Mehbooba Mufti समेत आठ नेताओं को सरकारी क्वार्टर खाली करने का नोटिस, 24 घंटे का मिला समय
महबूबा मुफ्ती सहित सात पूर्व विधायकों को 24 घंटे में सरकारी क्वार्टर खाली करने के निर्देश दिए गए हैं। ये सभी दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिला के हाउसिंग कालोनी खन्नाबल इलाके में स्थित सरकारी क्वार्टर में रह रहे थे।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : सत्ता जाने के बाद भी सरकारी आवासों पर कब्जा जमाए बैठे राजनेताओं पर जम्मू कश्मीर प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को श्रीनगर में गुपकार मार्ग पर स्थित सरकारी आवास खाली करने के नोटिस के बाद अब उन्हें अनंतनाग में भी आवंटित सरकारी क्वार्टर छोड़ने का भी निर्देश दिया है।
उनके अलावा छह अन्य पूर्व विधायकों, एक म्युनिसिपल कांउसिलर को भी सरकारी क्वार्टर खाली करने का नोटिस जारी किया है। 24 घंटे के भीतर सभी को क्वार्टर खाली न करने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। नोटिस की अवधि सोमवार को खत्म होगी।
जानकारी के अनुसार, जिला उपायुक्त अनंतनाग के निर्देशानुसार प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट अनंतनाग ने शनिवार शाम को ही महबूबा के अलावा पूर्व विधायक मोहम्मद अल्ताफ वानी उर्फ अल्ताफ कालू, पूर्व विधायक अब्दुल रहीम राथर, पूर्व विधायक अब्दुल मजीद बट उर्फ मजीद लारमी, डा. बशीर अहमद वीरी उर्फ डा. वीरी, चौधरी निजामुदीन, अब्दुल कबीर पठान और म्युनिसिपल कांउसिलर शेख मोहिउद्दीन को सरकारी क्वार्टर खाली करने का निर्देश दिया है।
सभी क्वार्टर माननीयों को खन्नाबल, अनंतनाग में हाउिसंग कालोनी में आवंटित थे। महबूबा के क्वार्टर नंबर-सात है। बता दें कि जम्मू कश्मीर में नवंबर 2019 के बाद से विधानसभा नहीं है। सभी नियमों के विपरीत सरकारी आवासीय सुविधा का लाभ उठा रहे हैं। संबंधित अधिकारियों ने बताया कि निर्धारित समयावधि के भीतर क्वार्टर खाली न करने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
गौरतलब है कि इससे पहले गत 21 सितंबर को प्रदेश सरकार की ओर से महबूबा मुफ्ती को एक बार फिर से सरकारी बंगला खाली करने का नोटिस भेजा गया था। इस नोटिस में प्रशासन ने इस बात का भी उल्लेख किया था कि अगर वह चाहें तो उन्हें मौजूदा बंगला खाली करने के बाद वैकल्पिक आवासीय सुविधा प्रदान की जा सकती है। महबूबा वर्ष 2018 के उपरांत से ही गुपकार मार्ग पर स्थित फेयरव्यू नामक सरकारी बंगले में रह रही थी।
इसके उपरांत प्रशासन की ओर से एक बार फिर गत 26 अक्टूबर को सरकारी आवास खाली करने के लिए अंतिम नोटिस भेजा गया था। इसमें उल्लेख किया गया था कि 15 नवंबर तक उन्हें सरकारी बंगला छोड़ना पड़ेगा। हालांकि इससे पहले एस्टेट विभाग की ओर से गत 15 अक्टूबर को भी उनहें बंगला खाली करने के निर्देश दिए गए थे। इसके उपरांत महबूबा ने पहले बयान देते हुए कहा था कि इस संदर्भ में वह कानूनी राय ले रही हैं लेकिन कुछ ही दिनों के बाद उन्होंने कहा कि यह आवास उनके लिए कोई मायने नहीं रखता है। वह इसे खाली करेंगी। लेकिन अब फिर से महबूबा ही नहीं सात अन्य पूर्व विधायकों को भी 24 घंटे का समय दिया गया है।