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    जम्मू-कश्मीर में टेली-आइसीयू सेवाओं की नई पहल, दूरदराज क्षेत्रों में क्रिटिकल केयर सेवाएं पहुंचाने को महत्वपूर्ण कदम

    By Rohit Jandiyal Edited By: Rahul Sharma
    Updated: Sat, 20 Dec 2025 02:27 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर में टेली-आईसीयू सेवाओं की शुरुआत की गई है, जिसका उद्देश्य दूरदराज के क्षेत्रों में क्रिटिकल केयर सेवाएं पहुंचाना है। यह पहल जम्मू और कश्म ...और पढ़ें

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    यह सेवा क्रिटिकल केयर की उपलब्धता सुनिश्चित करेगी।

    राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। दूरदराज के क्षेत्रों में क्रिटिकल केयर सेवाएं प्रदान करने वाले विशेषज्ञों की कमी को देखते हुए जम्मू-कश्मीर में टेली आइसीयू सेवाएं शुरू करने की प्रक्रिया चल रही है जबबकि टेली रेडियालोजी सेवाओं का विस्तार करने की योजना है। दोनों के लिए इन दिनों टेंडर प्रक्रिया जारी है। उम्मीद है कि अगले वर्ष की प्रथम तिमाही तक प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।

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    जम्मू-कश्मीर में आइसीयू की सुविधा अभी तक सीमित अस्पतालों में ही है। जम्मू संभाग में मेडिकल कालेज जम्मू के अतिरिक्त नए मेडिकल कालेजों में ही आइसीयू चल रहे हैं।लेकिन विशेषज्ञों की कमी के कारण इनका विस्तार नहीं हो पा रहा है। सरकार इनके बिस्तरों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ और अस्पतालों में भी आइसीयू स्थापित करना चाहती है।

    इसी के चलते टेली आइसीयू स्थापित करने की प्रक्रिया चल रही है। आरंभ में यह टेलीआइसीयू नए मेडिकल कालेजों में स्थापित किए जाएंगे।इसके लिए कुछ महीने पहले एक टेंडर प्रक्रिया भी शुरू की गई थी लेकिन इसे अंतिम रूप नहीं दिया जा सका था।

    अब नए सिरे टेंडर प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी चल रही है।गौरतलब है कि एक दिन पहले ही स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव डा. सैयद आबिद रशीद शाह ने नीति आयोग के सदस्य डा. वीके पाल को भी जम्मू-कश्मीर में टेली आइसीयू और टेली रेडियाेलाजी सेवाओं की जानकारी दी थी।

    क्या होता है टेली-आइसीयू

    टेली-आइसीयू एक तकनीक आधारित प्रणाली है। इसमें विशेषज्ञ एक कमांड सेंटर से तकनीक के आधार पर गंभीर रूप से बीमार मरीजों की चौबीस घंटे निगरानी करते हैं और आइसीयूू में मौजूद कर्मचारियों का मार्गदर्शन भी करते हैं। यह सभी आडियो-वीडियो और डेटा लिंक्स से होता है। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि दूरस्थ क्षेत्रों में विशेषज्ञों की कमी के कारण गंभीर रूप से बीमार मरीजों को समय पर और तत्काल इलाज उपलब्ध करवाने के लिए ही यह आइसीयू स्थापित किए जा रहे हैं।इससे मृत्यु दर को भी कम किया जा सकता है।टेली आइसीयू टीम आैर स्थानीय आइसीयू टीम मिलकर कर वर्चुअल मोड पर काम करती है।

    मेडिकल कालेज से लेकर सीएचसी तक टेली रेडियालोजी

    नेशनल हेल्थ मिशन के अंतर्गत ही जम्मू-कश्मीर के अस्सी से अधिक अस्पतालों में टेली रेडियालोजी सेवाएं शुरू की जा रही है। यह सुविधा जम्मू-कश्मीर में करीब पांच वर्ष पहले शुरू हुई थी। तब कृस्ना डायगनोस्टिक पूरे जम्मू-कश्मीर के करीब 72 अस्पतालों में यह सेवा दे रहा है। लेकिन अब नए सिरे से इसका टेंडर हुआ है। हालांकि इस टेंडर को भी अभी अंतिम रूप नहीं दिया गाया है।

    अब अस्पतालों की संख्या बढ़ाई जा रही है। यह वे अस्पताल हैं जहां पर रेडियालोजिस्ट नहीं हैं या उनकी कमी बनी हुई है।इसमें भी विशेषज्ञ मरीज के एक्स-रे को एक कमांड सेंटर से देखकर उनकी टेली रिपोटिंग की जाती है। जम्मू-कश्मीर में रेडियालोजिस्ट की भारी कमी है।सभी मेडिकल कालेजों में भी कई पद खाली पड़े हुए हैं।इसी कारण यह टेली रेडियोलाजी नए मेडिकल कालेजों से लेकर जिला अस्पतालों, उप जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तक में शुरू की गई थी।