जम्मू : रेखा व अंजलि में समाज सेवा के भाव से फूटा आत्मनिर्भरता का अंकुर
जम्मू शहर में रहने वाली दो सहेलियों ने इसे साबित कर दिखाया है। रेखा राजपूत और अंजलि खन्ना पिछले आठ वर्षों से समाज सेवा में जुटी हुई हैं और अपने प्रयास ...और पढ़ें

जम्मू, अंचल सिंह : सफलता उनके कदम जरूर चूमती है जो जिंदगी की राह में हर ठोकर से सीख लेते हैं। हौसले और निष्ठा की डोर थामे ऐसे लोग खुद तो सफलता की सीढ़ियां चढ़ते ही हैं औरों के हाथ थाम कर उन्हें भी मुश्किलों के भंवर से बाहर निकाल कर आत्मनिर्भर बना देेते हैं।
जम्मू शहर में रहने वाली दो सहेलियों ने इसे साबित कर दिखाया है। रेखा राजपूत और अंजलि खन्ना पिछले आठ वर्षों से समाज सेवा में जुटी हुई हैं और अपने प्रयासों से गरीबों, जरूरतमंदों की मदद के अलावा कई परिवारों को रोजगार दिला रही हैं। काेरोना महामारी के दौरान लोगों के लिए खाने-पीने के इंतजाम करने से लेकर विभिन्न प्रकार से अपनी सेवाएं देते हुए उन्होंने समाज कल्याण में तो कदम बढ़ाए ही। कोरोना काल से सीख लेते हुए उन्होंने फैसला लिया कि लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए वह एक कंपनी तैयार करेंगी। काफी दौड़-धूप के बाद फैसला लिया कि वे सुरक्षा गार्ड मुहैया करवाने का काम करेंगी।
इस दिशा में परिवारजनों से सहयोग लेते हुए उन्होंने अंतत: डिफेंस इंडिया सिक्योरिटी नाम से एक कंपनी खोल ली। इस कंपनी के माध्यम से उन्होंने विभिन्न कंपनियों, प्रतिष्ठानाें, गणमान्यों को सुरक्षा उपलब्ध करवाना शुरू किया। चूंकि पहले से ही समाज सेवा में जुटी हुई थीं और जान-पहचान भी काफी थी। इसलिए कंपनी खोलने के बाद अच्छा रिस्पांस मिलना शुरू हुआ। करीब एक साल में उन्होंने सौ के करीब लोगों को सुरक्षा गार्ड का प्रशिक्षण देते हुए उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया है। वे बताती हैं कि कोरोना काल के दौरान बहुत से लोगों की नौकरी चली गई थी। बहुत से सेवानिवृत्त सैन्यकर्मी, जवान उनके पास पहुंची। इतना ही नहीं बहुत सी महिलाएं भी काम लेने के लिए पहुंची।
महिलाओं को तो सुरक्षा गार्ड नहीं बना पाई लेकिन अन्य जरूरतमंदों को उन्होंने नौकरी दिला कर आत्मनिर्भर बनाया और मुश्किल की घड़ी में परिवारों का सहारा बनीं। अंजलि मूलत: मुंबई की रहने वाली हैं। उन्होंने मुंबई में हुए हजारा कांड में दोषियों का सजा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनकी शादी जम्मू में हुई है। वहीं रेखा राजपूत जम्मू की ही रहने वाली हैं। वह विभिन्न सामाजिक संस्थाओं से भी जुड़ी हुई हैं।
सिलाई-कढ़ाई सेंटर से महिलाओं का स्वावलंबन : रेखा व अंजलि मिलकर समाज सेवा में जुटी हैं। उन्होंने चिनौर में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सिलाई-कढ़ाई केंद्र भी खोला जिसमें 20-20 लड़कियों के तीन समूह सीखने आते रहे। उन्होंने इन लड़कियों को निशुल्क सिलाई व कढ़ाई सिखाकर खुद अपने काम शुरू करने के लिए प्रेरित किया। इनमें से बहुत से लड़कियां आज अपनी बूटीक व केंद्र खोलकर काम कर रही हैं। पूजा व सरला बताती हैं कि रेखा व अंजलि की बदौलत वे आज घर चलाने के लिए एक अच्छी रकम कमा पा रही हैं।
विधवा, दिव्यांगों की भी करती हैं सहायता : दोनों ही सहेलियां मिलकर विधवा व दिव्यांगों के लिए काम करती हैं। दर्जन भर विधवा महिलाओं को पेंशन दिलाने के साथ उनकी यथासंभव सहायता करती रही हैं। इतना ही नहीं कुछ गरीब लड़कियों की शादियां भी करवा चुकी हैं। उनका कहना है कि यह समाज सेवा का हिस्सा है। वह इसका प्रचार नहीं चाहती।
जिंदगी हर पल कुछ न कुछ सिखाती है। इंसान को इससे शिक्षा लेते हुए आगे बढ़ते रहना चाहिए। हमें भी जिंदगी ने काफी ठोकरें दी लेकिन हर ठोकर कुछ सीख दे गई। इसी को अपना अनुभव बनाते हुए मैंने समाज सेवा की राह पकड़ी और जो-जो सहायता कर पाई, करती चली गई। आज बहुत सी संस्थाओं की प्रतिनिधि होने के साथ सहेली के साथ मिलकर सुरक्षा एजेंसी खोल ली है। इससे होने वाली आमदनी से गरीब व जरूरतमंदों की सहायता करते हैं।
-रेखा राजपूत
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बचपन से ही समाज सेवा का शौक था। परिवारजनों के सहयोग से बचपन से ही कुछ न कुछ भलाई के काम करती रही। इसी शौक ने जिंदगी जीने का अंदाज सिखाया। जब किसी का काम हमारे कारण होता है, तो वह खुशी शब्दों में बयान नहीं की जा सकती। महिला उत्पीड़न व घरेलू हिंसा के दर्जनों मामलों में पीड़ितों के साथ खड़े रहकर हल करवाया है। अभी भी यूं ही लड़कियों, लड़कों की मदद करती हूं। सभी को कोशिश करनी चाहिए कि किसी के काम आया जा सके।
-अंजलि खन्ना

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