जम्मू में एमबीबीएस करने वाले विद्यार्थियों ने किया प्रदर्शन, पीजी की सीटें अखिल भारतीय कोटे में शामिल करने पर नाराजगी
वीरवार को लगातार तीसरे दिन विद्यार्थियों ने कक्षाओं का बहिष्कार कर प्रदर्शन किया। उनका आरोप था कि यह जम्मू-कश्मीर के विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।वहीं विद्यार्थियों को युवा कांग्रेस के बाद अपनी पार्टी और नेशनल कांफ्रेंस ने भी अपना समर्थन दिया है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो। राजकीय मेडिकल कालेज जम्मू में एमबीबीएस और इंटरनशिप कर रहे विद्यार्थियों ने पीजी की सीटों में पचास प्रतिशत अखिल भारतीय कोटे में शामिल करने के प्रस्ताव का कड़ा विरोध जता रहे हैं। वीरवार को लगातार तीसरे दिन विद्यार्थियों ने कक्षाओं का बहिष्कार कर प्रदर्शन किया। उनका आरोप था कि यह जम्मू-कश्मीर के विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। वहीं विद्यार्थियों को युवा कांग्रेस के बाद अपनी पार्टी और नेशनल कांफ्रेंस ने भी अपना समर्थन दिया है।
विद्यार्थी प्रिंसिपल कार्यालय के बाहर एकत्रित हुए और उन्होंने वहां से मुख्य गेट तक रैली निकाली। इस दौरान विद्यार्थियों ने हाथों में नारे लिखी तख्तियां उठा रखी थी। उनका आरोप था कि यहां पर सीमित संख्या में सीटें होने के बावजूद उन्हें अखिल भारतीय कोटे में रखा जा रहा है। सरकार के प्रस्ताव के अनुसार राजकीय मेडिकल कालेज जम्मू आपैर श्रीनगर की पीजी की पचास प्रतिशत सीटें तथा शेर-ए-कश्मीर इंस्टीटयूट आफ मेडिकल सांइसेस की सौ प्रतिशत सीटें अखिल भारतीय कोटे में शामिल होगी। प्रदर्शन कर रहे एमबीबीएस छात्रों का नेतृत्व कर रहे सुशांत का कहना था पहले से ही जम्मू-कश्मीर में पीजी की कम सीटें हैं। ऐसे में सरकार के इस प्रस्ताव से सीटें और कम हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता है तो 172 पीजी की सीटें ही जम्मू-कश्मीर के विद्यार्थियों के लिए रह जाएंगी।
जम्मू-कश्मीर में जो पांच नए मेडिकल कालेज खुले हैं उनमें अभी पीजी की सीटें नहीं हैं। जीएमसी जम्मू, श्रीनगर और स्किम्स में ही सीटें हैं। विद्यार्थियों ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होगी, उनका आंदोलन जारी रहेगा।वहीं जम्मू-कश्मीर स्टूडेट एसोसिएशन ने एमबीबीएस विद्यार्थियों को अपना समर्थन देने की घोषणा करते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से इस मामले में हस्तक्षेप करने को कहा। उन्होंने कहा कि जब तक नए मेडिकल कालेजों में पीजी शुरू नहीं होती, तब तक यहां की सीटें अखिल भारतीय कोटे में शामिल न हाें। वहीं कांग्रेस, नेशनल कांफ्रेंस और अपनी पार्टी ने भी उपराज्यपाल से इस मामले में हस्तक्षेप करने को कहा।
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