जम्मू-कश्मीर में लिथियम भंडार कम होने के संकेत, जनवरी में आएगी अंतिम रिपोर्ट
केंद्रीय कोयला एवं खनन मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में लिथियम के बड़े भंडार के संकेत नहीं मिले हैं। जीएसआई द्वारा की जा रही जी2-स्तर की विस्तृत खोज जनवरी 2025 में पूरी होगी, जिसके बाद ही लिथियम भंडार की मात्रा का आकलन होगा। सरकार अंतिम रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की प्रक्रिया शुरू करेगी।

जम्मू-कश्मीर में लिथियम भंडार की अंतिम रिपोर्ट जनवरी में। सांकेतिक तस्वीर
राज्य ब्यूरो, जम्मू। केंद्रीय कोयला एवं खनन मंत्री जी किशन रेड्डी ने सोमवार को कहा कि शुरुआती जांच में जम्मू-कश्मीर में बड़े पैमाने पर लिथियम भंडार होने के संकेत नहीं मिले हैं। उन्होंने बताया कि जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा की जा रही जी2-स्तर की विस्तृत खोज जनवरी 2025 में पूरी होगी, जिसके बाद ही लिथियम भंडार की मात्रा, गुणवत्ता और आर्थिक संभावनाओं पर स्पष्ट और ठोस आकलन सामने आएगा।
गौरतलब है कि वर्ष 2023 की शुरुआत में जीएसआई की जी3 (एडवांस्ड) स्टडी के आधार पर रियासी जिले में 5.9 मिलियन टन लिथियम भंडार मिलने का दावा किया गया था, जिसके बाद पूरे देश में इस खोज को लेकर चर्चा तेज हो गई थी।
जम्मू में पत्रकारों से बातचीत में रेड्डी ने कहा कि लिथियम भंडार को लेकर देशभर में चर्चा है। आमतौर पर सरकार जी4 रिपोर्ट के बाद ही नीलामी करती है, लेकिन लिथियम के मामले में हमने जी4 और जी3 दोनों सर्वे किए हैं और अब जी2 स्टडी अंतिम चरण में है, जो जनवरी में पूरी हो जाएगी। उन्होंने बताया कि सामान्य परिस्थिति में नीलामी के बाद संबंधित कंपनी अंतिम खोज करती है, लेकिन प्रारंभिक संकेत कम भंडार की ओर इशारा करते हैं। इसी कारण सरकार ने खुद अंतिम स्तर की खोज कराने का निर्णय लिया है।
रेड्डी ने कहा कि अगर भंडार कम निकले, तो निजी कंपनियों को नीलामी के लिए बुलाना उचित नहीं होगा। हम पूरी स्पष्टता के साथ अंतिम रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की प्रक्रिया शुरू करेंगे।
इसके साथ ही मंत्री ने राजौरी, पुंछ और अनंतनाग जिलों में सात चूना पत्थर (लाइमस्टोन) ब्लॉकों की नीलामी को ऐतिहासिक कदम बताया और कहा कि अब इच्छुक कोई भी कंपनी इन खनन ब्लॉकों के लिए बोली लगा सकती है।

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