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    श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड का हुआ पुनर्गठन, आठ सदस्यों को बोर्ड में शामिल किया गया

    By Lokesh Chandra MishraEdited By:
    Updated: Mon, 21 Mar 2022 09:30 PM (IST)

    चेयरमैन उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आठ सदस्यों को बोर्ड में शामिल किया है। इसमें स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज डीसी रैना कैलाश मेहरा साधु केएन राय केएन श्रीवास्तव पितांबर लाल गुप्ता शैलेश रैना और प्रो. विष्णु मूर्ति शास्त्री शामिल हैं।

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    बाबा अमरनाथ यात्रा का प्रबंधन और यात्रा की सुविधाओं का जिम्मा बोर्ड का होता है।

    जम्मू, राज्य ब्यूरो : श्री बाबा अमरनाथ की वार्षिक यात्रा से पहले श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड का पुनर्गठन किया गया है। बतौर बोर्ड के चेयरमैन उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आठ सदस्यों को बोर्ड में शामिल किया है। इसमें स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज, डीसी रैना, कैलाश मेहरा साधु, केएन राय, केएन श्रीवास्तव, पितांबर लाल गुप्ता, शैलेश रैना और प्रो. विष्णु मूर्ति शास्त्री शामिल हैं। बाबा अमरनाथ यात्रा का प्रबंधन और यात्रा की सुविधाओं का जिम्मा बोर्ड का होता है। बोर्ड ही यात्रा शुरू करने, पंजीकरण समेत यात्रा के प्रबंधन का हर फैसला करता है। 

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    बोर्ड के पुनर्गठन में शामिल किए विश्व विख्यात आध्यात्मिक गुरु अवधेशानंद गिरि जी महाराज एक राष्ट्रीय हस्ती है। एक संत, लेखक व दार्शनिक स्वामी जी जलवायु परिर्वतन, विभिन्न वर्गों में आपसी भाईचारे पर बात करते हैं और उन्हें इसके लिए राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आमंत्रित किया जाता है। वह जूना अखाड़ा के महामंडेलश्वर और समन्वय सेवा ट्रस्ट के चेयरमैन भी हैं। प्रो. विश्व मूर्ति शास्त्री एक हस्ती है, जिन्होंने अपना जीवन भारत की संस्कृति को बहाल और संस्कृत भाषा के उत्थान के लिए समर्पित किया। संस्कृत साहित्य में योगदान के लिए उन्हें पद् श्री से नवाजा गया है।

    पूर्व चीफ इंजीनियर और डीआरडीओ के रणनीतिक प्रोजेक्ट के सलाहकार केएन राय बहुमुखी व्यक्तित्व के धनी हैं। वह अपने समय के महान सिविल इंजीनियर रहे हैं, जिनको डीआरडीओ की सभी पचास विशेष प्रतिष्ठानों व लैब की योजना, डिजाइन व निर्माण करने का श्रेय जाता है। डीआरडीओ में जाने पहले राय ने 1969 से लेकर 1988 तक भारतीय सेना कोर आफ इंजीनियर में सेवाएं दी।

    केएन श्रीवास्तव साल 1978 बैच के कर्नाटक कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं। वह नागरिक विमानन मंत्रालय में सचिव भी रहे हैं। बैंगलोर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट शुरू करने में अहम भूमिका निभाने वाले श्रीवास्तव ने प्रोजेक्ट के पहले प्रबंध निदेशक थे। वह एक ऐसा अधिकारी है जिनका चयन आइएफएस, आइआरएस, आइपीएस व आइएएस के लिए हुआ था। साल 2013 में सेवानिवृत्त होने के बाद श्रीवास्तव ने केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के प्रशासनिक सदस्य के रूप में सेवा दी।

    अन्य सदस्य डा. शैलेश रैना जसलोक अस्पताल मुंबई में यूरोलाजी एंड रेनल ट्रांसप्लांटेशन के अध्यक्ष और निदेशक हैं। मूल रूप से जम्मू कश्मीर के रहने वाले डा. रैना ने जीएमसी जम्मू श्रीनगर में ट्रांसप्लांट की शुरुआत की थी। वह जम्मू-कश्मीर के उभरते हुए यूरोलाजी के डाक्टरों का परामर्श करते हैं और पारंपरिक व सांस्कृतिक रूप से जम्मू कश्मीर से जुड़े हुए हैं।

    कैलाश मेहरा साधु, पंडित स्वरूप नाथ और पंडित शंभूनाथ सोपोरी की शिष्या है। मेहरा ने जम्मू कश्मीर कला, संस्कृति व भाषा अकादमी में बतौर इंस्ट्रक्टर के रूप में काम किया। वह इस समय मौलाना आजाद मेमोरियल कॉलेज में म्यूजिक की प्रोफेसर है। जबकि एडवोकेट डीसी रैना जम्मू कश्मीर के एडवोकेट एडवोकेट जनरल रहे हैं। वह बार एसोसिएशन जम्मू के प्रधान भी रहे हैं। पूर्व चीफ विजिलेंस कमिश्नर और आइजी पुलिस पितम्बर लाल गुप्ता सेवानिवृत्त आइपीएस अधिकारी हैं। अपनी सेवाओं के दौरान उन्होंने निडर, निष्ठावन पुलिस अधिकारी के तौर पर काम किया और जम्मू-कश्मीर की आंतरिक सुरक्षा को बेहतर बनाने में सहयोग दिया।