केंद्रीय गृह मंत्रालय का दल जम्मू में करेगा नुकसान का आकलन, गृहमंत्री बोले- हर पीड़ित तक पहुंचेगी मदद
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बाढ़ प्रभावित जम्मू-कश्मीर को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है। उन्होंने कहा कि नुकसान का आकलन करने के लिए एक टीम जल्द ही दौरा करेगी। शाह ने मौसम विभाग और एनडीएमए को बादल फटने के कारणों का अध्ययन करने का निर्देश दिया। सरकार राहत कार्यों में पूरी शक्ति लगा रही है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को बाढ़ प्रभावित जम्मू-कश्मीर की हर संभव वित्तीय मदद का यकीन दिलाते हुए कहा कि हर पीड़ित तक मदद पहुंचेगी । वर्षा, बाढ़ और भूस्खलन से जम्मू प्रांत में हुए नुक्सान के आकलन के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय का एक दल इसी सप्ताह प्रदेश में आएगा।
उन्होंने बाढ़ और बादल फटने की घटनाओं से होने वाले नुक्सान से बचने और उसे न्यूनतम बनाने के लिए अर्ली वार्निंग सिस्टम की समीक्षा करने पर जोर देते हुए मौसम विभाग और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण एनडीएमए को डेटा विश्लेषण और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एआई के उपयोग से बादल फटने के कारणों का अध्ययन करने के लिए भी कहा।
उन्होंने यह निर्देश जम्मू कश्मीर में हाल ही में बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से हुए नुक्सान व जारी राहत कार्याें की एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में दिए। एक अन्य बैठक में उन्होंने सीमांत इलाकों की स्थिति विशेषकर घुसपैठरोधी तंत्र को बाढ़ से पहुंचे नुक्सान का भी जायजा लिया।
नुकसान व राहत कार्यों की जानकारी ली
आज दोपहर बाद राजभवन में हुई इस बैठक में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के अलावा केंद्रीय गृहमंत्रालय और प्रदेश प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव अटल डुल्लु ने जम्मू कश्मीर में विशेषकर जम्मू प्रांत में बीते एक माह के दौरान बर्षा, बाढ़ औरभूस्खलन से हुए नुक्सान व प्रदेश प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे राहत कार्याें पर एक प्रस्तुति दी। बैठक से पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री ने जम्मू के विभिन्न बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने के अलावा अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ सटे मंगूचक में बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात कर, स्वयं उनकी व्यथा सुनी और उन्हें हर संभव मदद का यकीन दिलाया।
भारत सरकार ने बचाव कार्यों में पूरी शक्ति लगा दी
केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर में इन घटनाओं में हुई जन-हानि पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री से तत्काल संपर्क कर हालात का जायजा लिया। पहले ही दिन से भारत सरकार ने बचाव कार्यों में अपनी पूरी शक्ति लगा दी है। केन्द्रशासित प्रदेश और सभी एजेंसियों ने मिलकर संभावित नुकसान को बहुत कम किया है और समन्वित प्रयासों के साथ हम कई जानें बचाने में सफल हुए हैं।
अर्ली वार्निंग एप्स की सटीकता की जांच पर दिया जोर
केंद्रीय गृहमंत्री ने प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुक्सान से बचने के लिए लागू उपायों की समीक्षा करते हुए कहा कि सभी अर्ली वार्निंग एप्स (ईडब्लयूएस) की पद्धतियों, उनकी सटीकता और उनकी जमीनी पहुंच का विश्लेषण किया जाना चाहिए। बार-बार समीक्षा के आधार पर ही व्यवस्था में सुधार लाया जा सकता है ओर तभी हम इन घटनाओं में होने वाली मौतों को पूरी तरह समाप्त करने की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।
बादल फटने के कारणों का अध्ययन करने पर दिया जोर
केन्द्रीय गृह मंत्री ने मौसम विभाग व एनडीएमए को डेटा विश्लेषण और एआई के उपयोग से बादल फटने के कारणों का अध्ययन करने का निर्देश देने के साथ ही भारतीय खाद्य निगम (एफीसीआई) को प्रदेश में पर्याप्त राशन की व्यवस्था करने के लिए कहा। उन्होंने भूस्खलन के कारण प्रभावित दूर ंसंचार और इंटरनेट सेवाओं का संज्ञान लेते हुए कहा कि कनेक्टिविटी की स्थिति को देखते हुए मौजूदा समय में राशन आपूर्ति को आफलाइन जारी रखा जाए और 10 दिन बाद ही इसकी समीक्षा कर अगला निर्णय लिया जा सकता है।
