शिव-पार्वती मिलन आत्मा का परमात्मा से मिलन है
जागरण संवाददाता, जम्मू : 'महाशिवरात्रि का पावन पर्व शव तत्व से उपर उठकर शिव तत्व को प्राप्त करन ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, जम्मू : 'महाशिवरात्रि का पावन पर्व शव तत्व से उपर उठकर शिव तत्व को प्राप्त करने का संदेश देता है। भगवान शिव का माता पार्वती के संग विवाह कोई साधरण विवाह नहीं है।' पार्वती जी का शिव से मिलन आत्मा का परमात्मा से मिलन है।
दिव्य ज्योति जागृति संस्थान की ओर से जानीपुर में आयोजित श्री शिव कथामृत में संगत पर अपने प्रवचनों की अमृत वर्षा करते हुए साध्वी गरिमा भारती जी ने कहा कि शिव-पार्वती विवाह आध्यात्मिक दृष्टि से शिव का शक्ति से मिलन है। माता पार्वती जीवात्मा का प्रतीक है और भगवान शिव परमात्मा है। प्रत्येक जीवात्मा परमात्मा से पार्वती की तरह मिलने के लिए व्याकुल है। भगवान को पाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति अपने स्तर पर प्रयास कर रहा है। लेकिन हमारे धर्मग्रंथ कहते हैं कि बिना गुरु के किसी को भी भगवान की प्राप्ति नहीं होती है। भगवान शिव व माता पार्वती का मिलन महर्षि नारद जी के द्वारा संभव हो पाया। नारद जी गुरु की भूमिका को निभाते हैं।
आज मानव कहता है हमें गुरु की क्या आवश्यकता हैं? गुरु भी तो प्रभु की भक्ति ही करवाता है।
साध्वी ने कहा कि उनका संस्थान युवाओं को स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी में जाकर ब्रह्माज्ञान प्रदान कर संस्कृति के पावन आकाश में उड़ना सिखा रहे है। माता पिता का सम्मान करना, मातृ भूमि से प्रेम करना, समाज के प्रति उत्तरादायित्वों का ज्ञान करवा रहे हैं। युवा वर्ग आज युवा परिवार सेवा समिति के नाम से दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान का अंग बनकर समाज सुधर के कार्य में संलग्न है। युवाओें में आए बदलाव का कारण वह सनातन पुरातन ब्रह्मा ज्ञान ध्यान साधना है।
दिव्य प्रवचनों का रसपान करने के लिए जैकफेड वाईस चेयरमैन मुनीश शर्मा, प्रेम लता खेहर, साध्वी निशा भारती, भारतीय जनता युवा मोर्चा नौशहरा के प्रधान शाम मेहरा, विश्व हिन्दू परिषद के उपप्रधान शक्ति धर सहित अन्य कई गणमान्य पहुंचे थे। कथा का समापन प्रभु की पावन आरती से किया गया।

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