जम्मू में टैंक दुर्घटना में बलिदान हुए दीपक का पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार, 9 साल के बेटे ने दी मुखाग्नि
जम्मू में टैंक दुर्घटना में बलिदान हुए दीपक का सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनके 9 वर्षीय पुत्र ने मुखाग्नि दी। शहीद का पार्थिव शरीर गांव पहुंचने पर शोक की लहर दौड़ गई। पूरा देश शहीद दीपक की शहादत को सलाम कर रहा है और उनकी वीरता को हमेशा याद रखेगा।

सेना के जवानों ने बलिदानी दीपक सिंह को गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
संवाद सहयोगी, जागरण, परगवाल। भारतीय सेना के जवानों ने ड्यूटी के दौरान अपनी जान की बाजी लगाकर देश की रक्षा की है। हाल ही में, कई जवानों ने अपनी ड्यूटी के दौरान वीरगति प्राप्त की है, जिनमें से दीपक सिंह, जो सेना की फार हार्स, आर्म्ड कौर में तैनात थे, गत दिवस जम्मू के कालूचक में एक प्रेक्टिस के दौरान टैंक के टायर के नीचे आने से वीरगति को प्राप्त हुए।
दीपक सिंह परगवाल के मोल गांव के रहने वाले थे और सोमवार को पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। वो अपने पीछे धर्मपत्नी रजनी देवी, दो बेटियों, पारूल व दिव्या व एक बेटे राजवीर सिंह को छोड़ गए है।
सोमवार को शोकागुल माहौल में उनके नौ साल के बेटे राजवीर ने उन्हें मुखाग्नि दी। दीपक सिंह पांच जुलाई 2001 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। उनकी बड़ी बेटीे नौंवी कक्षा में पढ़ती है जबकि छोटी बेटी छठी कक्षा की छात्रा है। वहीं बेटा राजवीर पांचवी कक्षा में पढ़ता है।
दीपक सिंह के गांव के लोगों का कहना है कि दीपक सिंह एक बहुत ही शरीफ लड़का था। ज्यादा किसी से बातचीत नहीं करता था और जब घर छुट्टी आता था तो अपनी खेती बाड़ी में ही व्यस्त रहता था। इस दौरान चार राजपूत के कमांडिंग आफिसर अनिल कुमार की अगुआई में जवानों ने सलामी भी दी।

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