लोकतंत्र की मजबूती सरकार की प्राथमिकता में
मुख्य सचिव डा. अरुण कुमार मेहता ने कहा कि जम्मू कश्मीर सरकार की प्राथमिकता लोकतंत्र को जमीनी स्तर पर मजबूत बनाना है। प्रत्येक व्यक्ति को राजनीतिक सामाजिक व आíथक रूप से सशक्त बनाना है।

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: मुख्य सचिव डा. अरुण कुमार मेहता ने कहा कि जम्मू कश्मीर सरकार की प्राथमिकता लोकतंत्र को जमीनी स्तर पर मजबूत बनाना है। प्रत्येक व्यक्ति को राजनीतिक, सामाजिक व आíथक रूप से सशक्त बनाना है। जम्मू कश्मीर के चहुंमुखी विकास के प्रति सरकार की संकल्पबद्धता को दोहराते हुए कहा कि प्रदेश में 73वें संविधान संशोधन अधिनियम को अक्षरक्ष: पूरी तरह लागू करने का यकीन दिलाया है।
मेहता ने सोमवार को प्रदेश के सभी जिलों के जिला विकास परिषदों के अध्यक्षों की बैठक ली है। बतौर मुख्य सचिव उनकी यह पहली बैठक है, जिसमें सभी दोनों मंडलायुक्त, जम्मू व कश्मीर रेंज के आइजीपी, सभी जिला उपायुक्तों और जिला एसएसपी समेत सभी प्रमुख प्रशासनिक अधिकारियों ने भी भाग लिया। मेहता को गत 29 मई को ही बीवीआर सुब्रह्मण्यम के स्थान पर प्रदेश का नया मुख्य सचिव बनाया गया है। हालाकि, 31 मई को उन्होंने बतौर मुख्य सचिव काम भी शुरू कर दिया था, लेकिन सुब्रह्मण्यम ने उन्हें मुख्य सचिव का कार्यभार औपचारिक रूप से नहीं सौपा था। अब सोमवार को उन्होंने यह कार्यभार सौंपा है। सुब्रह्मण्यम को केंद्रीय उद्योग एवं वाणिज्य मंत्रालय में 30 जून को बतौर सचिव कार्यभार संभालने से पूर्व एक माह के लिए आफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी नियुक्त किया गया है।
मेहता ने शाम को हुई मैराथन बैठक में सभी प्रशासनिक मुद्दों, पंचायत संस्थानों की कार्यप्रणाली, पंच-सरपंचों से जुड़े मुद्दों, विकास कार्यो, कोविड प्रबंधन और कानून व्यवस्था से जुड़े मामलों की जानकारी ली। बैठक में गृह विभाग के प्रधान सचिव और ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव भी मौजूद थे। मुख्य सचिव ने जम्मू कश्मीर में लोकतात्रिक संस्थानों को राजनीतिक, आíथक रूप से मजबूत बनाए जाने की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि जिला विकास परिषदों, ब्लाक विकास परिषदों और पंचायतों ने जीवंत जमीनी लोकतंत्र की नींव रखी है। उन्होंने कहा कि हाल ही में भारत के संविधान की 11वीं अनुसूची में वíणत 29 कार्यो के संबंध में शक्तियों के हस्तातरण ने जम्मू-कश्मीर में पंचायती राज संस्थानों को और मजबूत किया है। कोरोना संक्रमण रोकने में जनसहयोग जरूरी
मुख्य सचिव ने कहा कि कोरोना संक्रमण पर पूरी तरह काबू पाने में जनसहयोग की जरूरत है। पंचायत प्रतिनिधियों को इसमें अहम भूमिका निभानी है। जिला विकास परिषदों से व्यापक जन संपर्क और भागीदारी के माध्यम से योजना निर्माण के दौरान सहभागी लोकतंत्र को प्रोत्साहित करने का आग्रह किया। उन्होंने उन्हें कोविड खतरे के प्रति सतर्क रहने और अपने अपने कार्याधिकार क्षेत्र में कोविड एसओपी के अनुपालन को पूरी तरह सुनिश्चित बनापने के लिए कहा।
डीडीसी अध्यक्षों को मिला भरोसा
बैठक में जिला विकास परिषद (डीडीसी) के अध्यक्षों ने अपने मुद्दों से अवगत कराते हुए संविधान के 73वें संशोधन अधिनियम का मामला भी उठाया। इस पर मुख्य सचिव ने जिला विकास परिषदों को पंचायती राज संस्थाओं के प्रगतिशील सुदृढ़ीकरण तथा 73वें संविधान संशोधन अधिनियम में निहित विभिन्न प्रावधानों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए विस्तृत सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में यह संशोधन अधिनियम पूरी तरह लागू होगा। इसे अक्षरक्ष: प्रभावी बनाया जाएगा।
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