अगले दो दिनों में जम्मू पहुंचेगी गृहमंत्रालय की सर्वेक्षण टीम
प्रदेश में बाढ़ से हुए नुक्सान के लिए वित्तीय सहायता के संदर्भ में चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि अगले एक दो दिन में केंद्रीय गृहमंत्रालय की सर्वेक्षण टीम यहां नुक्सान का जायजा लेने आएंगी उसके बाद आवश्यक वित्तीय सहायता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य और जल विभाग को सक्रिय होकर जल आपूर्ति और स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि सेना, केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल और वायु सेना के मेडिकल दस्तों की सहायता ली जा सकती है।
एसडीआरएफ के तहत जारी की गई 209 करोड़ रुपये
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि चूँकि जम्मू-कश्मीर प्राकृतिक आपदा-संभावित क्षेत्र है इसीलिए केन्द्र के हिस्से के रूप में राज्य आपदा मोचन निधि (एसडीआरएफ) के लिए 209 करोड़ रुपये की राशि केन्द्र शासित प्रदेश को आवंटित की गई है, जिससे यहां राहत कार्य शुरू हो गया है।केन्द्रीय गृह मंत्री ने जम्मू-कश्मीर के लोगों को आश्वासन दिया कि संकट की इस घड़ी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, केन्द्र सरकार जम्मू कश्मीर के लोगों के साथ मजबूती के साथ खड़ी है और जनता की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करते हुए, पुनर्वास और पुनर्निर्माण को सुगम बनाने के लिए त्वरित राहत, वित्तीय सहायता और तकनीकी सहायता प्रदान कर रही है।
आपदा से निपटने और राहत के लिए सब तैयार थे
गृह मंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार और केन्द्र शासित प्रदेश आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूटीडीएमए) द्वारा समय पर दी गई चेतावनियों से जन-माल के नुकसान को कम करने में मदद मिली। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), सेना, केन्द्रशासित प्रदेश आपदा मोचन बल (यूटीडीआरएफ ), अन्य प्रतिक्रिया दल, सभी अलर्ट पर थे और हेलीकॉप्टर भी तैयार थे। उन्होंने कहा कि सेना और एनडीआरएफ की तैनाती के बारे में भी सभी को सूचित कर दिया गया था।
क्षतिग्रस्त घरों के लिए एसडीआरएफ के तहत मिलेगी सहायता
बैठक में बताया गया कि क्षतिग्रस्त निजी संपत्ति और क्षतिग्रस्त घरों के लिए एसडीआरएफ के तहत सहायता का आकलन किया जा रहा है। यह जल्द ही वितरित होगी। क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत का काम शुरू हो चुका है और अधिकांश सड़कों पर यातायात शुरू हो गया है। जहांभी ज़रूरत है, राहत सामग्री पहुंचनी शुरू हो गई है।
80 प्रतिशत क्षेत्रों में बहाल हुई बिजली सप्लाई
प्रभावित क्षेत्रों में 80 प्रतिशत से अधिक बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई है, लोगों को शुद्ध पेयजल मिलने लगा है और स्वास्थ्य सुविधाएं सुचारू रूप से चल रही हैं। महत्वपूर्ण क्षेत्रों का बुनियादी ढांचा प्रभावित हुआ है और उसकी अस्थायी बहाली का काम युद्धस्तर पर चल रहा है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा नुकसान का आकलन किया जा रहा है और हरसंभव सहायता प्रदान की जाएगी।
गृहमंत्री ने बचाव एवं राहत कार्याें के लिए सभी एजेंसियों काे सराहा
केन्द्रीय गृह मंत्री ने सभी एजेंसियों के प्रयासों की सराहना की और कहा कि केन्द्रशासित प्रदेश ने अत्यंत शीघ्रता और कुशलता से सफल बचाव अभियान चलाया। एहतियात के तौर पर 5000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। एनडीआरएफ की 17 टीमें और सेना की 23 टुकड़ियां, भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टर, यूटीडीआरएफ , जम्मू-कश्मीर पुलिस और केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के जवान अभी भी पूरे अभियान में लगे हुए हैं और लोगों की मदद कर रहे हैं। स्थिति बहुत जल्द सामान्य हो जाएगी।
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