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India-China Border Issue: भारत-चीन सीमा पर फिर बना विवाद, श्रीनगर-लेह हाइवे आम लोगों के लिए किया बंद

Srinagar Leh Road closed जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने श्रीनगर-लेह मार्ग को आम लोगों के लिए बंद कर दिया है। इस मार्ग पर केवल सेना के वाहनों को अनुमति दी जा रही है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 31 Aug 2020 12:11 PM (IST)Updated: Mon, 31 Aug 2020 03:46 PM (IST)
India-China Border Issue: भारत-चीन सीमा पर फिर बना विवाद, श्रीनगर-लेह हाइवे आम लोगों के लिए किया बंद
India-China Border Issue: भारत-चीन सीमा पर फिर बना विवाद, श्रीनगर-लेह हाइवे आम लोगों के लिए किया बंद

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। पूर्वी लद्दाख में पैगांग त्सो झील में चीनी सेना से भारतीय सेना की झड़प से उपजे तनावपूर्ण हालात में सेना का साजो सामान को जल्द अग्रिम इलाकों तक पहुंचाने के लिए श्रीनगर-लेह राजमार्ग आम ट्रैफिक के लिए बंद कर दिया गया है।

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यात्री वाहनों, सामान सप्लाई करने वाले ट्रकों को श्रीनगर-लेह राजमार्ग पर सोनमर्ग में रोक लिया गया है। सिर्फ सेना व सुरक्षाबलों के वाहनों को ही लेह की ओर जानेे की इजाजत दी जा रही है। इस समय सेना की पूरी कोशिश है कि पूर्वी लद्दाख में साजो सामान पहुंचाने की प्रक्रिया में काेई बाधा न आए।

पूर्वी लद्दाख में इस समय सेना किसी भी प्रकार के हालात से निपटने के लिए पहली से पूरी तैयार कर रखी है। गलवन में खूनी संघर्ष के दौरान अपने बीस जवानों की शहादत का बदला दुश्मन के 35 से अधिक सैनिकों को मार कर लेने वाले सेना के जवानों का हौंसला बुलंद है। इस बुलंद हौंसले का प्रदर्शन उन्होंने पैगांग त्सो झील के दक्षिणी छोर पर चीनी सेना के जवानों को पीछे धकेल कर दिया है।

चीन ने गलवन घाटी में 15 जून को खूनी संघर्ष से उपजे हालात में हालात बेहतरी के लिए दोनों सेनाओं के बीच हुई बातचीत की प्रक्रिया को दरकिनार कर फिर से घुसपैठ की काेशिश की है। ऐसे हालात में इस समय क्षेत्र में सेना व वायुसेना किसी भी प्रकार के हालात से निपटने के लिए हाई अलर्ट हैं।

सेना के सेवानिवृत मेजर जनरल जीएस जम्वाल का कहना है कि चीन इस बार हमे धोखा नही दे सकता है। ऐसे में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर उसकी साजिशों को नाकाम बनाने के लिए हमारी सेना की पूरी तैयारी है। बातचीत की प्रक्रिया से चीन ने ध्यान बंटाने की नाकाम कोशिश की है। इस दौरान हमारी सेना ने क्षेत्र में मजबूत होने के लिए अपनी मुहिम को लगातार जारी रखा है। गलवन के बाद के अढ़ाई महीनों में सेना ने चीन की सेना को कभी न भूलने वाला सबक सिखाने के लिए खुद को बहुत मजबूत किया है। ऐसे में अब पूर्वी लद्दाख में सेना, वायुसेना के बेड़े में न सिर्फ सभी आधुनिक हथियार हैं। इसके कहीं अधिक महत्वूपर्ण दुर्गम हालात में युद्ध् लड़ने में हमारे सैनिकों का बुलंद हौंसला है।

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