Jammu Kashmir : अनुच्छेद-370, 35-ए हटने के बाद आतंकी हिंसा में आई कमी, तीन सालों में 590 आतंकवादी मारे
Militancy In Jammu Kashmir अनुच्छेद 370 को हटाए जाने से पहले तीन वर्ष के दौरान वादी में आतंकी हिंसा की 930 घटनाएं हुई थी जबकि पांच अगस्त 2019 के बाद के तीन साल के दौरान 617 आतंकी घटनाएं दर्ज की गई है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाए जाने के बाद वादी में आतंकी हिंसा से संबधित घटनाओं में कमी के साथ ही सुरक्षाबलों के हाथों मरने वाले आतंकियों की संख्या का आंकड़ा लगातार बड़ता जा रहा है। पांच अगस्त 2019 के बाद सुरक्षाबलों ने विभिन्न आतंकरोधी अभियानों में करीब 590 आतंकियों को मार गिराया है। इस दौरान 176 सुरक्षाकर्मी भी बलिदानी हुए हैं और 115 के करीब नागरिक भी विभिन्न आतंकी वारदातों में मारे गए हैं।
जम्मू कश्मीर गृह विभाग के आंकड़ों के मुताबिक पांच अगस्त 2019 के बाद से 15 सितंबर 2022 तक 176 पुलिस व अन्य सुरक्षाकर्मी आतंकी हिंसा में बलिदानी हुए हैं। अनुच्छेद 370 को हटाए जाने से पहले के तीन वर्ष के दौरानपांचं अगस्त 2016 से पांच अगस्त 2019 तक 290 पुलिस व अन्य सुरक्षाकर्मी विभिन्न आतंकरोधी अभियानों, आतंकी हमलों में बलिदानी हुए थे।
अनुच्छेद 370 हटने से पहले घटी 930 घटनाएं : अनुच्छेद 370 को हटाए जाने से पहले तीन वर्ष के दौरान वादी में आतंकी हिंसा की 930 घटनाएं हुई थी जबकि पांच अगस्त 2019 के बाद के तीन साल के दौरान 617 आतंकी घटनाएं दर्ज की गई है। आतंकी हिंसा में मरने वाले नागरिकों की संख्या भी बीते तीन साल के दौरान घटी है। पांच अगस्त 2016 से पांच अगस्त 2019 तक विभिन्न आतकी वारदातों में 191 नागरिक मारे गए थे जबकि पांच अगस्त 2019 के बाद से अब तक 112 नागरिक मारे गए हैं।
एक भी नागरिक की नहीं गई जान : अनुच्छेद 370 और 35ए हटाए जाने के बाद जम्मू कश्मीर में एक भी नागरिक कानून व्यवस्था की स्थिति के दौरान नहीं मारा गया है जबकि इससे पहले तीन वर्ष में 124 नागरिक कानून व्यवस्था की स्थिति से संबधित मामलों में ही मारे गए थे। जम्मू कश्मीर में हुए संवैधानिक बदलाव के बाद आतंकरोधी अभियान भी पहले से ज्यादा तेज हो गए और सुरक्षाबलों ने पांच अगस्त 2019 के बाद से अब तक करीब 610 आतंकियों को अलग अलग मुठभेड़ों में मार गिराया है। इस वर्ष अब तक 142 आतंकी मारे जा चुके हैं। वर्ष 2020 में सुरक्षाबलों ने 103 अभियानों में 225 आतंकियों को मार गिराया था जबकि उससे पूर्व पांच अगस्त 2019 से 31 दिसंबर 2019 तक करीब तीन दर्जन आतंकी मारे गए थे। वर्ष 2021 में 193 आतंकी सुरक्षाबलों के हाथों मारे गए थे।
आतंकवादियों ने भी अपनी रणनीति बदली : आतंकियों ने भी पांच अगस्त 2019 के बाद से अपनी रणनीति में व्यापक बदलाव लाया है। उन्होंने अपने कैडर का मनाेबल बनाए रखने और आम लोगों के बीच डर पैदा करने के लिए टार्गेट किलिंग्स की रणनीति अपना रखी है। आतंकियों ने बीते तीन साल में वादी में कश्मीरी हिंदु और अन्य अल्पसंख्यक समुदाय से जुडे दो दर्जन लोगों की हत्या की है। इसके अलावा आतंकी आए दिन इंटरनेट मीडिया पर कश्मीर में रहने वाले बाहरी लोगों को, श्रमिकों को निशाना बनाने की धमकी दे रहे है और उन्होंने अन्य राज्यों के ट्रक चालकों और श्रमिकों काे भी निशाना बनाया है।
आतंकियों ने हमलों में ड्रोन का इस्तेमाल भी किया : शराब की दुकानों पर ग्रेनेड से हमले भी किए। अपनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए आतंकियों ने ड्रोन का इस्तेमाल भी शुरु किया है। जम्मू स्थित एयरफोर्स स्टेशन पर आतंकियों ने ड्रोन से हमला कर सभी को सकते में डाल दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दौर से पूर्व 22 अप्रैल 2022 को जम्मू के सुंजवा इलाके में जैश ए मोहम्मद के दो आत्मघाति आतंकी भी मारे गए।
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