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    शेरगढ़ी श्रीनगर और मुबारक मंडी जम्मू दोनों ही प्रदेश की महान स्थापत्य कला का प्रतीक : उपराज्यपाल मनोज सिन्हा

    By Vikas AbrolEdited By:
    Updated: Sun, 24 Jul 2022 09:52 AM (IST)

    उपराज्यपाल ने संस्कृति विभाग को विशेषज्ञों की मदद से संरक्षण योजना को लागू करने का निर्देश दिए। उन्होंंने कहा कि जम्मू कश्मीर में प्राचीन सांस्कृतिक ध ...और पढ़ें

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    जम्मू की प्रसिद्ध ऐतिहासिक मुबारक मंडी जिसका जीर्णोद्धार जारी है।

    श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शेरगढ़ी श्रीनगर और मुबारक मंडी जम्मू के संरक्षण और पुनर्बहाली की कार्ययोजना के त्वरित क्रियान्वन के लिए संबंधित अधिकारियों को संस्कृति विभाग से संपर्क करने का निर्देश दिया। उन्होंने शनिवार को हुई बैठक में जम्मू कश्मीर में प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर स्थलों की पुनर्बहाली, जीर्णाेद्धार व संरक्षण योजना के प्रभावी क्रियान्वन की कार्ययोजना की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि शेरगढ़ी श्रीनगर और मुबारक मंडी जम्मू दोनों ही प्रदेश की महान स्थापत्य कला का प्रतीक हैं। संरक्षण के प्रयासों को हमारी महान सभ्यता और सांस्कृतिक विरासत के सौंदर्य, ऐतिहासिक और सामाजिक मूल्यों को बनाए रखना चाहिए।

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    उपराज्यपाल ने संस्कृति विभाग को विशेषज्ञों की मदद से संरक्षण योजना को लागू करने का निर्देश दिए। उन्होंंने कहा कि जम्मू कश्मीर में प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर स्थलों की पुनर्बहाली, जीर्णाेद्धार व संरक्षण योजना को पूरी पारदर्शिता के साथ लागू करते हुए इसकी निगरानी भी प्रभावी तरीके से करनी चाहिए।

    ऐतिहासिक व सांस्कृतिक और धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण स्थलों को चिह्नित किया जाए। उनकी मरम्मत, संरक्षण और जीर्णाेद्धार का कार्य तेजी से किया जाए। परियोजना का क्रियान्वन ऐसा होना चाहिए कि समाज के प्रत्येक वर्ग और क्षेत्र के प्रतिनिधित्व की उसमें झलक मिले। कश्मीर व जम्मू में जारी विभिन्न ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण योजना की जानकारी देते हुए संबधित अधिकारियों ने बताया कि जम्मू में 18 और कश्मीर में 17 धरोहरों को इस योजना के तहत स्वीकृत किया है। इनमें मंदिर, जियारतगाहें, गुरुद्वारा, गिरजाघर, बावलियां शामिल हैं। उपराज्यपाल ने कहा कि पहले से स्वीकृत इन योजनाओं पर काम जल्द शुरू होना चाहिए।

    उपराज्यपाल ने संस्कृति विभाग को अमूर्त विरासत और ज्ञान विरासत को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल पुस्तकालय विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव दिया। विभाग को स्थानीय कलाकारों के कल्याण पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए। इसके लिए उनकी मदद के लिए उन्हें हर संभव समर्थन दिया जाए। युवा कलाकारों और हस्तशिल्पियों के हुनर को निखारने के लिए विभाग को कला मे दक्ष और सिद्धहस्त कलाकारों व शिल्पियों की मदद लेनी चाहिए। उन्होंने जम्मू कश्मीर की कला संस्कृति को अन्य राज्यों के लोगों के बीच प्रचारित प्रसारित करने और अन्य राज्यों की कला संस्कृति को जम्मू कश्मीर की जनता के बीच प्रोत्साहित करने की जरूरत पर जोर दिया।