Jammu Kashmir : मिट गईं दूरियां, देशभर के विद्यार्थी जम्मू-कश्मीर के मेडिकल कालेजों में लेने लगे एडमिशन
यह पहली बार है कि यहां पर एमबीबीएस पीजी और डीएनबी कोर्स में अन्य प्रदेशों के विद्यार्थी भी पढ़ाई करेंगे। इससे वरिष्ठ डाक्टर भी उत्साहित हैं। उनका कहना है कि इससे नए युग की शरुआत होगी और विद्यार्थियों को एक दूसरे की संस्कृति से रूबरू होने का भी अवसर मिलेगा।

जम्मू, रोहित जंडियाल : पांच दशक के बाद आखिर राजकीय मेडिकल कालेज जम्मू सहित प्रदेश के अन्य मेडिकल कालेजों में दूसरे प्रदेशों के विद्यार्थियों ने भी एडमिशन लेना शुरू कर दिया है। यह पहली बार है कि यहां पर एमबीबीएस, पीजी और डीएनबी कोर्स में अन्य प्रदेशों के विद्यार्थी भी पढ़ाई करेंगे। इससे वरिष्ठ डाक्टर भी उत्साहित हैं। उनका कहना है कि इससे एक नए युग की शरुआत होगी और विद्यार्थियों को एक दूसरे की संस्कृति से रूबरू होने का भी अवसर मिलेगा।
जम्मू-कश्मीर में इस समय डेढ़ सौ के करीब एमबीबीएस, 44 डीएनबी और दो सौ के करीब पीजी की सीटों पर अखिल भारतीय स्तर प्रतिस्पर्धा हुई। इनमें से डीएनबी अर्थात डिप्लोमैट आफ नेशनल बोर्ड और पीजी की सीटों पर काउंसलिंग पूरी हो चुकी है। एमबीबीएस की सीटों पर अभी काउंसलिंग जारी है। कई प्रदेशों के विद्यार्थी जल्दी ही इन कालेजों में पढ़ाई करने के लिए आना शुरू कर देंगे। अनुच्छेद 370 होने के कारण पहले जम्मू-कश्मीर के मेडिकल कालेज एमबीबीएस में 15 प्रतिशत और पीजी में पचास प्रतिशत सीटें अखिल भारतीय कोटे में नहीं देते थे। इस कारण न तो यहां के मेडिकल कालेजों में अन्य प्रदेशों के विद्यार्थी पढ़ाई कर सकते थे और न ही जम्मू-कश्मीर के विद्यार्थियों को अन्य प्रदेशों में प्रतिस्पर्धा में भाग लेने का अवसर मिलता था।
अनुच्छेद 370 हटने के बाद भी अखिल भारतीय कोटे में सीटें शामिल करने का विरोध होता रहा लेकिन इस बार प्रदेश सरकार ने सीटें अखिल भारतीय कोटे में शामिल करने को हरि झंडी दे दी। सरकार के इस फैसले के बाद अब नए सत्र में मेडिकल कालेजों में माहौल बदला-बदला होगा। पहली बार देश के कई प्रदेशों के विद्यार्थी यहां पर भी एमबीबीएस और पीजी करते हुए नजर आएंगे। सिर्फ मेडिकल कालेज जम्मू की एमबीबीएस की 180 सीटों में 27 पर अन्य प्रदेशों के विद्यार्थी पढ़ाई करते हुए नजर आएंगे।
वहीं पीजी की 198 में से 99 सीटों पर अन्य प्रदेशों के डाक्टर पढ़ाई करते हुए देखे जा सकेंगे। श्रीनगर मेडिकल कालेज में भी इसी प्रकार की स्थित होगी। पांच नए मेडिकल कालेजों कठुआ, राजौरी, डोडा, बारामुला और अनंतनाग में 15-15 विद्यार्थी अन्य प्रदेशों के होंगे। राजकीय मेडिकल कालेज जम्मू में वरिष्ठ डाक्टर कैलाश ठाकुर का कहना है कि यह बहुत अच्छा कदम है। जीएमसी में जब देश के विभिन्न प्रदेशों से विद्वार्थी पढ़ाई करेंगे तो उन्हें एक दूसरे की संस्कृति को भी जानने का अवसर मिलेगा। जम्मू-कश्मीर के विद्यार्थी भी इस सत्र से अन्य प्रदेशों के मेडिकल कालेजों में पढ़ाई शुरू कर देंगे।
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