसर वन्यजीव क्षेत्र की तारबंदी करेगा। अभी पूरे क्षेत्र में तारबंदी नहीं है। इसके अलावा पूरे संरक्षित क्षेत्र पर नजर रखने के लिए जंगल में जगह-जगह वाच टावर भी बनाए जाएंगे। इन वाच टावर से वन्यजीव कर्मी पूरे जंगल पर नजर रखेंगे। इससे शिकारियों पर भी कड़ी नजर रखी जा सकेगी। इसके अलावा गार्ड हट भी बनाई जाएगी। जंगल में आग बुझाने के लिए यहां फायर स्टेशन भी बनाए जाएंगे। इसके अलावा जंगल में जगह-जगह आधुनिक कैमरे भी लगाए जाएंगे, ताकि जीवों पर नजर रखी जा सके। इको टूरिज्म की तर्ज पर जंगल में पर्यटकों को घूमने की व्यवस्था भी उपलब्ध करवाई जाएगी।

    मानसर-सुरिंसर वन्यजीव संरक्षित क्षेत्र के लिए दस वर्षीय प्लान से यहां वन्यजीवों का जीवन सुरक्षित और सुकून भरा बनाया जाएगा। यहां पर कई प्रजाति के वन्यजीव रहते हैं। इनको बेहतर वातावरण मिलना चाहिए और इसी दिशा में काम किया जा रहा है। -विजय वर्मा, वार्डन, वन्यजीव संरक्षण विभाग